छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग में पीजी की 80 प्रतिशत सीटें खाली, एमबीए में 58 प्रतिशत सीटें ही भरी, पीजी कोर्सों के हाल बेहाल

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग में पीजी की 80 प्रतिशत सीटें खाली, एमबीए में 58 प्रतिशत सीटें ही भरी, पीजी कोर्सों के हाल बेहाल

नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की इस साल 80 प्रतिशत सीटें खाली रह गई हैं। वहीं एमबीए की भी लगभग 58 प्रतिशत सीटें खाली बच गई हैं। केवल एमबीए और एमटेक ही नहीं पीजी की लगभग सभी सीटों का यही हाल है। सबसे अच्छी हालत एमफार्मा कोर्स की है। जिसमें करीब 74 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन हुए हैं

पीजी कोर्सों का हाल बेहाल

इन दिनों छात्रों का नियमित पढ़ाई से इतना मोह भंग हो चुका है कि ज्यादातर कोर्स की 50 फीसदी सीटें भी नहीं भर सकी हैं। इंजीनियरिंग के स्नातक पाठ्यक्रम के बाद स्नातकोत्तर की स्थिति भी बेहद खराब हो चुकी है। एमटेक की सिर्फ 19.11 फीसदी सीटें ही भरी हैं। एमबीए की भी आधे से ज्यादा सीटें खाली हैं। इसके अलावा मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन की हालत भी विशेष अच्छी नहीं है। तकनीकी शिक्षा संचालनालय के अंतर्गत संचालित होने वाले सभी पाठ्यक्रम मिलाकर सीट संख्या 46 हजार 551 है। इनमें से 34.44 प्रतिशत अर्थात 16 हजार 33 सीटों में ही प्रवेश हुए हैं। लगभग सभी पाठ्यक्रमों में दो चरणों की काउंसिलिंग हो चुकी है। अब स्पॉट काउंसिलिंग की जा रही है। ट्रेंड के अनुसार, शुरुआती चरणों में सीटें रिक्त रहने के बाद स्पॉट काउंसिलिंग में इनके मरने की संभावना बहुत कम रहती है।

किसी विषय में 75 प्रतिशत से ज्यादा एडमिशन

पीजी कोर्सों के किसी भी विषय के 75 प्रतिशत से ज्यादा एडमिशन नहीं हुए हैं। बल्कि कई विषयों में 20 प्रतिशत से कम एडमिशन हुए हैं। डी. फॉर्मेसी की 5 हजार 186 सीटें हैं। इनमें से 2 हजार 553 अर्थात 49.22% पर प्रवेश हुए हैं। एमटेक की एक हजार 104 में से 211 सीटें भरी है। यह कुल सीटों का 19.11% है। एमबीए की एक हजार 710 सीटें हैं। इनमें से सिर्फ 823 सीटें ही भर सकी है। 52% सीटें खाली रह गई हैं। एमसीए की 548 सीटों में से 269 अर्थात 49.08% सीटों में प्रवेश छात्रों ने लिए हैं। एमफॉर्मा की 449 सीटों में से 332 अर्थात 73.94% सीटें भर गई है।

यूजी के कोर्स भी यही हाल लेकिन पीजी से ज्यादा एडमिशन हुए

यूजी में भी इस बार काम एडमिशन हुए हैं लेकिन पीजी से यूजी कोर्सों की हालत ज्यादा अच्छी है। बी. फॉर्मा की 3 हजार 737 सीटें है। इनमें से 2 हजार 193 अर्थात 56% सीटें भर गई हैं। लेटरल बी. फार्मा की 1 हजार 887 सीटों में से 118 भर गई है। यह कुल सीटों का मात्र 6.25% है। बीटेक की 10 हजार 290 सीटों में से सिर्फ 44.24% अर्थात 4 हजार 553 में ही दाखिले हुए हैं। लेटरल बीटेक की 7 हजार 88 सीटों में से 960 में प्रवेश हुए हैं। जो कुल सीट का 1354% है।सीडीडीएम की 120 में से 49 अर्थात 40.83% सीट भरी है। डीई एंड आर्ची की 7 हजार 615 में से 2 हजार 855 सीटें भरी है। यह कुल सीट का 37.49% है।लेटरल डीई की 6 हजार 551 में से एक हजार 105 सीटों में प्रवेश हुआ है, जो 16.86% है। डीएचएमसीटी की 266 में से 112 अर्थात 42.10% में एडमिशन हुए हैं

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