नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में मानसून की वापसी हुई। कई जगहों पर तेज बारिश भी देखने को मिली। लेकिन कई जिले इस बारिश से फिर अछूते रह गए। प्रदेश के 9 जिलों ने औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे कम वर्ष सरगुजा में दर्ज की गई है। कम बारिश का सीधा असर खेती पर पद रहा है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून की बेरुखी
प्रदेश में कम बारिश होने की वजह दक्षिण-पश्चिम मानसून की बेरुखी है। इस बार नौ जिले संकट की स्थिति से गुजर रहे हैं। सरगुजा समेत नौ जिलों में मानसून सीजन के दौरान दस इंच से कम बारिश हुई है, जिसकी भरपाई बचे हुए दिनों में होना बेहद मुश्किल है। बंगाल की खाड़ी में बना निम्नदाब उत्तर दिशा की ओर है, जिसकी वजह से कुछ स्थानों में भारी, बाकी क्षेत्र में वर्षा का प्रभाव हल्की से मध्यम रहने के आसार हैं। सरगुजा जिला पिछले छह साल से लगातार बारिश के कमी से जूझ रहा है और इस बार भी यहां का संकट अन्य जिलों से काफी अधिक है। मौसम "विशेषज्ञों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में सक्रिय होने वाले ज्यादातर सिस्टम का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की ओर जाते-जाते कमजोर हो जाता है, जिसकी वजह से वहां वर्षा का प्रभाव कमजोर होने लगता है। बारिश के सीजन यानी 30 सितंबर तक कोटे की भरपाई होना असंभव सा प्रतीत होता है।
किस जिले में कितना संकट
सरगुजा– 475.8 मिमी वर्षा हुई अभी 27 इंच बारिश की कमी है। सूरजपुर– 722.5 मिमी 14 इंच बारिश की कमी, कोरिया– 831.7 मिमी 10 इंच बारिश की कमी,कोरबा– 904.4 मिमी 13 इंच बारिश की कमी ,कोंडागांव– 845.8 मिमी 24 इंच बारिश की कमी,जशपुर – 732 मिमी 23 इंच बारिश की कमी ,जांजगीर –876.5 मिमी 10 इंच बारिश की कमी,दंतेवाड़ा – 937.8 मिमी 11इंच बारिश की कमी और बलरामपुर में 836 मिमी वर्ष हुई है, यहां 10 इंच बारिश की आवश्यकता है।