संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर गुरुसिंघ सभा महासचिव जसवीर सिंह उर्फ राजा गांधी पर 14 सितंबर को हमला होने के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि पकड़े गए आरोपियों ने इसके पीछे रिंकू भाटिया (गुरुसिंघ सभा का वर्तमान प्रधान) का नाम लिया है। प्रारंभिक पूछताछ और जांच में ये बात सामने आ गई है। यह बात डीसीपी जोन 4 राजेश सिंह ने रविवार को उनसे मिलने के गए सिख समाज के प्रतिनिधियों से कही। इसमें बताया गया कि अभी पूछताछ में रिंकू का नाम आया है और आगे सबूत, तथ्य जमा होने के बाद आगे गिरफ्तारी और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं सिख समाज के व्हाट्सएप ग्रुप्स में एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें राजा गांधी पर पहले थप्पड़ मारने का आरोप लगाया जा रहा है।
डीसीपी ने प्रतिनिधिमंडल को ये बताया था
प्रतिनिधिंडल और डीसीपी के बीच चर्चा का वीडियो सामने आया है। इसमें डीसीपी ने कहा कि गांधी पर हमले के लिए आए 2 आरोपी वीरेंद्र ठाकुर और मितेश था, मितेश ने धक्का दिया था और वीरेंद्र बाइक पर था। वीरेंद्र को पकड़ा गया है और उसने इस काम के लिए अर्पित उपाध्याय का नाम लिया है। अर्पित और वीरेंद्र से पूछताछ में इसके पीछे रिंकू भाटिया का नाम आया है और बताया गया है आपका (गांधी) और रिंकू के बीच में विवाद था, आपने उन्हें कुछ कह दिया था। इसके चलते विवाद चल रह था। इस मामले में जांच के बाद आगे कानूनी कार्रवाई होगी, अभी पूछताछ ही हुई है सबूत जुटाना बाकी है। इसमें आगे आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120-बी भी बढ़ेगी और चालान पेश करते समय नाम भी आएंगे, अभी अज्ञात के खिलाफ ये केस दर्ज हुआ था।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पहले भी रिंकू पर गंभीर आरोप
जसवीर गांधी के साथ गए प्रतिनिधिमंडल ने डीसीपी को कहा कि रिंकू आपराधिक प्रवृत्ति के हैं और उन पर पहले भी अधिकारियों के अपहरण करने, अवैध शराब का परिवहन करने जैसे आरोप लगे हैं। डीसीपी ने भी कहा कि मुझे भी पता चला है कि उनका रिकॉर्ड खराब है। बाकी अभी जांच होगी इसके बाद ही कुछ बता सकेंगे।
गांधी ने चुनाव के चलते हमले की बात कही थी
द सूत्र से चर्चा करते हुए गांधी ने कहा था कि मुझ पर किस ने हमला कराया ये तो पुलिस की जांच का विषय है, लेकिन मंशा तो यही लग रही है कि मैं चुनाव में सक्रिय नहीं रहूं, इसलिए ये मेरे साथ किया गया है।
गांधी ने जूनी इंदौर पुलिस में ये दिया था ज्ञापन
जूनी इंदौर थाने में दिए गए आवेदन में था कि मैं 73 साल का हूं, 14 सितंबर की शाम 7:30 से 8 बजे के बीच में रोज की तरह अकेले घूमने के लिए वल्लभ गार्डन खातीवाला टैंक गया था। तभी वहां एक मोटर साइकिल पर सवार 2 व्यक्ति आए, जिसमें एक दूर खड़े होकर गाड़ी चालू हालत में रखे हुए था और दूसरा लड़का मेरे पास आया और एकदम से हमला कर धक्का देकर मुझे जमीन में गिरा दिया। जिससे मुझे सिर में, आंख की नीचे, कोहनी आदि में चोट आई। मैं गुरुसिंघ सभा इंदौर का महासचिव हूं, इस कारण मुझे किसी ने जानबूझकर क्षति पहुंचाने का प्रयास किया है। जबकि आज तक मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। इसलिए निष्पक्ष रूप से जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की कृपा करें।
सिख समाज के व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज वायरल, जसवीर पर पहले थप्पड़ मारने का आरोप
सिख समाज के व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें जसवीर सिंह पर पहले थप्पड़ मारने का आरोप लगाया गया है। मैसेज में लिखा है कि सरदार जसवीर सिंह गान्धी जी आप संगत को ये बताएंगे कि ईमली साहिब गुरद्वारे में सबसे पहले मारपीट किसने शुरू की उस समय के गुरुसिंघ सभा के मितप्रधान अमरजीत सिंह बग्गा बंटी वीरजी पर लप्पड़ किसने मारा था और क्यों मारा था? उनका कसूर क्या था उनके जैसा सभ्य सिख पूरे इंदौर मैं नहीं है, और मारने वाला कौन था वो पहला केस आपने एसीपी जी को बताया कि शुरुआत किसने की। 2 हमले तो बता दिया पर जो तुमने किया वो भी गुरुघर की कसम खा के कहते कि शुरुआत मैंने की है। और इंदौर के सिख समाज भी इनसे पूछे कि आप कौन होते हो मितप्रधान पर थप्पड़ मारने वाले पहले अपना कसूर भी बताओ फिर दूसरे पर उंगली उठाओ। मुझे तो प्रताप नगर के 2 mpcg वालों की खुशी पर ताज्जुब हो रहा था, अभी जिसने भी किया उसका काम कानून करेगा, पर आपके पड़ोसी के हक की आवाज तो उठाते कि सबसे पहले गलती किसने कि और किसके साथ की। शर्म आनी चाहिए ऐसे डरपोकों को जो पड़ोसी की आवाज उठा ना सका, सबसे पहले उस पर कार्रवाई हो जिसने थप्पड़ की शुरुआत की आगे समाज समझदार हैं, वाहे गुरु जी।
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रिंकू से कुछ दिन पहले हुआ था विवाद
9 सितंबर को ही गुरुसिंघ सभा के दफ्तर में ही रिंकू भाटिया और गांधी के बीच में विवाद भी हुआ था। दोनों एक ही पैनल के होने के बाद भी कभी भी दोनों के बीच में पटरी नहीं बैठी और जब खंडा पैनल छोड़ दिया तो इसके बाद दोनों के बीच और विवाद बढ़ गया। गांधी खंडा पैनल से चुनाव लड़कर साल 2012-13 में महासचिव चुने गए थे। अभी जब चुनाव की सुगबुगाहट चली और तारीख आई तब कुछ दिन पहले ही गांधी, दानवीर सिंह छाबड़ा, एमएस टूटेजा और त्रिलोचन सिंह बासु के साथ खंडा पैनल को छोड़कर मोनू भाटिया की फतेह पैनल से जुड़ गए। बताया जाता है कि इसके लिए तय हुआ कि गांधी के पुत्र देवेंद्र गांधी को चुनाव में उतारा जाएगा।