KHANDWA. खंडवा में बुधवार को पॉलिटिक्स का इमोशनल व्यू सामने आया, जब अपने समर्थकों से दशहरा मिलन करते वक्त एमएलए देवेंद्र वर्मा फफक-फफककर रोने लगे। अपने नेता को इस तरह रोता देख कार्यकर्ता भी गमगीन हो गए। किसी ने उनके आंसू पोंछ, किसी ने दिलासा दिया तो किसी ने विद्रोह की आग भी भड़काई। यहां तक की मीडिया से बातचीत के दौरान भी वर्मा अपने जज्बात पर काबू नहीं रख पाए और रो दिए।
बगावत के सवाल को टाल गए वर्मा
देवेंद्र वर्मा से जब पूछा गया कि क्या वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे तो उनका कहना था कि वे अभी कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं। बता दें कि खंडवा से 4 बार के विधायक देवेंद्र वर्मा को बीजेपी ने इस मर्तबा टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह जिला पंचायत अध्यक्ष कंचन तनवे को उम्मीदवार बनाया गया है। अपनी टिकट कट जाने के बाद देवेंद्र वर्मा पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपने समर्थकों से रूबरू हुए थे। तभी उनका दर्द आंखों से छलक आया।
कंचन तनवे का एतिहासिक जीत का दावा
इधर बीजेपी से उम्मीदवार बनाए गए कंचन तनवे अपनी एतिहासिक जीत होने का दावा कर रहे हैं। वहीं देवेंद्र वर्मा ने अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है। वर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ें या न लड़ें लेकिन इतना तो तय है कि उनकी नाराजगी का खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ेगा।
विरोध भी बढ़ गया था
दरअसल 18 साल तक विधायक रहने वाले देवेंद्र वर्मा के खिलाफ पार्टी के अंदर ही विरोध बढ़ चुका था। बीते दिनों उनकी खिलाफत खुलकर सामने आ चुकी थी। पार्टी सर्वे और कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद इस बार बीजेपी ने यहां से नए चेहरे को मौका दिया है।