इंदौर में सिख समाज ने जताया विरोध, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे, सुप्रीम कोर्ट में सिख समाज के जज की नियुक्ति की भी मांग

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
 इंदौर में सिख समाज ने जताया विरोध, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे, सुप्रीम कोर्ट में सिख समाज के जज की नियुक्ति की भी मांग

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में लंबे समय बाद सिख समाज थोड़ा एकजुट दिखा और उन्होंने एकजुट होकर बुधवार को संभागायुक्त कार्यालय में विविध मांगों को लेकर पीएम के नाम ज्ञापन दिया। इसमें गुरुसिंघ सभा के प्रधान रिंकू भाटिया अपने विरोधी और महासचिव राजा गांधी के साथ नजर आए। प्रदर्शन के दौरान मुख्य मुद्दा पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में कथित मांस-मदिरा और डांस पार्टी का विरोध था। इसके लिए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगे। समाज जनों ने दिल्ली सरकार द्वारा शीश गंज गुरुद्वारे तक कार ले जाने के प्रतिबंध पर सवाल खड़े करते हुए आदेश निरस्त करने की मांग की है।

पाकिस्तान के खिलाफ इसलिए समाज

श्री गुरुसिंघ सभा इंदौर के अध्यक्ष मनजीत सिंह (रिंकू) भाटिया का कहना है कि श्री गुरु सिंघ सभा इंदौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से ज्ञापन सौंपा है। पाकिस्तान में करतारपुर साहब गुरुद्वारे में जो घटना घटित हुई है, वह निंदनीय है। वहां पर मांस-मदिरा की पार्टी और नृत्य दिखाया गया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। हमने भारत सरकार से मांग की है कि उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें। पाकिस्तान गुरुनानक देवजी का जन्मस्थल है।

दूसरे विवाद का मुद्दा यह

हमारा दूसरा मुद्दा दिल्ली स्थित शीशगंज साहिब गुरुद्वारा का है। वहां पर गाड़ियों के 20-20 हजार के चालान काटे जा रहे हैं। बुजुर्ग हैं, महिलाएं हैं, पुरुष हैं। कुछ समस्या है तो लोग परिवार सहित जाते ही हैं। लाल किले से लेकर शीशगंज गुरुद्वारे तक कार ले जाने पर प्रतिबंध है। कार चालकों के 20 से 50 हजार तक के चालान कट रहे हैं। धार्मिक स्थल है। लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस ऑर्डर को निरस्त किया जाए।

कॉलेजियम में सिख समाज के जज की नियुक्ति क्यों रूकी

सिख समाज ने कहा कि तीसरा मुद्दा कॉलेजियम से 5 जजों की नियुक्ति का है। इसमें 2 सिख जज थे। उनकी नियुक्ति रोक दी गई। ये भेदभाव की शुरुआत है, इसके खिलाफ हम लोगों ने कहा है। देश की आजादी में सिखों का बहुत बड़ा योगदान रहा है, इसको न भूले। संविधान सबको बराबर का अधिकार देता है।

चौथा विवादित मुद्दा बंदी सिंह का

चौथा मुद्दा 'बंदी सिंह' का है। बंदी सिंह उन सिख कैदियों को कहा जाता है, जिन्हें पंजाब के उग्रवाद में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था। आज भी कई बंदी सिंह देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन उनकी रिहाई नहीं हो रही है। केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा रखी है। उनकी रिहाई करें। संविधान ये कहता है कि जब आपने अपनी सजा पूरी कर ली तो उनको रिहा करना चाहिए। देशभर में सिख समाज प्रदर्शन करके बंदी सिंह की रिहाई की मांग करेगा।

MP News एमपी न्यूज Indore Sikh community Sikh community expressed protest slogans of Pakistan Murdabad were raised इंदौर सिख समाज सिख समाज ने जताया विरोध पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे