वेंकटेश कोरी, JABALPUR. जबलपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में जाने की कोशिश कर रहीं राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि को पुलिस कर्मियों ने रोक दिया, जबलपुर के रानीताल स्थित बीजेपी के संभागीय कार्यालय में अमित शाह बैठक लेने पहुंचे थे कि तभी सुमित्रा बाल्मीकि भी पहुंची और वे बैठक में जाने की कोशिश कर रहीं थी कि इसी बीच गेट पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने सांसद को पहचानने से इनकार करते हुए उनसे पास मांगा, इस दौरान पुलिस कर्मियों और सांसद के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। गुस्से से तमतमाई राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि ने सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को ही खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि जब वे किसी सांसद को पहचानते ही नहीं है तो ड्यूटी क्यों कर रहे हैं?
उपराष्ट्रपति धनखड़ के कार्यक्रम में भी हुआ था अपमान
राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि के अपमान और अनदेखी का यह पहला मामला नहीं है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर जब शहर के गैरिसन ग्राउंड में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था, तब भी सुमित्रा बाल्मीकि को प्रोटोकॉल के मुताबिक कुर्सी नसीब नहीं हुई थी, जबकि जबकि राज्यसभा सांसद के प्रोटोकॉल के मुताबिक उनके बैठने की व्यवस्था पहली पंक्ति में की जानी थी। अपने अपमान से भड़की राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा था इसके बाद कलेक्टर द्वारा माफी मांगे जाने के बाद मामला शांत हुआ।
मेरी सादगी ही मेरी कमजोरी - सुमित्रा बाल्मीकि
गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में जाने के पहले हुए इस घटनाक्रम को दुर्व्यवहार करार देते हुए राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि ने कहा है कि उनकी सादगी ही उनकी कमजोरी है। वे हमेशा सादगी के साथ रहती हैं इसी कारण उन्हें लोग काम पहचानते हैं। उन्होंने बताया कि जब वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में जाने के लिए गेट पर पहुंची तब सुरक्षा कर्मियों ने उनसे पास मांगा और उनके द्वारा सांसद होने का हवाला दिए जाने के बावजूद भी उन्हें जाने नहीं दिया गया। सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने बताया कि उन्होंने इसी बात को लेकर अधिकारियों के समक्ष आपत्ति भी जताई कि जब सुरक्षाकर्मी किसी सांसद को नहीं पहचानते तो उन्हें वीआईपी ड्यूटी पर क्यों तैनात किया गया।
आज ही है वाल्मीकि जयंती
राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक के साथ कथित तौर पर हुए दुर्व्यवहार और उन्हें अंदर जाने से रोकने का घटनाक्रम उस दिन हुआ जब पूरा देश वाल्मीकि जयंती मना रहा है। भारतीय जनता पार्टी के संभागीय कार्यालय में इस घटनाक्रम को जिसने भी देखा वह सांसद सुमित्रा बाल्मीक की अनदेखी और महर्षि वाल्मीकि के जयंती से जोड़कर देख रहा है।