SAGAR. नौरादेही अभयारण्य में बाघों की बढ़ती संख्या से वन महकमा काफी खुश था। यहां की आबोहवा बाघों को पसंद आने और उनका स्थाई आवास बनने के बाद इस अभयारण्य को रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने की प्लानिंग है। इस बीच नौरादेही से बुरी खबर आई है। बाघिन एन-112 के दो शावक लापता हैं। वन अधिकारियों को शक है कि दूसरे नर बाघ ने उन्हें मार न दिया हो।
एक दर्जन हो चुकी थी संख्या
नौरादेही में बाघों की शिफ्टिंग के कुछ साल में ही यहां 12 बाघ हो गए थे। बीते साल वन विभाग ने बाघिन एन-112 के साथ दो शावक दिखने की जानकारी साझा की थी। बीते साल ही दो नर बाघों की भिड़ंत में एक नर बाघ की मौत हो गई थी। अब दो शावकों के लापता हो जाने से बाघों की संख्या में गिरावट हो सकती है। जिससे वन महकमा भी निराश है।
रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व बनने से पहले नौरादेही अभयारण्य में जन्में चार में से 2 शावकों के जीवित होने पर संशय व्यक्त किया जा रहा है। दरअसल, बाघिन एन- 112 से एक साल बाद दोबारा शावकों के जन्म को लेकर अधिकारी इस तरह का तर्क दे रहे हैं। हाल ही में मीडिया से चर्चा करते हुए टाइगर रिजर्व के डीएफओ ए अंसारी ने कहा था कि राधा के पहली बार जन्में शावकों में से 2 फीमेल टाइगर थीं।
किस बाघिन ने जन्में शावक, इस पर भी भ्रम
नौरादेही से बाघिन के दो शावक लापता हैं यह तो तय है। पर अधिकारी जिस एन-112 के शावक होने की बात कर रहा है उस पर भ्रम की स्थिति है। दरअसल नौरादेही में एन-1 बाघिन राधा ने दो मादा शावकों को जन्म दिया था। जिन्हे एन-111 और एन-112 का नाम दिया गया था। साल भर पहले वन विभाग ने दावा किया था कि एन-112 को दो शावकों के साथ देखा गया है। अब कहा जा रहा है कि एन-112 ने हाल ही में फिर दो शावकों को जन्म दिया। वन्यप्राणी विशेषज्ञों को इस पर संदेह है।
यह कह रहे एक्सपर्ट
एक्सपर्ट का मानना है कि बाघिन पहली मर्तबा शावकों को जन्म देने के 2 साल बाद तब तक मेटिंग नहीं करती जब तक कि शावक वयस्क होकर अपना अलग इलाका न बना लें। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अभयारण्य के वन महकमे की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं। इसके पीछे वजह यही है कि बाघों की मॉनीटरिंग ढंग से नहीं हो रही है। बाघिन एन-1 राधा का कॉलर आईडी गिर चुका है, वह कहां है इस बारे में अमले को कोई जानकारी नहीं है।
डीएफओ का यह है तर्क
डीएफओ ए अंसारी बताते हैं कि 2022 में हमने निश्चित रूप से एन-112 के साथ दो शावक देखे थे। शावक जब 6 माह के हो जाते हैं तब उन्हें गिना जाता है। कभी-कभी दूसरा मेल टाइगर आमद दर्ज कराता है तो वह शावकों को मार डालता है। नर बाघ को बाहर से आए बाघ ने मार दिया था। संभवतः उन शावकों को भी उसने मार दिया हो। एन-112 दूसरी बार गर्भवती है। अभयारण्य में एक मेल टाइगर एन-3 है। यहां उसकी के शावक हैं।
विशेषज्ञों का यह है कहना
वन्य प्राणी चिकित्सक नीरज सिंह कहते हैं कि बाघिन के शावक जब तक वयस्क होकर अलग नहीं हो जाते, बाघिन खुदको गर्भवती नहीं होने देती। शावक होने के बाद बाघिन फाल्स मेटिंग तो करती है लेकिन बाघ का सीमन अलग पाउच में रखे रहती है। बाद में उसे यूरिन के जरिए बाहर निकाल देती है। कभी-कभी जब शावकों की मौत हो जाती है तो वह ट्रू मेटिंग कर पुनः गर्भवती हो जाती है।