मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए गोगामेड़ी हत्याकांड में अब नया मोड़ आ गया है। इसका कारण है गोगामेड़ी की पत्नी की ओर से FIR दर्ज कराई गई, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी के नाम लिखवाए गए हैं। ऐसे में तत्कालीन सरकार पर ये FIR बड़ा सवाल खड़ा करती है।
सुरक्षा देने में लापरवाही का आरोप
जानकारी के मुताबिक, श्याम नगर थाने में बुधवार शाम 7:44 बजे गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें बताया गया है कि उनके पति सुखदेव सिंह गोगामेड़ी श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, ऐसे में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक कार्यों के चलते उनके जान और माल का खतरा बना हुआ था। गोगामेड़ी की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति ने अपनी जान के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी को पत्र लिखकर कई बार अवगत कराया, लेकिन सुरक्षा देने में लापरवाही बरती गई।
शीला शेखावत की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में पंजाब पुलिस द्वारा राजस्थान पुलिस को लिखे गए पत्र का हवाला भी दिया गया है। शीला शेखावत ने अशोक गहलोत और डीजीपी पर जानबूझकर उनके पति सुखदेव सिंह को सुरक्षा मुहैया नहीं करवाने का आरोप भी लगाया है। गोगामेड़ी की पत्नी ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए उन्हें मालूम चला कि इस हत्याकांड में रोहित गोदारा और लॉरेंस का भी संबंध है।
यूएपीए एक्ट में मामला दर्ज
रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद मामले में पुलिस की ओर से कई तरह की धाराएं लगाई गई हैं। इनमें सबसे खास बात ये है कि पुलिस ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए एक्ट) 1967 की धारा 16,18 और 20 भी लगाई है। आपको बता दें कि यूएपीए आतंकवाद विरोधी कानून है, जिसके तहत मामले में आतंकवादी कृत्य की आशंका होने पर विभिन्न धाराओं में कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत आरोपी को जेल की सजा के साथ ही उनकी संपत्ति जब्त होने तक के प्रावधान हैं।
पंजाब पुलिस ने दिया था इनपुट
इस मामले में पुलिस और पिछली सरकार की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, पंजाब पुलिस ने इस साल मार्च में ही राजस्थान पुलिस को इस बात के लिए आगाह कर दिया था कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की प्लानिंग चल रही है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। राजस्थान पुलिस के एटीएस ने भी इंटेलिजेंस को इस बारे में लेटर लिख दिया था, लेकिन गोगामेड़ी की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। ये भी कहा जा रहा है कि खुद गोगामेड़ी भी पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई और वे अपने खर्चे पर गार्ड रखकर अपनी सुरक्षा का इंतजाम कर रहे थे। ऐसे में अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत का नाम एफआईआर में लिखवाया जाना बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है और आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसे भुना सकती है।