मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में इस बार निर्दलीयों और अन्य दलों के विधायकों की संख्या पिछली बार के मुकाबले काफी कम रही है। इसके साथ ही इनके वोट प्रतिशत में भी कमी आई है। अन्य दलों का वोट मुख्य तौर पर बीजेपी के खाते में गया है। कुछ वोट कांग्रेस के खाते में भी गए हैं।
पिछली बार मिले थे 22 फीसदी वोट
राजस्थान में पिछले चुनाव में अन्य दलों और निर्दलीयों के खाते में 28 सीटें गई थी और इन्हे 22 प्रतिशत वोट मिले थे। सबसे ज्यादा छः विधायक बसपा के जीते थे जो बाद में हालांकि कांग्रेस में चले गए लेकिन इनके और 13 निर्दलियों के कारण 28 अन्य विधायक विधानसभा मे थे।
इस मर्तबा मिली 15 सीटें
इस बार राजस्थान में निर्दलियों और अन्य की संख्या घट कर लगभग आधी रह गई है। इस बार कुल आठ निर्दलीय और सात अन्य दलों के विधायक विधानसभा में पहुंचे हैं। यानी बीजेपी कांग्रेस को छोड़ कर कुल 15 अन्य विधायक ही विधानसभा में हैं। इनमें तीन भारतीय आदिवासी पार्टी से, दो बसपा से और एक एक आरएलडी और आरएलपी से हैं। इनका वोट प्रतिशत घट कर 18.8 रह गया है, यानी अन्य के वोट प्रतिशत में 3.2% की कमी आई है। अन्य दलों और निर्दलीयों के वोट प्रतिशत की यह कमी बीजेपी और कांग्रेस के खाते में गई है।
बीजेपी-कांग्रेस का यह रहा वोट प्रतिशत
राजस्थान में बीजेपी का वोट प्रतिशत पिछले चुनाव में 38.7 प्रतिशत था जो इस बार 2.99 प्रतिशत बढ़ कर 41.69 प्रतिशत हो गया। वहीं कांग्रेस का प्रतिशत भी 0.2 प्रतिशत बढ़ कर 39.3 प्रतिशत से बढ़ कर 39.5 प्रतिशत हो गया। यानी दोनो अन्य का का कम हुआ वोट प्रतिशत बीजेपी और कांग्रेस के खाते में गया। वैसे राजस्थान में पिछले चार चुनाव से यह ट्रेंड है कि जब भी बीजेपी की सरकार बनती है अन्य दलों और निर्दलीयों की संख्या कम हो जाती है। 2003 में बीजेपी की सरकार बनी तो अन्य की संख्या 24 थी, 2013 में 16 और इस बार यह संख्या 15 रह गई है।