नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में नगरीय क्षेत्रों की कालोनियों में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के लिए जमीन या निर्मित मकान का आरक्षण घटा दिया गया है। यह आरक्षण 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। कॉलोनाइजर को ईडब्ल्यूएस या एलआईजी के लिए आरक्षित भूमि को विकसित करके देना होगा।
कॉलोनाइजर को देनी होगी भूमि
छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्रों की कॉलोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस या निम्न आय वर्ग एलआईजी के लिए विकसित भू-खंडों या निर्मित आवासों का आरक्षण 25 से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। इनमें ईडब्ल्यूएस के लिए 15 से घटकर 9 व एलआईजी के लिए 10 से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया है। कॉलोनाइजर को ईडब्ल्यूएस या एलआईजी के लिए आरक्षित भूमि को विकसित करके देना होगा। कॉलोनाइजर, राज्य शासन द्वारा निर्धारित शर्तों, प्रक्रिया व मूल्य पर विकसित भूखंड, आवास या प्रकोष्ठ का विक्रय पात्र हितग्राहियों को कर सकेगा। नियम मापदंडों के उल्लंघन पर संबंधित कॉलोनाइजर पर पेनाल्टी के साथ ही एफआईआर को कार्रवाई भी की जाएगी। इसके अलावा कॉलोनाइजर द्वारा निम्न आय वर्ग के लिए कॉलोनी में विकसित भूखंडों निर्मित आवासों/ प्रकोष्ठों की कुल संख्या का न्यूतनम 6 प्रतिशत आरक्षित रखा जाएगा।
नगरपालिका अधिनियम में संशोधन
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधनियम 1956 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ नगरपिालक निगम तथा नगरपालिका कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें, नियम 2013 में संशोधन कर दिया है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राजपत्र में इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। नए नियमों से राज्य के कॉलोनाइजरों को भारी लाभ होने वाला है अब उनके पास किसी भी विकसित कॉलोनी की 10 फीसदी अतिरिक्त जमीन बेचने का मौका होगा। एलआईजी और ईडब्ल्यूएस के लिए भूखंड तीन किमी के दायरे में किसी और जगह भी दे पाएंगे। संशोधित नियम के तहत नगरपालिक निगम, नगरपालिका व नगर पंचायत क्षेत्र की सीमाओं के अंदर प्रस्तावित प्रत्येक आवासीय कॉलोनी में कॉलोनाइजर द्वारा विकसित भू-खंडों: निर्मित आवासों / प्रकोष्ठों की कुल संख्या का कम से कम 9 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित रखा जाएगा।
एलआईजी के लिए ये हैं शर्तें
विकसित भूखंड 60 से 100 वर्गमीटर (क्षेत्रफल) व निर्मित आवास / प्रकोष्ठ 50 से 90 वर्गमीटर ( निर्मित क्षेत्रफल) से कम नहीं होगा। प्रत्येक आवासीय इकाई प्रकोष्ठ में नल-जल प्रदाय सुविधा तथा सीवर जल निकासी की सुविधा होगी। प्रत्येक आवासीय इकाई प्रकोष्ठ में कम से कम एक शौचालय होना चाहिए।
ईडब्ल्यूएस के लिए ये हैं शर्तें
आरक्षित, विकसित भूखंड, निर्मित आवास या प्रकोष्ठ के संबंध में शर्तें पूरी करनी होगी। ईडब्ल्यूएस के लिए विकसित भूखंड 35 से 50 वर्गमीटर क्षेत्रफल व निर्मित आवास 30 से 45 वर्गमीटर निर्मित क्षेत्रफल होगा। विकसित प्रकोष्ठ की स्थिति में भवन की ऊंचाई (भूतल पर पार्किंग को छोड़कर) तीन मंजिल से अधिक नहीं होगी। प्रत्येक विकसित भूखंड, आवास या प्रकोष्ठ के सामने मार्ग की चौड़ाई 6 मीटर से कम नहीं होगी।