शिवम दुबे, RAIPUR. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रायपुर और भिलाई में हुई कार्रवाई में मामले पुलिस आरक्षक समेत 2 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। शुक्रवार को ईडी ने आरक्षक भीम सिंह यादव और असीन उर्फ बप्पा दास को विशेष अदालत में पेश करते हुए 14 दिनों की रिमांड मांगी थी, वहीं कोर्ट ने दोनों को 7 दिन की ED रिमांड पर भेज दिया है। अब मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।
दोनों आरोपियों के नाम असीन उर्फ बप्पा और भीम सिंह यादव बताए गए हैं। आरोपियों में शामिल भीम सिंह यादव छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल है जो सुपेला थाने में तैनात रहा हैं। ED ने गुरुवार को रायपुर और भिलाई में छापामार कार्रवाई करते हुए 20 करोड़ से ज्यादा रुपए जब्त किए हैं, जिसमें से 5 करोड़ 39 लाख कैश और 15 करोड़ से ज्यादा बैंक अकाउंट में फ्रीज किए गए हैं। ED ने असीम उर्फ बप्पा से 5 करोड़ 39 लाख रुपए कैश बरामद किया।
सौरभ पांडेय ने द सूत्र को बताया
ED के वकील सौरभ पांडेय का कहना है कि महादेव बेटिंग एप से संबंधित जांच जारी थी, इस जांच के दौरान कुछ ऐसे सबूत मिले जो महादेव एप से सम्बंधित थे। यह भी पता चला कि कुछ लोग इसी एप से कमाए गए अवैध पैसे को ट्रांसफर करने का काम कर रहे हैं। इसको लेकर के ईडी ने एक सर्च ऑपरेशन किया था, जिसमें असीन दास उर्फ बप्पा जिसके पास से करीब 5 करोड़ 39 लाख रुपए मिले हैं वह भी कैश में। असीम दास ट्रायटन होटल में रुका हुआ था। कुछ पैसा उसकी गाड़ी से मिला और कुछ पैसा होटल के कमरे से मिला। इसके बाद पूछताछ में उसने ईडी को अपने भिलाई वाले घर का पता बताया।
आरोपियों के दुबई से जुड़े तार
सौरभ पांडे ने कहा है कि दूसरा आदमी जिसको गिरफ्तार किया गया है, उसका नाम भीम सिंह यादव है जो सुपेला थाना में कांस्टेबल है। अब ऐसे में एक बात जो सामने आई वह यह थी कि उसने तीन बार दुबई की यात्रा की है। इसमें से दो यात्राओं में यह व्यक्ति महादेव ऐप के जो मुख्य किरदार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल से मिला उनसे मिला है। वहीं जांच में यह भी प्रयास किया जा रहा है कि जो बुकिंग कराई गई थी दुबई जाने के लिए वह मुख्य किरदार ने ही कराई थी। मामले को लेकर जब आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया तब ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी मगर न्यायालय ने 7 दिन की रिमांड दी है।
10 नवंबर को अगली पेशी
सौरभ पांडेय ने बताया कि अब 10 नवंबर को दोपहर 12 बजे इन दोनों को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसी बात को जानने के लिए की पैसे का स्रोत क्या था हम हमारे प्राथमिक जांच में उसकी जांच कर रहे हैं। ईडी की तरफ से वकील सौरभ पांडे ने यह भी बताया की कई ऐसे बेनामी कहते हैं जिनको फ्रिज किया गया है, उसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपए के आसपास की है।