BHOPAL. इन दिनों मप्र में हॉकी के तीन मैदानों में एस्ट्रो टर्फ लगाई जा रही है। ऐसे में अब इन टर्फ पर खर्च होने वाली राशि पर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में जिस काम के लिए 4 करोड़ रुपए की लागत लगाई जा रही, वही काम दिल्ली और कोलकाता में 2.41 करोड़ रुपए में हो चुके हैं। साथ ही मध्यप्रदेश में बन रहे टर्फ के कामों में भी अंतर बताया जा रहा है। इसके बावजूद दोनों के टेंडर लगभग एक ही कीमत पर तय किए गए हैं। मप्र युवा खेल विभाग अधिकारी के मुताबिक सभी काम गाइडलाइन के अनुसार ही संपन्न हुए हैं।
एमसीडी के नियमों को नहीं मानते मप्र अधिकारी
दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ लगाने के लिए म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन दिल्ली (एमसीडी) ने टेंडर जारी किया था। जब कंपनियों ने रेट कोट किए तो एमसीडी ने निर्माता कंपनी से टर्फ की असली कीमत पूछा। इस कंपनी का नाम शिवनरेश स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अपने टेंडर में लिखा था। एमसीडी ने अप्रैल 2021 में लेटर लिखा तो कंपनी ने दिल्ली वाले टर्फ की कीमत 75,357 यूएस डॉलर बताई थी। तब के हिसाब से 56.51 लाख रुपए। इस लेटर के आने के बाद ही टेंडर की कीमत घटकर 2.18 करोड़ रुपए हो गई थी। निर्माता कंपनी से कीमत पूछने का नियम जीएफआर में वर्णित है। जानकारी के मुताबिक मप्र के अधिकारियों ने टर्फ की कीमत के बारे में जानने की कोई कोशिश नहीं की।
मप्र में होंगे 18 टर्फ वाले हॉकी मैदान
बता दें कि खेल एवं युवा कल्याण मप्र शासन में पिछले 8 वर्षों से एक ही अधिकारी बालूसिंह यादव के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर और इक्यूपमेंट खरीदने की जिम्मेदारी है। अगर सीवीसी की मानें तो स्पषट रूप से लिखा गया है कि किसी भी अधिकारी को ये जिम्मेदारी तीन वर्ष से अधिक नहीं दी जा सकती। टेंडर में सिर्फ 4 कंपनियों के शामिल होने के सवाल पर अफसर अपने तर्क दे रहे हैं कि हमने तो टेंडर जारी किया था, लेकिन कोई हिस्सा नहीं ले रहा है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? इस मामले के पूरी तहकीकात करने पर पता चला कि हाल ही में जिन कंपनियों को काम सौंपा गया था, उन चारों कंपनियों ने एक ही दिन में एक घंटे के अंतर से अपनी बिड डाली और टेंडर को क्लोज कर दिया। जानकारी के मुताबिक राजधानी में एक साथ चार हॉकी मैदान में टर्फ लगाने का काम चल रहा है। इसके बाद मप्र इकलौता राज्य बन जाएगा, जहां 18 टर्फ वाले हॉकी मैदान होंगे। इनमें से अकेले भोपाल में ही 7 एस्ट्रो टर्फ मैदान होंगे।
आखिरी इंटरनेशल प्लेयर वर्ष 2000 में समीर दाद बने
मप्र खेल विभाग के अधिकारी इसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे हॉकी को बढ़ावा दिया जाएगा। अब यदि बढ़ावे की बात करें तो भोपाल से आखिरी इंटरनेशल प्लेयर वर्ष 2000 में समीर दाद निकले थे। इसके बाद इटारसी से विवेक सागर ने अपना मुकाम बनाया, जबकि एक समय भोपाल के खिलाड़ियों का नेशनल और इंटरनेशनल टीम में दबदबा हुआ करता था।