तो पाटन में हेमंता आएँगे या स्मृति
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा चल रही है। क़वायद है कि हर महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में कोई क़द्दावर नेता आए। पर एक विधानसभा के लिए विशेष क़वायद है। वो विधानसभा है पाटन। सीएम भूपेश की विधानसभा में हो सकता है,हेमंता बिस्वा सरमा याने असम सीएम परिवर्तन यात्रा में आ जाएँ। बेहद आक्रामक तेवर के हेमंता बिस्वा सरमा के नाम के साथ ही साथ तेज तर्रार नेत्री और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम भी संभावितों में है। हिमंता हो या स्मृति दोनों में से जो भी पाटन आएगा ज़ाहिर है तापमान बढ़ेगा।
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कांग्रेस के 27 विधायकों के टिकट कटेंगे
कांग्रेस में 27 विधायकों के टिकट कटने की खबर ने कई विधायकों को बेचैन कर दिया है। इन विधायकों को यह डर सता रहा है कि, 27 में उनका नाम तो नहीं है। कई अपना क्षेत्र छोड़ रायपुर में डेरा जमाए हुए हैं। लेकिन सैलजा दीदी के तेवर सख़्त हैं, इस फेर में कोई खुला आश्वासन भी दे पाने की स्थिति में नहीं है, उल्टे कड़ी हिदायत सभी को दी जा रही है जो संगठन का फ़ैसला हो चुपचाप मानना है।
मंत्री जी बोले मैं कुछ नई बोलूँगा जी
चुनाव का समय है,टिकट कटेगी किसकी कटेगी, मिलेगी तो किसे मिलेगी, बैठक में क्या हुआ, इस पर कुछ भी कहने से कांग्रेस हो या बीजेपी सब ने तौबा कर ली है। बीजेपी में तो खैर पहले ही सन्नाटा है।लेकिन कांग्रेस की हलचल की खबरें आती रहीं, उन खबरों पर सैलजा दीदी ने ध्यान नहीं दिया,लेकिन एक खबर कुछ इस तरह आ गई कि, जिसने दीदी को कुपित कर दिया। खबर आई कि जो 2018 की आँधी में भी हार गए उन्हें टिकट नहीं मिलेगा।मसला सही था लेकिन पॉलिसी का था, खबर बाहर जानी नहीं थी। खबरें हैं कि दीदी ने सीधा जवाब ले लिया। नतीजा मंत्री जी ने साफ़ बोल दिया है - मैं कुछ नई बोलूँगा जी।
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मंच पर साँप काहेला खोज रहे थे माई बाप
रायगढ में पीएम साहब आए, पूरा महकमा सप्ताह भर बिजी रहा। सुरक्षा के माकूल इंतज़ाम थे, होने भी थे आख़िर पीएम का मसला है। इस माकूल इंतज़ाम में एक मसला सहाफ़ी की नज़र से गुजरा। पीएम के मंच और आसपास सरीसृपों की भी पुरज़ोर तलाश की गई। दर्जन भर स्नेक कैचर लगातार घूमते रहे। इस नज़ारे को देख सहाफ़ी एक सीनियर आईएएस से जा टकराया,सीनियर आईएएस मुस्कुराए और बग़ैर पूछे सवाल को समझ कर बोले -‘मेरे सपने में नागराज आए थे, मुझे कह रहे थे जहां नेताओं का जमघट हो वहाँ मेरा क्या काम, मुझे काहेला खोज रहे हैं हजूर, मैं क़तई नहीं आउंगा।’
महादेव.. महादेव.. महादेव
महादेव का नाम सुनते ही कुछ आईपीएस और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी जो हाल वक्त तक बहुत सारे कर्म और खटकरम में खुद को कर्ता धर्ता भाग्य विधाता से कमतर नहीं आंकते थे,उनके पसीने छूट रहे हैं। रोज कोई उड़ता तीर छूट रहा है और साहबान हलाकान हो रहे हैं। जैसे एक खबर उड़ गई है कि, दो कोई साहब अपने को बचाने के लिए ऐसी जुगत लगा रहे हैं कि, बहुत लोग वजह-बेवजह डूबेंगे-नपेंगे।लेकिन जुगत लगाने वाले वे खुद बचेंगे या नहीं बचेंगे गारंटी नहीं है। महादेव सट्टा एप का मामला इतना विकराल हो गया है जितने का अंदाज़ बहुतों को नहीं था।
गजब का संयोग है
रायगढ़ में डिप्टी सीएम सिंहदेव ने शासकीय कार्यक्रम में संघीय व्यवस्था और संविधान शब्द का इस्तेमाल करते हुए बग़ैर भेदभाव सहयोग मिलने की बात कही, पीएम मोदी ने बात सुनते ही हाथ जोड़कर आभार जताया।इधर परिवर्तन यात्रा अंबिकापुर पहुँच रही है तो सभा में स्थानीय चेहरे ही हैं, जबकि बलरामपुर को लेकर खबरें हैं कि वहाँ यूपी के डिप्टी सीएम आ सकते हैं। वैसे सीतापुर विधानसभा में होने वाली सभा में भी कोई प्रभावी बड़ा नाम नहीं है। सीतापुर विधानसभा मंत्री अमरजीत भगत की विधानसभा है।पूर्व मंत्री रामविचार नेताम इस यात्रा के अहम किरदार हैं,रामविचार रामानुजगंज विधानसभा से बीजेपी के प्रत्याशी भी हैं।जशपुर जहां से यात्रा शुरु हुई वहाँ राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने हरी झंडी दिखाकर रथ रवाना किया, कुनकुरी में जोएल ओराँव जैसा कद्दावर नाम था लेकिन अब सीधे कोई बड़ा नाम रामानुजगंज विधानसभा में ही दिखेगा।