नितिन मिश्रा. RAIPUR. छत्तीसगढ़ में डेंगू तेजी से अपने पैर पसार रहा रहा है। एम्स की जांच में सामने आया है कि ज्यादातर मरीजों में डेंगू के डेन–2 के लक्षण हैं। बदलते मौसम के साथ डेंगू की बीमारी बढ़ रही है। प्रदेश में डेंगू के अब तक 500 से ज्यादा केस सामने आए हैं। वहीं ज्यादातर मरीज प्रायवेट अस्पतालों में अपना इलाज करा रहें हैं।
डेन–2 कम खतरनाक लेकिन तेजी से फैल रहा
डेंगू की लगातार शिकायतों के बाद पिछले दिनों प्रभावितों के सैंपल लेकर एम्स के लैब में इसकी जांच कराई गई थी। जिसमें डेन-2 की पुष्टि हुई है। ठहरे हुए साफ पानी में पनपने वाला एडीस मच्छर डेन-2 नामक डेंगू के स्ट्रेन से लोगों की बीमार कर रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक राज्य में डेंगू के करीब पांच सौ मामले आ चुके हैं। बदलते मौसम में एडीस मच्छर के काटने पर डेंगू पीडित हो रहे ज्यादातर लोगों में डेन-2 स्ट्रेन पाया गया है। डेन-3, डेन-4 से कम खतरनाक यह स्ट्रेन लोगों को बीमार कर रहा है। बारिश के बाद डेंगू की बीमारी सामने आती है। लेकिन इस बार डेंगू के कुछ ज्यादा ही मामले सामने आ रहें हैं।
प्रायवेट अस्पतालों में ज्यादा मरीज
शासकीय आंकड़ों के अनुसार पिछले नौ महीने में राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या पांच सौ के करीब पहुंच चुकी है। इनमें प्रायवेट अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज ज्यादा हैं। प्रायवेट अस्पतालों में डेंगू का इलाज कराने वालों की संख्या दो से तीन गुना ज्यादा है। प्रायवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले डेंगू के प्रकरणों की जांच भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है।
सबसे ज्यादा खतरनाक हैं डेन -3 और डेन– 4
विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू के चार स्ट्रेन ट्रेन 1, डेन 2. देन 3, डेन 4 मिलते हैं। डेन -3 और डेन– 4 में स्थिति गंभीर हो जाती है. कई बार बुखार दिमाग तक पहुंच जाता है और लोगों को जान तक गंवानी पड़ जाती है। डेन-1 और 2 को ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता, मगर यह लोगों को ज्यादा बीमार कर देता है। रायपुर जिले में डेंगू के 20 एक्टिव मरीज हैं।