राजस्थान चुनाव में इस बार भी शहरों से ज्यादा गांवों में हुई वोटिंग, लेकिन पिछली बार के मुकाबले शहरी वोट प्रतिशत बढ़ा

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Rahul Garhwal
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राजस्थान चुनाव में इस बार भी शहरों से ज्यादा गांवों में हुई वोटिंग, लेकिन पिछली बार के मुकाबले शहरी वोट प्रतिशत बढ़ा

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में इस बार के चुनाव में भी शहरी वोटरों के मुकाबले ग्रामीण वोटरों ने ज्यादा वोट डाले हैं। हालांकि इस बार शहरी वोटरों की संख्या में ग्रामीण वोटरों के मुकाबले बढ़ोतरी थोड़ी बेहतर है। प्रदेश के 5 बड़े शहरों में पिछले चुनाव के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत एक से डेढ़ प्रतिशत तक बढ़ा है।

पिछले चुनाव के मुकाबले अंतर कुछ कम

राजस्थान में 25 नवंबर को हुए मतदान के आंकड़ों को देखें तो हनुमानगढ़ को छोड़कर बाकी राजस्थान का हाल ये है कि शहरों से ज्यादा गांवों में वोट पड़े हैं। शहरी क्षेत्र में 71.03 प्रतिशत वोट पड़े हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 75.68 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछले चुनाव से तुलना करें तो ग्रामीण और शहरी वोटों के बीच अंतर कुछ काम हुआ है। पिछले यानी 2018 के चुनाव में ग्रामीण वोट प्रतिशत 75.39 प्रतिशत था और शहरों में 70.26 प्रतिशत वोट पड़े थे।

इस बार वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी

इस बार शहरों में मतदान को लेकर उत्साह ज्यादा दिख रहा था। आमतौर पर शहरी मतदाता वोटिंग को लेकर ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आता है, लेकिन इस बार शहरी मतदान केंद्रों पर अच्छी भीड़ देखी गई थी और वे मतदान केंद्र भी भरे हुए नजर आ रहे थे, जहां पर पढ़ा-लिखा तबका या एलीट क्लास के लोग ज्यादा रहते हैं।

जयपुर में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा

प्रदेश के 5 बड़े शहरों में पिछले चुनाव के मुकाबले मतदान प्रतिशत में हुई। बढ़ोतरी भी इस बात का संकेत देती है कि शहरों का पढ़ा-लिखा मतदाता जो पहले मतदान के प्रति उदासीन रहता था, वो इस बार मतदान में रुचि ले रहा था। राजस्थान की राजधानी जयपुर में ही पिछले चुनाव के मुकाबले शहरी वोटिंग में 2.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

  • एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां वोटिंग कई जिलों में 80% से भी ज्यादा दर्ज की गई। वहीं शहरी वोटिंग 77 प्रतिशत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई।
  • इस बार सबसे ज्यादा ग्रामीण वोटिंग आदिवासी इलाके बांसवाड़ा में हुई, जहां 84.32 प्रतिशत वोट पड़े। वहीं दूसरे स्थान पर रेगिस्तानी जिला जैसलमेर रहा जहां 83.39 प्रतिशत वोट पड़े।
  • शहरी मतदान की बात करें तो सबसे ज्यादा शहरी वोटिंग हनुमानगढ़ में हुई है, जहां 76.29 प्रतिशत वोट पड़े हैं वहीं इसके बाद दूसरा नंबर बूंदी का है जहां 74.28 प्रतिशत वोट पड़े।

किसे हो सकता है फायदा

राजस्थान में माना जाता है कि कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करती है। वहीं बीजेपी शहरी इलाकों की पार्टी है। इस नजर से देखा जाए तो शहरी इलाकों में पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ोतरी बीजेपी को फायदा दिला सकती है।

ये है वोट प्रतिशत

  • शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ 25 लाख 47 हजार 698 कुल वोटरों में से 89 लाख 37 हजार 953 वोट पड़े और ये आंकड़ा 71.23 रहा।
  • ग्रामीण क्षेत्र में कुल वोटर 4 करोड़ 477 थे और 3 करोड़ 2 लाख 73 हजार 445 वोट पड़े। ये आंकड़ा 75.68 प्रतिशत रहा।
  • शहरी वोटर्स में पिछली बार के मुकाबले 0.97% की बढ़ोतरी हुई।

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प्रमुख शहरों में बढ़ा वोटिंग प्रतिशत

  • जयपुर - 2.3%
  • जोधपुर - 0.83%
  • अजमेर - 1.82%
  • अलवर - 1.84%
  • उदयपुर - 1.25%
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