BHOPAL. मध्यप्रदेश में बीजेपी बागियों और टिकिट वितरण से नाराज नेताओं के विरोध से परेशान है। बीते 10 दिनों में ही पहले जहां 24 सीटों पर विरोध की स्थिति थी, जो अब बढ़कर 69 सीटों पर खुले विरोध के रूप में सामने आ चुकी है। मतदान में अब महज 20 दिन ही बाकी हैं ऐसे में तेजी से फैल रही बगावत के इस रोग से निपटना बीजेपी संगठन के लिए चुनौती बना हुआ है। बीजेपी ने 24 सिटिंग एमएलए का टिकट काटा था, जिसका असर अब ये हुआ है कि 30 फीसदी सीटों यानि हर तीसरी सीट ऐसी बन चुकी है, जहां डैमेज कंट्रोल की जरूरत महसूस की जा रही है। अभी दो सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान भी बाकी है। यह विरोध का रोग और न फैले इसलिए संगठन सावधानी बरत रहा है।
23 सीटों पर विधायक, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्रियों का खुला विरोध
यदि खुली बगावत की बात की जाए तो मुरैना, अटेर, भिंड, महेश्वर, चाचौड़ा और श्योपुर समेत जबलपुर उत्तर-मध्य में भारी विरोध देखा जा रहा है। भोपाल दक्षिण पश्चिम में पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के समर्थकों में रोष व्याप्त है। मुरैना में पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह और उनके बेटे बीएसपी में पहुंच चुके हैं। भिंड में मौजूदा विधायक संजीव कुशवाह ही मैदान में कूद पड़े हैं। लहार में रसाल सिंह ने विरोध का झंडा उठा रखा है। जबलपुर उत्तर-मध्य में पूर्व मंत्री शरद जैन, धीरज पटैरिया के समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ धक्का मुक्की कर दी। यहां विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं के बीच आग में घी डालने के आरोप खुद नगर अध्यक्ष प्रभात साहू पर लग रहे हैं। चाचौड़ा से पूर्व विधायक ममता मीणा के समर्थक नाराज हैं।
यहां-यहां विरोध का वायरस
मुरैना, भिंड, अटेर, लहार, जबलपुर उत्तर-मध्य, चाचौड़ा, श्योपुर, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, महेश्वर, विजयपुर, सबलगढ़, जौरा, अंबाह, ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर पूर्व, भांडेर, पोहरी, शिवपुरी, पिछोर, राघौगढ़, अशोकनगर, चंदेरी, मुंगावली, देवरी, बंडा, टीकमगढ़, पृथ्वीपुर, महाराजपुर, चंदला, राजनगर, छतरपुर, मलेहरा, पवई, चित्रकूट, रैगांव, सतना, नागौद, मैहर, अमरपाटन, त्योंथर, मऊगंज, मनगवां, चुरहट, सीधी, सिंगरौली, बड़वारा, मंडला, लांजी, वारासिवनी, गाडरवारा, अमरवाड़ा, परासिया, आष्टा, नरसिंहगढ़, सुसनेर, कालापीपल, सोनकच्छ, बागली, मांधाता, पंधाना, बुरहानपुर, पानसेमल, अलीराजपुर, जोबट, मनावर, धार, नागदा, महिदपुर और आलोट
पूर्व विधायक बोले- सांसद को मारेंगे जूते
भगवानपुरा विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां पूर्व विधायक जमनासिंह सोलंकी बगावत का झंडा उठाए हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। कहते हैं कि सांसद आए तो दो जूते मारूंगा। सीएम भी समझाने आए तो झुकूंगा नहीं।