RAIPUR. छत्तीसगढ़ में एक से तीन बिस्तरों वाले अस्पताल या क्लीनिक खोलने का रास्ता बेहद आसान कर दिया गया है। नर्सिंग होम एक्ट की जटिल फॉर्मिलिटी को खत्म कर सिर्फ एक सेल्फ डिक्लरेशन के आधार पर अस्पताल खोलने का नियम बना दिया गया है। यानी अब डॉक्टर सिर्फ एक स्वयं का घोषणा पत्र देंगे कि वो नर्सिंग होम एक्ट के सभी नियम और मापदंडों का पालन करेंगे और अपना अस्पताल या क्लीनिक शुरू कर लेंगे।
कमी सुधारने के लिए मिलेगा 1 महीने का वक्त
ऐसे छोटे-छोटे अस्पतालों में से सिर्फ 10 फीसदी क्लीनिक का परीक्षण स्वास्थ विभाग करेगा और अगर कोई कमी पाई जाती है तो उन्हें 1 महीने के अंदर सुधारने का मौका दिया जाएगा। लंबे समय से नर्सिंग होम एक्ट के तहत अस्पताल या क्लीनिक रजिस्ट्रेशन के लिए बेहद जटिल प्रक्रिया के खिलाफ लड़ रहे निजी डॉक्टरों के संगठन ने इस नए कानून को लेकर आभार जताया है।
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नर्सिंग होम एक्ट के सभी मापदंड मानने होंगे
एएचपीआई, यानी एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में छोटे-छोटे अस्पताल या क्लीनिक खुलना अब बेहद आसान हो जाएगा, क्योंकि प्रक्रिया बेहद सरल हो गई है। हालांकि, इन्हें भी नर्सिंग होम एक्ट के सभी मापदंड मानने होंगे।