KHANDWA. खंडवा में नर्मदा नदी का उफान थमने के बाद चोरों तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर समेत नर्मदा नदी के किनारे की बस्तियों में भारी नुकसान हुआ है। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पहले आदि शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के कारण बांधों से पानी नहीं छोड़ा गया और अब अचानक डैम के गेट खोल दिए, जिससे तबाही मच गई। नाराज लोगों ने 21 सितंबर को ओंकारेश्वर बंद की चेतावनी दी है। इसी दिन आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण सीएम शिवराज सिंह चौहान करने वाले हैं। इस मामले को कांग्रेस ने भी लगे हाथ लपक लिया है और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि शिवराज सरकार ने पहले महाकाल में भ्रष्टाचार किया और अब ओंकारेश्वर को पानी में डुबा दिया।
इसलिए नर्मदा में उफान आया
खंडवा जिले में इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले जाने की वजह से नर्मदा में उफान आ गया। इससे ओंकारेश्वर सहित निचले इलाकों में भयानक तबाही हो गई। हालात इतने भयावहता हो गए कि इतने ऊंचे स्थान पर बने ओंकारेश्वर मंदिर की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया। जबकि ममलेश्वर मंदिर के अंदर तक पानी घुस गया। लोगों का कहना है बिना पूर्व सूचना के अचानक डैम के गेट खोल दिए गए। इससे तबाही मच गयी। कई परिवार बेघर हो गए। कई परिवारों और दुकानदारों का लाखों का नुकसान हुआ है। मंदिर के घाट से 30 से 40 फीट ऊपर मुख्य मंदिर मार्ग तक नर्मदा का पानी पहुंचने से नुकसान हुआ है।
ओंकारेश्वर बंद की चेतावनी, इसी दिन शंकराचार्य की मूर्ति का होना है अनावरण
ओंकारेश्वर के लोगों का कहना है यह कृत्रिम बाढ़ थी। शंकराचार्य मूर्ति अनावरण कार्यक्रम की वजह से बांध प्रबंधन ने शासन के निर्देश पर लगातार बारिश के बावजूद बांध के गेट नहीं खोले। पानी को रोककर रखा ताकि मांधाता पर्वत तक जाने वाला मार्ग नहीं डूबे, लेकिन बरगी और तवा बांध के गेट खुलते ही इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोल दिए गए। इससे बाढ़ आ गई। बाढ़ से सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। हालांकि अधिक बारिश होने की वजह से अनावरण कार्यक्रम की तारीख बढ़ाकर 21 सितंबर कर दी गई है। लोगों का कहना है जिम्मेदार मध्यप्रदेश शासन और जिला प्रशासन पर कार्रवाई होना चाहिए। लोगों ने 21 सितंबर को ओंकारेश्वर बंद की चेतावनी भी दी है।
प्रशासन ने यह दी सफाई
प्रशासन का कहना है बाढ़ की मुख्य वजह तेज बारिश और बरगी, तवा के साथ ही इंदिरा सागर बांध का जलस्तर बढ़ना है। प्रशासन की मुस्तैदी से कोई जनहानि नहीं हुई। जो नुकसान हुआ है, उसके लिए सर्वे दल गठित कर दिए गए हैं। तेज बारिश और बाढ़ आ जाने के बाद से खंडवा और बुरहानपुर को इंदौर से जोड़ने वाला इंदौर इच्छापुर हाईवे का मोरटक्का ब्रिज भी आवागमन के लिए बंद है। वाहन खरगोन जिले से चक्कर लगाकर इंदौर पहुंच रहे हैं। ब्रिज की जांच होने के बाद ही आवाजाही के लिए खोला जाएगा।