गंगेश द्विवेदी/ RAIPUR. छत्तीसगढ़ की आरंग विधानसभा सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है। इस सीट पर एक नाम के 2 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। साथ ही इनकी पार्टी का नाम भी भ्रमित करने वाला है। आरंग विधायक और भूपेश सरकार में मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया के सामने शिव कुमार डहरिया के चुनाव मैदान में आने से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. शिव कुमार डहरिया के सामने दूसरे शिवकुमार डहरिया जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी से प्रत्याशी हैं। नाम के साथ पार्टी का नाम भी भ्रम पैदा करने वाला है। पार्टी का नाम जनता कांग्रेस होने से पहले तो जेसीसीजे यानी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रत्याशी होने का भ्रम होता है तो वहीं नाम से कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार लगता है।
पलारी के गांव से आकर लड़ रहे चुनाव
आरंग विधानसभा सीट पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (JCCJ) से प्रत्याशी शिव डहरिया कसडोल विधानसभा के पलारी क्षेत्र के छड़िया गांव के रहने वाले हैं। नामांकन के साथ जमा किए गए शपथपत्र में उन्होंने खुद को पेशे से मजदूर बताया है। एक एकड़ जमीन उनके नाम है जबकि खाते में 7 हजार रुपए और एक बाइक है। वहीं आरंग से बीजेपी ने सतनामी समाज के गुरू बालदास के बेटे खुशवंत साहेब चुनावी मैदान में हैं। अनसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट में इस भ्रम की स्थिति का सीधा फायदा खुशवंत साहेब को मिल सकता है।
50 हजार वोट जीतने का दावा
JCCJ के शिव कुमार डहरिया ने 50 हजार वोट से जीत का दावा किया है। डहरिया का कहना है कि इस बार मुझे पार्टी ने मौका दिया है तो मैं चुनाव लड़ रहा हूं और आरंग के हर क्षेत्र में काम करुंगा। जहां-जहां जो भी प्रॉब्लम है उसको दूर करूंगा। अभी ज्यादा कुछ नहीं बोल सकता हूं, लेकिन मुझे यकीन है की मैं 50 हजार वोट से जीतूंगा।
जोगी का प्रयोग हो गया था फेल
JCCJ प्रत्याशी के शिव कुमार डहरिया के दावे में कितना दम है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2014 में महासमुंद लोकसभा चुनाव में राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बीजेपी प्रत्याशी चंदू लाल साहू को पटखनी देने के लिए इसी नाम के 10 निर्दलीय प्रत्याशी खड़े कर दिए थे। इसमें 7 प्रत्याशी चंदू लाल साहू नाम के थे, 3 प्रत्याशियों के नाम चंदू राम साहू था। विरोधी को मिलने वाले वोटों में बंटवारा करने के लिए चली गई अजीत जोगी की चाल कामयाब नहीं हो पाई, इस चुनाव में अजित जोगी बीजेपी के चंदूलाल साहू से लगभग 1 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे।