नितिन मिश्रा, RAIPUR. राजधानी में स्थित पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने कॉपियों की रिचेंकिंग के बाद रिजल्ट जारी कर दिए हैं। जिसमें बीए, बीएससी बीकॉम की कॉपी दोबारा जांचने पर 349 विद्यार्थी पास हो गए हैं। वहीं 197 फेल विद्यार्थी सप्लीमेंट्री आए हैं। बता दें कि विश्वविद्यालय की परीक्षा के परिणाम विवादों में रहें हैं।
नए परिणाम घोषित
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कॉपियों की रिचेकिंग के बाद आए परिणामों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। विद्यार्थी विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर परिणाम चेक कर सकते हैं। जारी किए गए परिणाम में बीसीए के कुछ विद्यार्थियों के नतीजे भी बदले हैं, लेकिन यह बीकॉम और बीएससी की तुलना में कम रहे। बीसीए सेकंड में 6 छात्र पूरक से पास हो गए हैं। 31 छात्रों के अंक बढ़े हैं. लेकिन परिणाम अपरिवर्तित रहे। वहीं 12 छात्रों के अंक घटे भी है। -बीकॉम द्वितीय वर्ष में 21 छात्र फेल से पास हो गए हैं। पूरक से पास होने वाले छात्रों की संख्या 124 रही। फेल से पूरक की श्रेणी में 54 छात्र पुनर्मूल्यांकन के बाद आ गए हैं। 185 छात्रों के अंक बढ़े हैं तथा 174 के अंक घटे हैं, लेकिन इनके नतीजों में कोई बदलाव नहीं हुआ। - बीएससी सेकंड ईयर में 41 छात्र फेल से पास तथा 157 पूरक से पास हो गए हैं। फेल से पूरक की श्रेणी में 143 छात्र आ गए हैं। इनके अलावा 273 छात्रों के अंक घटे हैं तथा 453 के अंक बढ़े हैं, लेकिन नतीजे अपरिवर्तित रहे।
अन्य 6 सेमेस्टरों के रिजल्ट भी हुए हैं जारी
विश्वविद्यालय द्वारा पुनर्मूल्यांकन के रिजल्ट्स के अलावा 6 सेमेस्टर परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित कर दिए हैं। बीएएलएलबी सेकंड ईयर की परीक्षा में 160 छात्र शामिल हुए थे। इनमें से 70.63 प्रतिशत अर्थात 113 छात्र उत्तीर्ण रहे। एमए फिलॉसफी एंड योगा के नतीजे 92.59 प्रतिशत रहे। 26 छात्रों ने इसकी परीक्षा दी थी।
मूल्यांकन में हुई थी लापरवाही
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम इस बार विवादों से घिरे रहे हैं। हजारों छात्रों को फेल कर दिया गया। 12 वीं कक्षा के मेधावी छात्र को भी फेल कर दिया गया। अब इसके पीछे के वजह सामने आई है। प्रोफेसर ने खुद बच्चों की कॉपी ना जांच कर चोटी कक्षा के बच्चों को उनकी कॉपी जांचने दे दी। यह कॉपी उन्हे दी गई जिन्हे उस विषय के बारे में जानकारी ही नहीं है। इतना ही नहीं प्रोफेसर ने उन कॉपियों को एक बार देखना जरूरी नहीं समझा। बच्चों ने जैसे नंबर दिए वैसे ही नंबर चढ़ा दिए गए। जिसके बाद कुलपति एसएन शुक्ला ने अपने सामने कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन करवाया। जिसमें से 6–7 नंबर पाने वाले विद्यार्थी भी पास हो रहे थे। साथ ही कई छात्रों की कॉपियां जांचने पर उन्हे डिस्टेंशन भी मिला।