JAIPUR. राजस्थान में इस बार के विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने गहलोत सरकार के पेपर लीक मामले, लालडायरी और कन्हैया लाल मर्डर सहित महिला अत्याचार के मसले को प्रमुखता से उठाया और कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं कांग्रेस ने अपनी गारंटी के सहारे राजस्थान के 'रिवाज' को बदलने के लिए भरपूर कोशिश की है। अब देखना है कि 3 दिसंबर को जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाती है। उसके बाद ही पता चलेगा कि किसके मुद्दे वोटर्स पर ज्यादा असर डाल सके हैं। यहां बता दें राजस्थान में हर पांच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज है। यहां हम कांग्रेस और बीजेपी द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले उठाए गए प्रमुख मुद्दों पर सिलसिलवार चर्चा कर रहे हैं।
हिंदुत्व बनाम जनकल्याण
राजस्थान के पूरे चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाओं के खिलाफ हिंदुत्व की सियासत को आगे बढ़ाया है। पीएम मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के सभी दिग्गजों ने हिंदुत्ववाद का मसला खूब उठाया। इन्होंने गहलोत सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण तक का आरोप लगाया। उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्याकांड को बीजेपी की हर सभा में उठाया गया।
जातिगत जनगणना
कांग्रेस ने अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार के साथ जातिगत जनगणना कराने का वादा किया। वहीं, बीजेपी ने भी कांग्रेस से सत्ता छीनने के मकसद से टिकट बंटवारे में जातिगत गणित पर भरोसा जताया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीजेपी ने 60 ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जो इस चुनाव में पार्टी के कुल उम्मीदवारों का 30 प्रतिशत है।
पेपर लीग घोटोले
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा 2019 और 2022 के बीच आयोजित आठ परीक्षाएं पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गईं, जिसके कारण कम से कम 15 एफआईआर दर्ज हुईं और कम से कम 273 लोगों की गिरफ्तारी हुई। एक जानकारी के अनुसार, धोखाधड़ी के मामलों में, इसी अवधि के दौरान 160 और एफआईआर दर्ज की गईं। पेपर लीक लीक मामले को बीजेपी ने पूरी ताकत से उठाया। पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस के पेपर लीक माफिया ने लाखों रुपए में युवाओं का भविष्य बेच दिया।
लालडायरी
राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया था कि जुलाई 2020 में आयकर छापे के दौरान कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के आवास से उन्होंने जो 'लाल डायरी' हासिल की थी, उसके बाद राज्य में काफी हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री के निर्देशों में गहलोत के वित्तीय लेनदेन का विवरण था। पीएम मोदी ने गुढ़ा की 'लाल डायरी' को लेकर राजस्थान सरकार पर जमकर निशाना साधा था। इसके अलावा बीजेपी गाहे-बगाहे महिला सुरक्षा का मुद्दा भी उठाती रही।
ED-CBI और अन्य
कांग्रेस भी ईडी, सीबीआई और अन्य समान निकायों की कार्यवाही को लेकर बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बनाती रही। कई बार सीएम गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार सियासी फायदे के लिए कुछ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
एग्जिट पोल क्या कहता है?
राजस्थान में यूं तो हर पांच साल बार रिवाज बदलने की परंपरा है। यानी एक बार बीजेपी तो अगले पांच साल के लिए कांग्रेस ने अब तक सत्ता संभाली है। इस बार एग्जिट पोल अलग कहानी कह रहे हैं और राजस्थान में गहलोत सरकार के दोबारा सत्ता में आने के संकेत दिया हैं। उनके मुताबिक बीजेपी को 80-100 सीटें मिलती दिख रही हैं वहीं कांग्रेस को 86-106 सीट। इसका आशय है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो राजस्थान में मिथक टूटेगा।
राजस्थान में बहुमत के लिए चाहिए 100 सीट
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें से 199 पर चुनाव हुआ है। श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह का निधन होने से चुनाव स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में 199 सीटों में बहुमत के लिए 100 सीट चाहिए। हालांकि, श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर बाद में उपचुनाव कराया जाएगा।