JAIPUR. सपने बड़े थे और भगवान ने सुरत भी अच्छी खासी दी थी। इस उम्मीद में जयपुर का रुख किया कि प्रोफेसर बनकर बच्चों का भविष्य निखारेगी, लेकिन महत्वाकांक्षा ने देश की सबसे बड़ी हनीट्रैप वेम्प बना दिया। हम बात कर रहे है, प्रिया सेठ की जिसकी कहानी पूरी तरह लव, सेक्स और धोखे से लबरेज है। प्रिया सेठ यानी ऐसी महिला, जिसने अमीरजादों को अपना शिकार बनाने के लिए एक बेवसाइट भी बनाई।
आज हम बात करेंगे इंडिया के सबसे बड़े हनीट्रैप मामले की.....
दरअसल जयपुर के सबसे चर्चित दुष्यंत शर्मा हत्याकांड मामले में डीजे कोर्ट ने प्रिया सेठ, दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीनों पर दुष्यंत का किडनैप कर मारने का आरोप था। लेकिन, कोर्ट ने तीनों को किडनैप का नहीं, हत्या का दोषी माना है। दुष्यंत शर्मा हत्याकांड में यह सभी शामिल थे और जिस फ्लैट पर दुष्यंत की हत्या की गई थी, उसी फ्लैट से इन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।
टिंडर पर मिला था दुष्यंत
प्रिया सेठ की सोशल मीडिया एप टिंडर पर दुष्यंत सिंह से बातचीत शुरू हुई थी। प्रिया ने दुष्यंत को अमीर घर का समझकर उससे दोस्ती की थी। कुछ दिन ऑनलाइन बातचीत करने के बाद दोनों में मिलना जुलना जुलना शुरू हुआ। प्रिया ने दुष्यंत को बड़ा बिजनेसमैन समझकर उसे अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। दरअसल प्रिया अपने बॉयफ्रेंड दीक्षांत कामरा का कर्जा चुकवाना चाहती थी। इसीलिए उसने दुष्यंत से बात करना शुरू किया था। प्रिया ने अपने बॉयफ्रेंड दीक्षांत और उसके साथी लक्ष्य के साथ मिलकर दुष्यंत का अपहरण करके फिरौती की साजिश रची।
बॉयफ्रेंड का कर्ज उतारने के लिए रची थी साजिश
2 मई 2018 को प्रिया ने दुष्यंत को मिलने के लिए बुलाया। फिर उसे बजाज नगर स्थित एक फ्लैट में ले गई। फ्लैट में पहले से प्रिया का बॉयफ्रेंड दीक्षांत और उसका दोस्त लक्ष्य वालिया मौजूद थे। इन तीनों ने दुष्यंत की हत्या कर दी। बताया जाता है कि हत्या से पहले प्रिया टिंडर पर एक ज्योतिष के संपर्क में भी आई थी। ज्योतिष ने प्रिया से कहा था कि तुम्हारा शनि भारी है। जेल जाने का योग है।
प्रोफेसर बनने आई प्रिया बनी हनीट्रैप मास्टरमाइंड
जानकारी के मुताबिक प्रिया ने 12वीं तक की पढ़ाई पाली के फालना में इंग्लिश मीडियम स्कूल से की थी। पढ़ाई में प्रिया बहुत अच्छी थी। उसने 10वीं और 12वीं क्लास में अच्छे नंबर हासिल किए थे। 2011 में वह पढ़ाई के लिए जयपुर आ गई थी। तब से वह जयपुर में ही रहकर पढ़ाई कर रही थी। प्रिया का पूरा परिवार टीचिंग प्रोफेशन में था। वह खुद भी प्रोफेसर बनने के लिए आई थी। जयपुर में प्रिया की नानी का घर है, वह शुरुआत में वहीं पर ही रहती थी। हालांकि कुछ समय बाद वह अलग मानसरोवर में रहने लगी। इस दौरान उसके परिवार वालों ने पैसा देना बंद कर दिया। यहीं पर उसकी दोस्ती दीक्षांत से हुई। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। फिर दोनों लिव-इन में रहने लगे। यहीं पर दोनों ने टिंडर एप पर लड़कों को फंसाना शुरू कर दिया।
बॉयफ्रेंड पर हो गया था 20 लाख का कर्ज
प्रिया का बॉयफ्रेंड मुंबई में काम करता था। वह कई नशे करता था। इस वजह से उसपर 20-25 लाख का कर्ज हो गया था। इसी कर्ज को चुकाने के लिए प्रिया ने दीक्षांत और उसके दोस्त लक्ष्य के साथ मिलकर अमीर लड़को को फंसाकर उनसे पैसे लेने का प्लान बनाया। प्रिया ने अपने बॉयफ्रेंड दीक्षांत और उसके साथी लक्ष्य के साथ मिलकर लड़कों को फंसाने के लिए अश्लील वेबसाइट बनाई थी। प्रिया इस वेबसाइट पर हर महीने 90 हजार रुपए महीने के खर्च भी करती थी। उसके कई लड़कियों को इस कारोबार में शामिल कर लिया था।
शव को बड़े सूटकेस में भरकर, पहाड़ियों में फेंका
प्रिया ने दुष्यंत को भी ऐसे ही अपने जाल में फंसाया था। तीनों ने दुष्यंत को बंधक बनाने के बाद उसके पिता से 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी। डर के मारे दुष्यंत के पिता ने 3 लाख रुपए प्रिया के बताए गए बैंक अकाउंट में जमा करा दिए। फिरौती मिलने के बाद तीनों ने पकड़े जाने के डर से दुष्यंत की गला घोंट कर हत्या कर दी। हत्या के कुछ देर बाद ही शव को बड़े सूटकेस में भरकर दिल्ली रोड स्थित आमेर की पहाड़ियों में फेंक दिया गया। शव ठिकाने लगाने से पहले दुष्यंत के चेहरे पर चाकू से कई हमले किए गए ताकि पुलिस उसकी पहचान नहीं कर सकें।
मामला दर्ज होने के बाद हुआ मामले का खुलासा
इसके बाद दुष्यंत के पिता ने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस को आमेर में मैक्सिमा होटल के सामने रास्ते पर झाड़ियों में बैग में लाश पड़ी मिली। झाड़ियों में नीले रंग के ट्रॉली बैग था। उसकी चेन खोली तो अंदर शव निकला था। सिर पर गहरा घाव था। पुलिस ने दुष्यंत के मोबाइल की डिटेल खंगाली। इससे खुलासा हुआ कि हत्या के पहले दुष्यंत और प्रिया के बीच कई बार बातचीत हुई थी। इसी मामले में 24 नवंबर को कोर्ट ने तीनों को सजा सुनाई।