गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने रामानुजगंज सीट से विधायक बृहस्पत सिंह का टिकट काटते हुए अजय तिर्की को मौका दिया है। विधायक बृहस्पत सिंह बागी तेवर दिखाकर भी अपनी टिकट नहीं बचा पाए, इस सीट से कांग्रेस ने प्रत्याशी बदलते हुए अंबिकापुर के मेयर अजय तिर्की को टिकट दिया है। बृहस्पत सिंह को अपने टिकट कटने की भनक पहले ही लग चुकी थी। इसी कारण वे करीब 19 नेताओं के साथ कुछ दिनों पहले आम आदमी पार्टी के संपर्क में आ गए थे। यह जानकारी कांग्रेस आलाकमान को मिल गई थी। बताते हैं कि आलाकमान की समझाइश पर वे फिलहाल शांत हैं।
बागी तेवर दिखाना बृहस्पत सिंह को पड़ा भारी
बृहस्पत सिंह का बागी तेवर दिखाना ही टिकट कटने का प्रमुख कारण बना। बृहस्पत सिंह के रामानुजगंज से चुनाव जीतकर आने के बाद खासतौर पर युवा वर्ग में उत्साह था। विधायक बहुत जल्द ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खास लोगों में शुमार हो गए। जानकारों के मुताबिक मुख्यमंत्री के संपर्क में आने के बाद बृहस्पत के तेवर में खासा बदलाव हुआ, वहीं उनके करीबी भी खासे रौबदार तेवर में आ गए। बताते हैं कि विधानसभा क्षेत्र में इनके करीबियों का वहां के लोगों से आए दिन झगड़ा होता रहा। जिससे जमीन से उठकर उपर आए इस नेता की लोकप्रियता कम होती चली गई। बृहस्पत सिंह के बारे में बताया जाता है कि वह बेहद गरीब परिवार से आते हैं, लेकिन पिछले पांच साल में उन्होंने खासी तरक्की की है।
टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाना पड़ा महंगा
गौरतलब है कि बृहस्पत सिंह और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा था। ये वहीं विधायक है जिसने पिछले साल विधानसभा में टीएस सिंहदेव पर हत्या कराने का आरोप लगाया था। बृहस्पत की बात से टीएस इतने आहत हुए थे कि सदन की चलती कार्यवाही यह कहते हुए छोड़कर चले गए थे कि जब तक वे बेदाग साबित नहीं हो जाते, सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकते। बाद में सीएम ने बृहस्पत से माफी मंगवाकर मामले का पटाक्षेप कर दिया था। इसके बावजूद इनकी हरकतों और बयानों से सिंहदेव आहत होते रहे। हाल ही में विधानसभा की दावेदारी के दौरान अंतिम तारीख को अंबिकापुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पास सौ से ज्यादा आवेदन जमा किए गए थे। इसके बाद एक सार्वजनिक सभा में टीएस सिंहदेव ने ऐसे लोगों को नहीं बख्श ने की बात कही थी, जिन्होने महाराज साहब और महारानी साहिबा के बारे में अपमानजनक बात कही है। सूत्र बताते हैं कि टीएस सिंहदेव के केंद्रीय चुनाव समिति में आने के बाद से ही बृहस्पत बेचैन थे। उन्हें अंदेशा था कि उनकी टिकट इस बार कट सकती है।
क्या आप का दामन थाम सकते हैं बृहस्पत ?
टिकटों की घोषणा होने के बाद अभी तक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि बृहस्पत का आम आदमी पार्टी में जाने का इरादा बदला है या नहीं। लेकिन जो लोग उन्हें करीब से जानते हैं, उनका कहना है कि इतने जल्दी बृहस्पत का विचार बदलना मुश्किल है, लिहाजा अभी भी बृहस्पत के आम आदमी पार्टी में जाने की आशंका बनी हुई है। दो दिन पहले बृहस्पत दिल्ली में आम आदमी पार्टी के गेस्ट हाउस में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलने पहुंचे थे। इसकी जानकारी राहुल गांधी को मिल गई थी। उन्होंने बृहस्पत सिंह को वहीं से मिलने के लिए बुला लिया था। इसके बाद माना जा रहा था कि बृहस्पत को टिकट मिल सकती है, लेकिन कांग्रेस अपने फैसले पर कायम रही।
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बृहस्पत सिंह की परफॉर्मेंस में नहीं दिखा सुधार
3 महीने पहले कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में करीब पांच मंत्री सहित कांग्रेस के 37 विधायकों का कामकाज संतोषजनक नहीं पाया गया था। इस सूची के आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी विधायकों की बैठक ली थी। सभी विधायक और मंत्रियों को अपना कामकाज सुधारने के लिए कहा था। बृहस्पत सिंह को सीएम ने डपटकर अपने विस क्षेत्र में जाकर तेजी से सक्रिय होने कहा था। 3 महीने में इनमें से कई विधायक और मंत्रियों ने अपनी परफॉर्मेंस सुधारी लेकिन बृहस्पत सिंह की परफॉर्मेंस में आशानुरूप सुधार नहीं हुआ।