JAIPUR. राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद हालांकि अभी नई सरकार के मुखिया का नाम तय नहीं हुआ है लेकिन मुखिया की टीम यानी मंत्रिमंडल में कौन-कौन होगा इसके कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं और ये माना जा रहा है कि इस बार का मंत्रिमंडल बीजेपी की पिछली सरकारों के मंत्रिमंडल से कुछ अलग होगा और इसमें युवा और नए चेहरों को ज्यादा मौका मिलेगा।
क्या इस बार मुख्यमंत्री का पद संभालेंगी राजे
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी रिवाज कायम करते हुए एक बार फिर से सत्ता में है, लेकिन इस बार बीजेपी की सरकार का रंग और स्वरूप कुछ अलग होने के आसार दिख रहे हैं। राजस्थान में पिछले 20 सालों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार दो बार बनी है और दोनों बार मुख्यमंत्री के पद पर वसुंधरा राजे विराजमान रही है। उनकी सरकारों में जिन लोगों को मंत्री बनने का मौका मिलता रहा है उनमें से कई चेहरे इस बार या तो चुनावी मैदान में नहीं थे या चुनाव हार गए। ऐसे में उनकी जगह नए चेहरों का आना वैसे ही तय हो गया है लेकिन खुद वसुंधरा राजे का मुख्यमंत्री बनना इस बार संशय के घेरे में है और ऐसे में मंत्रिमंडल में नए चेहरों का होना लगभग तय माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री के साथ हो सकते हैं दो उपमुख्यमंत्री
सरकार के गठन से पहले इस बात की चर्चाएं जोरों पर हैं कि राजस्थान में इस बार मुख्यमंत्री के साथ ही दो उपमुख्यमंत्री भी नजर आ सकते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारम ये है कि पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले सभी समाजों और वर्गों का प्रतिनिधित्व सरकार में दिखाना चाहती है और कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में लगभग बराबर नजर आ रहे थे ऐसे में उन्हें उपमुख्यमंत्री जैसा पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है।
ये चेहरे दिख सकते है मंत्रिमंडल में
दिया कुमारी - सांसद भी है। इन्हें हालांकि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी माना जा रहा है लेकिन यदि कोई दूसरा नाम सामने आता है तो उन्हें उपमुख्यमंत्री या कोई बड़ा पोर्टफोलियो देने की संभावना बताई जा रही है।
- किरोड़ी लाल मीणा - राज्यसभा सांसद हैं। L ये भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में है लेकिन यदि किसी और को मौका मिलता है तो यह भी उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। मंत्री बनना लगभग तय है।
- बाबा बालकनाथ - सांसद से विधायक बने हैं। इन्हें भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा लेकिन नहीं बनते हैं तो उपमुख्यमंत्री या कोई अहम मंत्रालय संभाल सकते हैं।
- राज्यवर्धन सिंह राठौड़ - यह सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। इन्हें भी उपमुख्यमंत्री का पद या महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की पूरी संभावना है।
- भजन लाल शर्मा - विधायक पहली बार बने हैं लेकिन संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं ऐसे में मंत्री पद मिलने की संभावना बताई जा रही है।
- कालीचरण सराफ - पार्टी के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं आठवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। पहले भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं इस बार भी मौका मिलने की संभावना बताई जा रही है।
- वासुदेव देवनानी - पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं और पहले भी मंत्री रह चुके हैं। संघ परिवार से जुड़े रहे हैं ऐसे में मंत्री पद मिलने की पूरी संभावना है।
- कैलाश चंद वर्मा - वसुंधरा राजे के नजदीकियों में गिने जाते हैं यदि वे मुख्यमंत्री बनती हैं तो मंत्री बनना लगभग तय है। वैसे भी मौका मिल सकता है।
- कुलदीप धनखड़ - जाट समाज के नेता हैं और पार्टी में सक्रिय रहे हैं ऐसे में मंत्री बनाए जाने की संभावना बताई जा रही है।
- जोगाराम पटेल - पहले भी विधायक रह चुके हैं। कानून के अच्छे जानकार हैं। संगठन से जुड़े रहे है। मंत्री बनाए जा सकते हैं।
- बाबू सिंह राठौड़ - वसुंधरा राजे के नजदीकी हैं ऐसे में वे सीएम बनती हैं तो मौका मिल सकता है। गजेंद्र सिंह शेखावत बने तो कोई संभावना नहीं है। अन्य कोई बना तो कुछ संभावना है।
- गजेन्द्र सिंह खींवसर - वसुंधरा राजे की सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं। राजे सीएम बनती हैं तो मौका मिल सकता है, अन्यथा संभावना कम है।
- उदयलाल डांगी - पहले बीजेपी में थे फिर आरएलपी में चले गए और अब फिर से वापस बीजेपी में आकर इस बार विधायक बने हैं। मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
- जितेंद्र गोठवाल - लंबे समय से संगठन में सक्रिय हैं और युवा चेहरा है इसलिए मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
- मदन दिलावर - राजस्थान में बीजेपी का बड़ा दलित चेहरा है और पहले भी मंत्री रह चुके हैं संघ परिवार से नजदीक रहे हैं ऐसे में मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है।
- सुमित गोदारा - विधायक रह चुके हैं और संगठन के साथ मजबूती से खड़े रहने वाले लोगों में है।
- अविनाश गहलोत - विधायक हैं अभी और युवा चेहरा है। संगठन से गहरा जुड़ाव रखते हैं।