2030 तक राजस्थान को 35.71 लाख करोड़ की इकोनामी बनाने का लक्ष्य, कोटा के पास रानपुर बनेगा IT डेस्टिनेशन, 2030 का विजन डॉक्यूमेंट

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Chandresh Sharma
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2030 तक राजस्थान को 35.71 लाख करोड़ की इकोनामी बनाने का लक्ष्य, कोटा के पास रानपुर बनेगा IT डेस्टिनेशन, 2030 का विजन डॉक्यूमेंट

मनीष गोधा, JAIPUR. वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए तैयार किए गए विजन डॉक्युमेंट में औद्योगिक विकास के जरिए राजस्थान को 2030 तक 35.71 लाख करोड़ की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके साथ ही देश भर में कोचिंग हब के रूप में पहचाने जाने वाले कोटा के पास रानपुर को राजस्थान के आईटी डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की बात भी इसमें कही गई है। राजस्थान का मिशन 2030 विजन डॉक्युमेंट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जयपुर में जारी किया था। इस विजन डॉक्यूमेंट को कृषि, जलवायु, युवा शक्ति, पेयजल एवं सिंचाई, उद्योग, वित्तीय प्रबंधन, हेल्थ सेक्टर सहित विभिन्न क्षेत्रों में बांटा गया है और प्रमुख 50 विभागों की अलग-अलग कार्य योजनाएं तैयार की गई है।

इस डॉक्यूमेंट में महिलाओं के लिए अलग रोजगार कार्यालय खोलने से लेकर युवाओं पर स्पेशल फोकस, राजस्थान में पानी की कमी को देखते हुए इसकी रीसाइकलिंग और सोलर एनर्जी के जरिए बिजली कटौती की समस्या को दूर करने सहित कई तरह के उपाय लागू करने पर जोर दिया गया है। राजस्थान चुकी टूरिज्म स्टेट है इसलिए हर जिले में एक आईकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने पर भी जोड़ दिया गया है।

मेडिकल में बनेगा मॉडल स्टेट

राजस्थान को हेल्थ सेक्टर में मॉडल स्टेट बनाने के लिए सात सरकारी मेडिकल कॉलेजों को एम्स मानकों के अनुरूप बनाने, हर जिला अस्पताल को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित करने, मेंडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, प्लेसमेंट, प्रमोशन, ट्रांसफर के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य मानव संसाधन नीति विकसित कर लागू करने की बात कही गई है।

रिसाइकल्ड पानी से रेगिस्तान में सिंचाई

राजस्थान में पानी की कमी रहती है इसे देखते हुए पानी के रीसाइकलिंग पर जोर दिया गया है और नदी जोड़ो प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की बात कही गई है। डॉक्युमेंट के मुताबिक पानी के क्षेत्रीय असंतुलन, बाढ़ और सूखे की स्थितियों को देखते हुए इन्ट्रा और इन्टर बेसिन में पानी ट्रांसफर करने सामंजस्य बनाने की आवश्यकता बताते हुए ईआरसीपी के जरिए 13 जिलों में पानी पहुंचाने की घोषणा की है।रिसाइकल्ड पानी को एक जगह इकट्ठा करने और रेगिस्तानी क्षेत्र में पहुंचाने के लिए पाइप लाइन का इस्तेमाल होगा। इस सिस्टम से उद्योगों को पूरा पानी मिल सकेगा और गंदे पानी को साफ करके उसे सिंचाई के काम लिया जा सकेगा। रेगिस्तानी जिलों में पानी मिलने से खेती को बढ़ावा मिलेगा और एग्रीकल्चर प्रोडक्शन बढ़ेगा।

महिलाओं के लिए अलग से रोजगार कार्यालय

महिलाओं की विभागीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए संभाग स्तर पर महिला रोजगार कार्यालय खोले जाएंगे। आईटीआई पास युवाओं के लिए स्टाइपेंड बढ़ाया जाएगा।

रेयर अर्थ मेटल का खनन होगा

पोटाश, रेयर अर्थ, टंगस्टन पर फोकस करते हुए खान क्षेत्र में सुधार होगा। खनन स्थलों के सुधार की निगरानी और सर्वे लिए जियो स्पेटियल डेटाबेस आधुनिक उपग्रह और ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जायेगा।रिफाइनरी के साथ पेट्रोलियम आधारित उद्योगों बढ़ावा दिया जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा, विनिर्माण, वैकल्पिक ऊर्जा उन्नत बैटरी जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया जाएगा।

बिजली कंपनियों का घाटा कम किया जाएगा

राजस्थान में सरकार ने हालांकि 100 यूनिट तक निशुल्क बिजली और किसानों को 2000 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने की घोषणा कर रखी है लेकिन विजन डॉक्यूमेंट में बिजली कंपनियों का घाटा 10 फीसदी से नीचे लाने पर जोर दिया गया है। 2030 तक एग्रीकल्चर बिजली मांग की सप्लाई के लिए आधा हिस्सा सोलर सहित गैर पंरपरागत एनर्जी से लिया जाएगा।

युवाओं के लिए घोषणाएं

  • युवाओं पर फोकस करते हुए विजन डॉक्यूमेंट में इस वर्क के लिए कई नए काम करने के बात कही गई है इसमें देशभर के युवाओं के बीच क्रॉस लर्निंग और शेयरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला स्तर और संभाग स्तर पर खेलों के बुनियादी ढांचे को विकसित और मजबूत किया जाएगा।
  • खेलों में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले एथलीटों के लिए संभागीय स्तर पर उत्कृष्टता केंद्र (CoEs) स्थापित किए जाएंगे।

बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों को घर बैठे राशन मिलेगा

60 साल से ज्यादा उम्र के बुजर्गों, बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों को डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से घर बैठे राशन मिलेगा। राशन की दुकानों पर डिजिटल बेट ब्रिज उपलब्ध कराते हुए उन्हें प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों से जोड़ा जाएगा। राजस्थान को उपभोक्ता राज्य बनाने के लिए उपभोक्ता जागरूकता और उचित केंद्र बनाया जाएगा। मनरेगा के तहत हर ग्राम पंचायत में गेहूं भंडारण के लिए मॉडल उचित मूल्य की दुकानें और वेयरहाउस बनाए जाएंगे।

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