इंदौर हाईकोर्ट में भूमाफियाओं के खिलाफ शासन ने लगाई जमानत रद्द करने की याचिका, पीड़ित बोले फर्जी महिला खड़ी कर सेटलमेंट बता दिया

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Chandresh Sharma
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इंदौर हाईकोर्ट में भूमाफियाओं के खिलाफ शासन ने लगाई जमानत रद्द करने की याचिका, पीड़ित बोले फर्जी महिला खड़ी कर सेटलमेंट बता दिया

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हाईकोर्ट बेंच में भूमाफियाओं को लेकर एक बार फिर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई शुरू होते ही शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि हमने सभी आरोपियों के खिलाफ 439 (2) की याचिका लगाई है (जिसमें जमानत रद्द करने का आवेदन होता है) पहले उस पर सुनवाई कर ली जाए, फिर अन्य मामले डिसाइड किए जाएं। सुनवाई करीब 20 मिनट चली, अब अगली सुनवाई दिवाली बाद होगी।

शासन मान चुका भूमाफिया सेटलमेंट नहीं कर रहे, जमानत का अधिकार नहीं

शासन के इस आवेदन से साफ है कि वह मान चुका है कि भूमाफिया चंपू अजमेरा, हैप्पी धवन, चिराग शाह व अन्य सुप्रीम कोर्ट की जमानत शर्त कि वह बाहर आकर पीड़ितों का निराकरण करेंगे का उल्लंघन कर रहे हैं और अब उन्हें जमानत पर बाहर रहने का अधिकार नहीं है। नीलेश अजमेरा तो वैसे ही भगोड़ा घोषित है। हालांकि शासकीय अधिवक्ता के आवेद पर हाईकोर्ट ने कहा कि अन्य आवेदन भी लगे हैं उन सभी पर एक साथ ही सुनवाई कर एक साथ फैसला लेंगे।

एफआईआर और कॉलोनी के हिसाब से की जाए सुनवाई

शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में 125 याचिकाएं लगी है। इसलिए बेहतर होगा कि थाने में दर्ज एफआईआर के हिसाब से सुनवाई की जाए। वहीं भूमाफियाओं की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि एक ही एफआईआर में अलग-अलग कई आरोपी है, ऐसे में सुनवाई तीन कॉलोनी की है तो एक-एक की जाए। आखिर में यह सुझाव आया कि कॉलोनी के साथ ही उससे जुड़ी एफआईआर को भी सुनवाई में रखा जाए, जिससे कोई असमंजस नहीं आएगा। उधर चिराग शाह ने उनकी ओर से लगी याचिकाएं विड्रा करने का आवेदन लगा दिया।

पीड़ित के वकील बोले गलत सैटलमेंट बताया, दूसरे ने कहा एक-दूसरे पर ढोल रहे

एक महिला पीड़ित बबीता के अधिवक्ता ने कहा कि हमारे पीड़ित को बिना कोई सेटलमेंट किए ही सेटलमेंट होना बता दिया गया। आरोपियों ने एक फर्जी महिला को अपर कलेक्टर कोर्ट में खड़ा कर दिया और वहां साइन करा लिए कि हमारा सेटलमेंट हो गया है। यही कमेटी की रिपोर्ट में भी आ गया है। जबकि हमारा कोई सेटलमेंट ही नहीं हुआ है। वहीं एक अन्य पीड़ित अशोक रावल ने कहा कि मेरे मामले का तो हाईकोर्ट कमेटी की रिपोर्ट में कोई उल्लेख ही नहीं है। चंपू और चिराग एक-दूसरे पर मामला ढोल रहे हैं और मेरा कोई निराकरण नहीं हुआ है। हाईकोर्ट ने पीड़ित रावल को कहा कि वह इंटरविनर की याचिका लगाएं. सुनवाई होगी। एक पीड़ित के अधिवक्ता ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट कमेटी ने हमारी शिकायत की प्रोसेडिंग प्रॉपरली एड्रेस नहीं की है।

हर आरोपी बोला उसने ली जमा राशि, वही लौटाएंगे

वहीं यह भी कहा गया कि हर आरोपी यह बोल रहा कि यह मामले निपटाने की जिम्मेदारी हमारी नहीं उसकी है। रुपए तो उसने लिए हैं, तो वही लेगा। महावीर जैन बोल रहे हैं कि राशि चिराग औऱ् हैप्पी लौटाएंगे, जबकि उनके द्वारा ली गई है। इसी तरह एक कॉलोनी में चंपू बोल रहा है कि यह कैलाश गर्ग और आरसी मित्तल देंगे। वहीं कई जगह चंपू, चिराग पर और चिराग, चंपू पर यह राशि लौटाने की जिम्मेदार डाल रही है। उधर आरसी मित्तल के अधिवक्ता ने कहा कि हमारा कोई लेना-देना ही नहीं लेकिन कमेटी ने चंपू के बयान के आधार पर हमारे लिए टिप्पणी की है। कॉलोनी के 31 प्लाट की जिम्मेदारी हमारे ऊपर डाली जा रही है।

Indore News इंदौर न्यूज़ Hearing in land mafia case application for cancellation of bail settlement by raising fake woman भूमाफिया मामले में सुनवाई जमानत निरस्त करने का आवेदन फर्जी महिला खड़ी कर सेटलमेंट