राजस्थान में अंडर-19 महिला क्रिकेट सिलेक्शन मजाक बना, दो दिन की ट्रायल 4 घंटे में खत्म, विवाद बढ़ा तो लिस्ट में 90 से 144 किए नाम

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BP Shrivastava
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राजस्थान में अंडर-19 महिला क्रिकेट सिलेक्शन मजाक बना, दो दिन की ट्रायल 4 घंटे में खत्म, विवाद बढ़ा तो लिस्ट में 90 से 144 किए नाम

JAIPUR. राजस्थान में महिला क्रिकेट को मजाक बनाकर रख दिया। अंडर-19 महिला क्रिकेट की सिलेक्शन ट्रायल दो दिन होना थी, लेकिन 4 घंटे में ही खत्म कर दी। इतना ही नहीं खिलाड़ियों को ऐसी पिच पर खिला दिया जो तैयार ही नहीं थी। इसके बाद भी किसी खिलाड़ी से 4 गेंद बॉलिंग करवाई तो किसी को सिर्फ 3 गेंद खिलवाईं। विवाद बढ़ा तो फाइनल लिस्ट में नाम 90 से बढ़ाकर 144 कर दिए।

इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के अध्यक्ष वैभव गहलोत कुछ पता नहीं है और सचिव भवानी शंकर सामोता कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।

आरसीए सचिव सामोता ने साधी चुप्पी

इस मामले को लेकर आरसीए के मुख्य पदाधिकारियों की बातों से राजस्थान में महिला क्रिकेट के क्या हालात हैं उनकी बानगी देखते हैं। सबसे जिम्मेदार पदाधिकारी कहते हैं उनकी जानकारी में ही नहीं है सिलेक्शन ट्रायल की सूचना। वहीं आरसीए के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा सिलेक्शन ट्रायल पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि सबसे जिम्मेदार पदाधिकारी और आरसीए के सचिव भवानी शंकर सामोता तो किसी को कुछ बताना ही नहीं चाह रहे हैं। उन्होंने चुप्पी साध ली है।

पिछले साल की 15 खिलाड़ियों में से किसी को जगह नहीं

आरसीए के पूर्व उपाध्यक्ष अमीन पठान ने कहा कि कुछ लोगों ने आरसीए को नाथी का बाड़ा बना दिया है। ट्रायल में पिछले साल सिलेक्ट 15 खिलाड़ियों में से किसी को जगह नहीं मिली है।

​​​​​​​मुझसे सलेक्शन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी- वैभव

आरसीए के अध्यक्ष वैभव गहलोत बताते हैं कि उनसे ना तो इस ट्रायल के लिए गठित सलेक्शन कमेटी के बारे में किसी ने पूछा और ना ही मुझे किसी तरह की जानकारी दी गई।

प्रदेशभर से आईं थीं 300 क्रिकेटर्स

 सवाई मानसिंह स्टेडियम में सोमवार को अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के लिए हुए सलेक्शन ट्रायल को लेकर विवाद हो गया है। कुछ खिलाड़ियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ट्रायल को महज चार घंटे में ही पूरा कर दिया, जबकि यह दो दिन तक होना था। ट्रायल में शामिल होने प्रदेशभर से आईं 300 महिला खिलाड़ि​यों में से कई ने आरोप लगाया कि उन्हें उम्मीद थी कि ट्रायल काफी टफ होने वाला है, लेकिन 4 घंटे में ही इसे समाप्त कर दिया।

पिच और सिलेक्टर्स पर भी उठ रहे सवाल

प्लेयर्स का कहना है कि जो पिच तैयार नहीं थी, उस पर खिलाड़ियों को खेलने उतार दिया। जिन्हें इस ट्रायल को लेने के लिए चुना गया, उनका कई साल से क्रिकेट, पिच से दूर तक का कोई वास्ता नहीं है। उन्हें खिलाड़ियों के बारे में किसी किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं थी।

विवाद के बाद बदली सिलेक्शन लिस्ट

आरसीए के ऑफिशियल ग्रुप में प्रदेश सचिवों ने सलेक्शन पर सवाल खड़ा किया तो खुद अध्यक्ष वैभव गहलोत को बीच में आना पड़ा। उन्होंने ग्रुप में लिखा कि कल(19 सितंबर) जो अंडर-19 महिला वर्ग की ट्रायल हुई थी, उसके सलेक्टर और सलेक्शन प्रक्रिया को लेकर कई जिला संघ के सचिवों ने शिकायत की है। मुझसे ना तो इस ट्रायल के लिए गठित सलेक्शन कमेटी के बारे में किसी ने पूछा और ना ही मुझे कोई जानकारी दी। इसके बाद तीन बार सलेक्टेड खिलाड़ियों की लिस्ट बदलनी पड़ी। पहली लिस्ट में 90, दूसरी में 117 और तीसरी में 144 खिलाड़ियों को शामिल किया गया।


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