BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। सभी दिग्गज नेता अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार और सभा करने में लगे हुए हैं। सोमवार को नामांकन के आखिरी दिन टीकमगढ़ जिले में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला। यहां नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दे दिया। यहां खरगापुर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भक्ति तिवारी ने सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भक्ति तिवारी को पार्टी की सदस्यता दिलाई। भक्ति तिवारी इस चुनाव की घोषणा के बाद 3 दल बदल चुके हैं, भक्ति तिवारी चुनाव के ऐलान तक बीजेपी में ही थे।
टिकट नहीं मिलने पर छोड़ी थी बीजेपी
टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने भक्ति तिवारी को प्रत्याशी बनाया था। भक्ति तिवारी और उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं। बता दे कि भक्ति तिवारी सिंधिया समर्थक रहे हैं। साल 2020 में भक्ति तिवारी सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होने विधानसभा चुनाव को लेकर खरगापुर सीट से बीजेपी से टिकट की मांग की थी, टिकट नहीं मिलने पर तिवारी बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो वे कांग्रेस में शामिल हो। लेकिन जब कांग्रेस ने भी भक्ति तिवारी को खरगापुर सीट से टिकट नहीं दिया तो उन्होने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा में शामिल होते ही भक्ति तिवारी को सपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया।
कमलनाथ ने की थी तिवारी की तारीफ
खरगापुर सीट से बीजेपी ने पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया है। राहुल सिंह लोधी शिवराज कैबिनेट में राज्य मंत्री हैं। बीजेपी से टिकट न मिलने पर भक्ति तिवारी ने नाराज होकर बीजेपी का साथ छोड़ दिया था। जिसके बाद तिवारी कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने उनकी खूब तारीफ की थी, कमलनाथ ने कहा कि भक्ति तिवारी का डीएनए कांग्रेस का है वे थोड़ा भटक गए थे।
नामांकन के आखिरी दिन की वापसी
भक्ति तिवारी ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन उन्होंने फिर बीजेपी में वापसी कर ली। बीजेपी में शामिल होने के बाद भक्ति तिवारी ने कहा कि वे बीजेपी के लिए पूरी ताकत के साथ प्रचार करेंगे। भक्ति तिवारी के बीजेपी में शामिल होने से सपा को बड़ा झटका लगा है।