मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया है। अब 25 नवंबर को मतदान करने के साथ प्रदेश की जनता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेगी। इससे पहले प्रदेश चुनाव को लेकर जमकर प्रचार हुआ। सूबे की सत्ता में वापसी के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतारा। बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने भी दमखम के साथ पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। राजस्थान के विधानसभा चुनाव प्रचार में बीजेपी का सबसे बड़ा मुद्दा धार्मिक तुष्टीकरण और हिंदुत्व रहा। हालांकि पार्टी कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न और पेपर लीक को भी मुद्दा बनाती रही, लेकिन सबसे बड़ा फोकस हिंदुत्व के आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण पर किया गया। पार्टी के स्टार प्रचारकों ने अपने भाषणों में तो इसका जिक्र किया ही, लेकिन अन्य तरीकों से भी पार्टी ने साफ तौर पर संदेश दिया है कि इस चुनाव में हिंदुत्व इसके लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।
इन मुद्दों पर बीजेपी का रहा फोकस
राजस्थान में मौजूदा सरकार के समय करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा सहित विभिन्न स्थानों पर हुई साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं, उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की जिहादियों द्वारा गला काट कर हत्या, जयपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों की कोर्ट से रिहाई और सरकार द्वारा धार्मिक त्योहारों पर धारा 144 लगाए जाने के आदेश जारी करने की घटनाओं ने इस बार बीजेपी को मुद्दे धार्मिक तुष्टीकरण और हिंदुत्व पर खेलने का भरपूर मौका दे दिया।
यही कारण था कि चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही बीजेपी ने संकेत दे दिए थे, कि इस बार के चुनाव में पार्टी इसे प्रमुख मुद्दा बनाने जा रही है। इसके बाद टिकट वितरण से लेकर स्टार प्रचारकों के दौरे और उनके भाषणों से लेकर अन्य कई तरह से पार्टी ने इसे लेकर साफ संदेश भी दे दिया। आइए जानते हैं पार्टी ने कैसे पहुंचाया यह संदेश
किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं
बीजेपी ने इस बार के चुनाव में भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। वसंधरा राजे के नजदीकियों में से कई को टिकट को मिल गया, लेकिन उनके सबसे विश्वस्त रहे पूर्व मंत्री युनूस खान को टिकट नहीं मिल पाया। स्थिति यह तक देखने में आई कि एक प्रत्याशी अभिषेक सिंह जिसे मसूदा से टिकट मिला था। उसके बारे में भी जब यह पता चला कि यह मूल रूप से मुस्लिम हैं तो उसका टिकट बदल दिया।
बीजेपी ने तीन संतों को दिया टिकट
अपने चुनावी अभियान में बीजेपी ने इस बाद तीन संतों को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा। इनमें पोकरण से महंत प्रतापपुरी, हवामहल से हाथोज धाम के महंत बाल मुकुंदाचार्य और तिजारा से नाथ संप्रदाय से जुड़े बाबा बालकनाथ। इनमें से प्रतापपुरी और बालकनाथ के सामने कांग्रेस की ओर से क्रमशः सालेह मोहम्म्द और इमरान खान के रूप में मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने की 20 से ज्यादा सभाएं
बीजेपी के सबसे बड़े हिंदुत्ववादी चेहरों में शामिल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच दिन में प्रदेश में बीस से ज्यादा सभाएं की हैं। स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी ज्यादा सभाएं सीएम योगी आदित्यनाथ ने की। उनसे हर रोज औसतन तीन से चार सभाएं कराई गई है। जयपुर की एक सीट पर रोड शो तक कराया गया है। तिजारा से प्रत्याशी बाबा बालकनाथ का नामांकन कराने के लिए भी योगी पहुंचे थे। उनकी सभाएं भी ज्यादातर उन क्षेत्रों में कराई गई जहां या तो सामने मुस्लिम प्रत्याशी है या जहां मुस्लिम मतदाता अच्छी संख्या में हैं जैसे सूरसागर, तिजारा, डीडवाना, सीकरी, भरतपुर आदि।
हर सभा में उठा कन्हैयालाल की हत्या का मामला
नेताओं की सभाएं हों या प्रेसवार्ता हर जगह उदयपुर के कन्हैयालाल की जिहादियों द्वारा गला काट कर हत्या किए जाने का मामला जरूर उठा। इसके अलावा सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं और हिंदु त्योहारों पर निषेधाज्ञा के मुद्दे भी जम कर उठाए गए। सीएम योगी ने अपने बुलडोजर का जिक्र हर सभा में किया और शुरूआत में हनुमानजी की गदा का जिक्र भी हुआ।
जयपुर और अजमेर में पीएम और शाह के रोड शो
जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अजमेर व बीकानेर में गृहमंत्री अमित शाह के रोड शो कराए गए। जयपुर में मोदी के रोड शो के लिए चुना गया रूट वही था जहां 2008 में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे और जिन तीन विधानसभा क्षेत्रों के जरिए इसे साधा गया, वहां मुस्लिम मतदाता भी काफी है। इसके साथ ही अजमेर और बीकानेर में भी मुस्लिम मतदाता अच्छी संख्या में है जहां अमित शाह का रोड शो हुआ। कुल मिलाकर बीजेपी ने अलग-अलग तरीकों से मतदाताओं तक हिंदुत्व के आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण का स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है। अब इसका असर क्या होगा यह देखना दिलचस्प रहेगा। बता दे कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है।