संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में विधानसभा की सभी नौ सीट जीत कर क्लीन स्वीप करने वाले बीजेपी के उम्मीदवारों ने इस जीत के साथ कई तरह के रिकॉर्ड भी बनाए हैं। हर सीट का रिजल्ट कुछ ना कुछ लेकर आया। वही इंदौर एक विधानसभा का 30 साल पुराना रिवाज कायम रहा कि जो यह सीट जीता, प्रदेश में सरकार उसी की बनी। यानि यह सीट जीतना सबसे अहम हो जाता है, जो बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रिकार्डतोड़ जीत से कर दिया। वहीं देपालपुर में हर चुनाव में मौजूदा विधायक को हराने वाला रिवाज भी कायम रहा और मौजूदा विधायक कांग्रेस के विशाल पटेल चुनाव हार गए और 2018 में हारने वाले बीजेपी के मनोज पटेल फिर चुनाव जीत गए।
इंदौर एक विधानसभा
विजयवर्गीय ने अपनी खुद की सर्वाधिक वोट की जीत का रिकार्ड तोडा और इस विधानसभा पर सर्वाधिक वोट का भी रिकार्ड बनाया। इसके पहले सुदर्शन गुप्ता 2013 में 54176 वोट से जीते थे और विजयवर्गीय अब 57719 वोट से जीते। उन्होंने मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को उनके ही गृह बूथ से भी हराया। कैलाश विजययवर्गीय ऐसे व्यक्ति बने जो इंदौर की चार विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव जीते और कुल सातवीं बार चुनाव जीते, वह इंदौर चार, इंदौर दो, महू के बाद अब इंदौर एक से जीते।
इंदौर दो
बीजेपी के रमेश मेंदोला ने इस विधानसभा के साथ ही चुनाव हुए सभी राज्यों में अधिकतम वोट से जीत का रिकार्ड बनाया, वह 1.07 लाख वोट से जीते। इस सीट से बीजेपी 1993 से लगातार जीत रही है।
इंदौर तीन
बीजेपी के गोलू शुक्ला ने 14757 वोट से जीतकर इस सीट पर अधिकतम जीत का रिकार्ड बनाया। जिले की सबसे छोटी विधानसभा में अभी तक अधिकतम जीत 2013 में बीजेपी की उषा ठाकुर की 13818 वोट की थी।
इंदौर चार
यहां बीजेपी की मालिनी गौड़ ने अधिकतम वोट की जीत का रिकार्ड बनाया और वह 69837 वोट से जीती। बीजेपी यहां 1990 से चुनाव जीत रही है।
इंदौर पांच
यहां से बीजेपी के महेंद्र हार्डिया लगातार पांचवी बार चुनाव जीते। एक ही सीट से लगातार पांच बार जीतने का रिकार्ड इंदौर में हार्डिया ने बनाया। बीते चुनाव में वह केवल 1132 वोट से जीते तो इस बार वह 15404 वोट से जीते।
राऊ
यहां भी सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड बना। बीजेपी के मधु वर्मा पहली बार विधानसभा चुनाव जीते और कांग्रेस के जीतू पटवारी को 35489 वोट से हराया। पटवारी के खुद के गृह बूथ से भी वर्मा जीते।
महू
इस विधासनभा से भी सर्वाधिक वोट की जीत का रिकार्ड ऊषा ठाकुर ने बनाया। उन्होंने 34 हजार वोट की जीता हासिल की। वहीं अंतर सिंह दरबार ने लगातार चार बार हारने का रिकार्ड बनाया। वह तीन बार कांग्रेस के टिकट पर लगातार हारे तो वहीं इस बार निर्दलीय चुनाव हारे। हालांकि वह दूसरे नंबर पर रहे औऱ् कांग्रेस के रामकिशोर शुक्ला तीसरे पायदान पर।
सांवेर
सांवेर में भी पहले देपालपुर जैसा ही रिवाज था एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस जीत रही थी लेकिन तुलसी सिलावट ने एक बार कांग्रेस के टिकट पर और दो बार बीजेपी के टिकट पर लगातार तीन चुनाव जीते। वह 2018 में कांग्रेस के टिकट पर मात्र ढाई हजार से जीते, लेकिन नवंबर 2020 उपचुनाव में 54 हजार से तो इस बार 2023 में 68 हजार 854 वोट से चुनाव जीते।
देपालपुर
इस चुनाव में एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस की जीत का रिवाज कायम रहा। बीजेपी के मनोज पटेल 2003 से चुनाव लड़ रहे थे, वह 2003 में जीते, 2008 में हारे, 2013 में जीते और फिर 2018 में हारे, अब फिर वह चुनाव जीत गए।