छत्तीसगढ़ में अब तक नहीं हो पाई चावल की वसूली, साढ़े सात लाख मिट्रिक टन की वसूली बाकी, मिलरों की कटेगी प्रोत्साहन राशि

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में अब तक नहीं हो पाई चावल की वसूली, साढ़े सात लाख मिट्रिक टन की वसूली बाकी, मिलरों की कटेगी प्रोत्साहन राशि



नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अब तक राइस मिलरों ने चावल को जमा नहीं किया है। इन राइस मिलरों से करीब साढ़े सात लाख मिट्रिक टन चावल की वसूली बाकी है। प्रशासन भी अब चावल वसूली के लिए सख्त रवैया अपना रहा है। इस संबंध में मिलरों को नोटिस भेजा गया है। 30 सितंबर को चावल जमा करने की आखिरी तारीख है। कई जिलों में एफआईआर की तैयारी है तो वहीं मिलरो की प्रोत्साहन राशि काटी जाएगी।

मिलरों पर शिकंजा कसना शुरू

धान कर उठा करने के बाद कस्टम मिलिंग का चावल लंबे समय से जमा करने नहीं वाले राइस मिलरों पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खाद्य विभाग द्वारा ऐसे 10 राइस मिलरों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस जारी किया गया है। लांजा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित है। बताया गया है कि कस्टम मिलिंग के लिए जिले के 134 राइस मिलरों ने अनुबंध किया है। जिसमें से 10 राइस मिलर ऐसे है, जो लंबे समय से जमा नहीं कर रहे है।

अरवा और उसना चावल जमा करना है

मिलरों के कस्टम मिलिंग के लिए अरवा और उसना चावल (मोटा) दोनों को मिलिग करके जमा करवाना है। पिछले सीजन में खरीदे गए धन एक हिस्सा रवा तथा दूसरा हिस्सा उसना तैयार करने के लिए मिलरों को उसके अनुबंध के अनुसार दिया गया है। मिलर अपने अनुबंध के मुताबिक अरवा उसना चावल जमा करा रहे है इसमें साढ़े सात लाख मीट्रिक टन चावल जमा नहीं हो पाया है। अब तक मिलने 65 लाख मट्रिक टन चावल जमा कराया है।

काटी जाएगी प्रोत्साहन राशि

राज्य सरकार ने प्रदेश के मिलरों को राहत पिछले साल कस्टम मिलिंग के लिए प्रति क्विंटल 120 रुपए के हिसाब से राशि देने का फैसला किया था। अब बताया जा रहा है कि जिन मिलरों से मिलिंग क्षमता के अनुरूप समय पर चावल जमा नहीं किया गया है. उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाएगी। इस मामले को लेकर दुर्ग सहित कुछ अन्य जिलों में मिलत नोटिस दिए गए है।

2280 मिलरों ने किए हैं 4890 अनुबंध

राज्य में साल 2022-23 के धन की कस्टन मिल के लिए प्रदेश के 2 हजार 280 मिलरों ने राज्य सरकार से कस्टम मिलिता के लिए अनुबंध किया है। मिलरों द्वारा किए गए अनुबंधों की संख्या 4 हजार 990 है। इनमें से बड़ी संख्या में मिलरों ने अब तक कस्टम मिलिंग का पूरा चावल सेंट्रल पूल के लिए एफसीआई और राज्य के लिए नागरिक आपूर्ति निगम में जमा नहीं कराया है। बताया गया है कि कुछ मिलरों के 10 प्रतिशतभी नहीं दिया है। ऐसे मिलर सरकार के बिल पर है। इन्हें संबंधित जिला प्रशासन द्वारा नोटिस जारी की जा रही है। कुछ जिलों में मिलरों के खिलाफ एफआईआर भी करवाई जा रही है।

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