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मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में अब एक नया मोड़ आया है। हत्याकांड की जांच करने और शूटर्स को पकड़ने के लिए पुलिस महानिदेशक की ओर से एसआईटी का गठन किया गया है। यहां खास बात ये है एसआईटी की जिम्मेदारी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान बना चुके आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन को सौंपी गई है।
शूटर्स को पकड़ने की मांग
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद से ही शूटर्स को जल्द पकड़ने की मांग उठने लगी थी। साथ ही, पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे थे। इसी को देखते हुए पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने जांच के लिए SUPER COPS को मैदान में उतारा है, जिसका नेतृत्व एडीजी क्राइम दिनेश एमएन को दिया गया है। इनके नेतृत्व में ही गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर करने वाली टीम बनाई गई थी, इसके बाद पुलिस को सफलता भी मिली थी। एडीजी दिनेश एमएन के पास जैसे ही हत्याकांड की सूचना पहुंची वह तुरंत जयपुर लौट आए।
जयपुर पहुंचते ही घटना स्थल का किया मुआयना
निजी कार्य के चलते पुलिस ऑफिसर दिनेश एमएन अवकाश पर गए हुए थे। घटना के बाद सूचना मिलते ही वे तुरंत जयपुर पहुंचे। यहां पहुंचते ही दिनेश एमएन अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान मीडिया से बातचीत में ADG क्राइम दिनेश एमएन ने कहा कि मामले में आरोपियों को चिन्हित किया जा चुका है और जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
आरोपियों पर 5-5 लाख का इनाम
पुलिस के अधिकारियों के अनुसार हत्याकांड के दोनों अभियुक्तों की पहचान हो चुकी है। एफआईआर दर्ज होते ही दोनों अभियुक्तों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित होगा। डीजीपी ने बताया कि पुलिस तत्परता से हत्यारों की तलाश में दबिश दे रही है।
दिनेश एमएन से क्यों डरते हैं अपराधी
पिछले एक दशक में राजस्थान में कई बड़े ऑपरेशन आईपीएस दिनेश एमएन के नेतृत्व में अंजाम दिए गए। इसमें सबसे चर्चित सवाईमाधोपुर में कुख्यात डकैत रामसिंह का एनकाउंटर, आनंदपाल एनकाउंटर और शोहराबुद्दीन एनकाउंटर हैं। इसके बाद से ही अपराधी पुलिस अधिकारी दिनेश एमएन का नाम सुनते ही थर-थर कांपने लगते हैं। यहीं नहीं, ये पुलिस अफसर एंटी करप्शन ब्यूरो में भी तैनात रहे तो इन्होंने बड़े-बड़े नेता और अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा। इसके बाद इसी साल एडीजी क्राइम बनते ही दिनेश एमएन ने बदमाशों की गिरफ्तारी का अभियान शुरू किया जो अभी तक चल रहा है। इसके तहत अलसुबह से ही हजारों पुलिसकर्मी फील्ड में उतरते हैं और बदमाशों के घरों में दबिश दे रहे हैं। अभियान के तहत पुलिस ने 12 हजार से ज्यादा बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इसका असर ये हुआ कि 1 महीने में ही प्रदेश में करीब 9 फीसदी अपराध कम हो गए। यही नहीं, कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद उदयपुर में हालात बिगड़े तो उसे संभालने के लिए भी राजस्थान सरकार ने दिनेश एमएन को ही वहां भेजा था और अब गोगामेडी हत्याकांड में इनकी एंट्री सफलता की ओर इशारा करती है।
राज्यपाल ने कहा- अपराधियों के खिलाफ की जाए कड़ी कार्रवाई
राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त, जयपुर को राजभवन बुलाकर प्रदेश की कानून और शांति व्यवस्था की विशेष समीक्षा की। मिश्र ने कहा कि प्रदेश में शूटर्स द्वारा दिनदहाड़े हत्या गंभीर मामला है। उन्होंने इस संगठित अपराध से उपजे हालात पर निरंतर निगरानी रखे जाने की हिदायत दी। विशेष रूप से उन्होंने अपराधियों को पकड़े जाने के लिए पुख्ता कार्रवाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून और शांति व्यवस्था किसी भी स्तर पर नहीं बिगड़े, इसके लिए पुलिस और प्रशासन सभी स्तरों पर प्रभावी कदम उठाए।
केंद्र सरकार के स्तर पर 3 कंपनी तैनात
राज्यपाल ने पुलिस और प्रशासन के स्तर पर निरंतर सभी स्थानों पर अलर्ट रहते हुए कार्य करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी स्तर पर कोताही और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बताया कि प्रदेशभर में जिला कलेक्टर स्तर पर हालात की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। केंद्र सरकार के स्तर पर भी तीन कंपनियां तैनात की गई हैं।