संजय गुप्ता, INDORE
इंदौर जिले की नौ विधानसभा सीटों पर जातिगत समीकरण की बात करें तो अभी कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही छह-छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। लेकिन इस सूची में ठाकुर और जैन समाज दरकिनार है। हालांकि, दोनों की ओर से ही तीन-तीन ओबीसी प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है। वहीं कांग्रेस ने सूची से सिंधी समाज को तो संभाला है और एक टिकट दिया है, साथ ही ब्राह्मण और एक एससी टिकट भी है, लेकिन कांग्रेस ने अभी वैश्य समाज को टिकट नहीं दिया है जो एक बड़ा वर्ग है। वहीं बीजेपी से वैशय, ब्राहमण समाज को टिकट मिला है और एक एससी के साथ तीन ओबीसी टिकट है।
कांग्रेस की सूची में जातिगत समीकरण यह-
इंदौर विधानसभा एक- संजय शुक्ला (ब्राह्मण), विधानसभा दो- चिंटू चौकसे (ओबीसी), विधानसभा चार-राजा मंधवानी (सिंधी), विधानसभा राउ- जीतू पटवारी (ओबीसी), विधानसभा देपालपुर- विशाल पटेल (ओबीसी), विधानसभा सांवेर एसी सीट- रीना सैतिया (एससी- महिला)
बीजेपी की सूची में जातिगत समीकरण यह-
इंदौर विधानसभा एक- कैलाश विजयवर्गीय (वैश्य), विधानसभा दो- रमेश मेंदोला (ब्राह्मण), विधानसभा चार- मालिनी गौड़ (ओबीसी-महिला), विधानसभा राउ- मधु वर्मा (ओबीसी), विधानसभा देपालपुर- मनोज पटेल (ओबीसी), विधानसभा सांवेर एससी- तुलसीराम सिलावट (एससी)
जातिगत समीकरण में कांग्रेस के लिए आगे यह दावेदार-
जातिगत समीकरण की बात करें तो अभी कांग्रेस से जैन, वैश्य, ठाकुर समाज उम्मीदें रखा हुआ है। वहीं सीट तीन ही बची है। विधानसभा पांच से जैन समाज के स्वप्निल कोठारी दावेदार है लेकिन चार नंबर से अक्षय बम का टिकट कट चुका है। ठाकुर समाज की बात करें तो विधानसभा तीन में कोई केवल ब्राहमण समाज से अश्विन औऱ् पिटूं और वैश्य समाज से अऱविंद बागड़ी दावेदार है। जातिगत समीकरण से फिर बागड़ी भारी पड रहे हैं। उधर महू से बात करें तो कांग्रेस से दावेदार रामकिशोर शुक्ला के साथ सदाशिव यादव और अंतरसिंह दरबार है। यदि ठाकुर समाज अब कांग्रेस की ओर से कहीं भी दावेदार नहीं है।
जातिगत समीकरण से बीजेपी के लिए आगे यह दावेदार-
वहीं बीजेपी की बात करें तो यदि महू से ऊषा ठाकुर का टिकट कटता है तो ठाकुर समाज से दिनेश कंचन चौहान ही दावेदार बचते हैं, या फिर विकल्प है ठाकुर को विधानसभा तीन में लाया जाए, वह यहां से साल 2013 का विधानसभा चुनाव टिकट जीत चुकी है। वहीं विधानसभा पांच से गौरव रणदिवे, नानूराम कुमावत के साथ मिलिंद महाजन और खुद मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया विधायक है। मराठी समाज को 38 साल से विधानसभा का टिकट बीजेपी से नहीं मिला है। ऐसे में रणधिवे और मिलिंद दावेदार है। मिलिंद का नाम विधानसभा तीन के लिए भी चल रहा है। लेकिन बीजेपी में फिलहाल जैन समाज का दावा कमजोर है और कोई प्रत्याशी नहीं है, सिंधी भी सीधे तौर पर नहीं है, हालांकि सांसद शंकर लालवानी के तौर पर बीजेपी ने सिंधी प्रतिनिधित्व दिया हुआ है।
इंदौर में ओबीसी के साथ ठाकुर, ब्राह्मण, वैश्य और मराठी समाज अहम
इंदौर में जातिगत समीकरणों से देखें तो ठाकुर, ब्राह्मण, वैश्य समाज के साथ मराठी सबसे अहम है, इसके साथ यादव समाज, जैन, सिंधी भी प्रभावी स्थिति में हैं। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए ही यह जातिगत समीकरण बैठाने की जरूरत होती है। ऐसे में अगली सूची में दोनों ओर से जातिगत संतुलन साधने की कोशिश दिख सकती है।
कांग्रेस की पहली सूची में पांच जैन उम्मीदवार से समाज ने जताई खुशी
उधर इंदौर में भले ही जैन समाज को टिकट अभी नहीं मिला है। लेकन कुल पांच जैन प्रत्याशियों को टिकट मिलने से जैन समाज ने खुशी जताई है। घोषित सूची में गंजबासौदा से निशंक जैन, मंदसौर से विपिन जैन, महिदपुर से दिनेश जैन बोस, बैतूल से निलय डागा, मनासा से नरेन्द्र नाहटा को प्रत्याशी घोषित किया गया है