BHOPAL. विधानसभा चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं में जमकर जुबानी जंग चल रही है। इसी को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच मनुटाव की खबरों पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह जय-वीरू की जोड़ी लूट के माल के लिए लड़ रही है। जय-वीरू का झगड़ा लूट के माल के लिए है। इस पर कमलनाथ ने पलटवार किया है। उन्होंने X पोस्ट (ट्वीट) पर कहा कि ' शिवराज जी, जय और वीरू ने ही अत्याचारी गब्बर सिंह का हिसाब किया था। मध्यप्रदेश 18 साल से अत्याचार से त्रस्त है। अत्याचार के अंत का समय आ गया है। बाकी आप समझदार हैं।'
जय-वीरू की जोड़ी तोड़ने बीजेपी भी नाकाम रहेगी- सुरजेवाला
कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद असंतोष को लेकर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच मनमुटाव की खबरें पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है। इससे जुड़े सवालों पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि दोनों शोले के जय-वीरू हैं। उनकी जोड़ी को तोड़ने की कोशिश गब्बर भी नाकाम रहा था और अब बीजेपी भी नाकाम ही रहेगी। इसके बाद दोनों नेताओं को सोमवार को कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली बुलाया था। सोमवार देर रात दिल्ली में बड़े नेताओं की मौजूदगी में दोनों के बीच सुलह कराने का प्रयास किया गया। दोनों नेता साथ में लौटे भी। इसे लेकर कमलनाथ ने सुबह ही कहा था कि बीजेपी भ्रम फैला रही है। दिग्विजय सिंह जी पीछे आ रहे हैं। नाराजगी की तो बात ही नहीं थी। राहुल जी और अन्य नेताओं के दौरों को लेकर बात करनी थी। इसके लिए दिल्ली में बैठक में शामिल होने गए थे।
शिवराज सिंह ने यहा भी कहा
इस पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि जय और वीरू की जोड़ी को दिल्ली बुलाया गया। अब वो कहते हैं कि बीजेपी भ्रम फैला रही है तो पार्टी इन्हें दिल्ली क्यों बुला रही है! कांग्रेस के जय और वीरू आपस में झगड़ रहे हैं और ये लड़ रहे हैं लूट के माल के लिए। जय और वीरू तो लूटते ही थे। इनका झगड़ा लूट के माल के लिए है! पहले भी 2003 तक मिस्टर बंटाढार (दिग्विजय सिंह) ने पूरे प्रदेश को लूटा और बर्बाद कर दिया। सवा साल में कमलनाथ जी ने भी इसे लूट का अड्डा बना दिया था। अब आगे कौन लूटे और कितना लूटे और उसमें कितनी हिस्सेदारी हो, झगड़ा इनका केवल इस बात का है। अब दिल्ली भी पता नहीं, इनसे किन मुद्दों पर चर्चा कर रही है। क्या दिल्ली भी इसमें शामिल है?
सेठ को सेट न कहें तो क्या कहें?
शिवराज ने कहा कि सोमवार को मैंने उन्हें सेठ कहा तो वो आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं कह रहे- मैं सेठ हूं क्या... मैं उद्योगपति हूं क्या..? कमलनाथ जी को मैं सेठ न कहूं तो क्या उन्हें मजदूर कहूं, फसल काटने वाला कहूं, गिट्टी-मिट्टी उठाने वाला कहूं। वो स्वयं कहते हैं मैं निजी प्लेन में घूमता हूं। अब निजी प्लेन किसान के पास तो होता नहीं है। मजदूर के पास नहीं होता है। गरीब के पास नहीं होता है। उनका एक पैर देश में रहता है, एक पैर विदेश में रहता है। सेठ को सेठ न कहें तो क्या कहें? सेठ को सेठ कहने में आपत्ति क्या है।
कमलनाथ के चौपट कहने पर शिवराज ने किया पलटवार
कमलनाथ के बयान- बीजेपी ने मध्य प्रदेश को चौपट प्रदेश बना दिया है, पर शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी का ये प्रदेश है ही नहीं। उनको मध्य प्रदेश से लगाव है ही नहीं। वो मध्य प्रदेश को बदनाम करते हैं। चौपट प्रदेश कहना मध्य प्रदेश का अपमान है। मध्यप्रदेश की जनता का अपमान है। उन्होंने कहा कि शिवराज से राजनैतिक बैर है तो आप मेरा अपमान करो ना, मुझे गालियां दो, मध्य प्रदेश का अपमान क्यों करते हो..? शिवराज ने कहा कि मेरे प्रदेश को चौपट कहने वालों चौपट करने की तुम कोशिश करते थे। ये वो धरा है, जहां धन संपदा, वन संपदा, खनिज संपदा, जन संपदा, प्राकृतिक संसाधन, यहां के भोले-भाले लोग, इनको चौपट कहते हो? इसके पहले भी भारत बदनाम है, कहकर इन्होंने देश का अपमान किया। ये मध्य प्रदेश और देश का अपमान प्रदेश की जनता सहन नहीं करेगी।