JAIPUR. राजस्थान में चुनाव से पहले राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग को लेकर जाति समुदायों के जयपुर में जुटने के क्रम में वैश्य समाज ने भी महापंचायत का आयोजन किया। इस महापंचायत में समाज ने राजनीतिक दलों से 35- 35 टिकट देने की मांग की है। इसके साथ ही आर्थिक पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 10 से बढ़ाकर 14% किए जाने की मांग भी की गई है। समाज के लोगों की मौजूदगी में मंच से इस मांग को राजनैतिक दलों के सामने रखा गया।
हर सीट पर वैश्य समाज की भूमिका अहम
जयपुर के मानसरोवर में हुए वैश्य समाज का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में अग्रवाल जैन महेश्वरी और वैश्य समुदाय से जुड़े अन्य समाजों के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। समाज प्रतिनिधियों ने कहा कि राजस्थान में जितनी संख्या में वैश्य समुदाय रहता है उसे हिसाब से उसे राजनीतिक प्रतिनिधित्व कभी भी नहीं दिया गया। राजनीतिक दल आर्थिक सहायता तो मांगते हैं लेकिन पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं देना चाहते। इस सम्मेलन के माध्यम से हम न सिर्फ समाज के एकता प्रदर्शित कर रहे हैं बल्कि राजनीतिक दलों से हमारी जनसंख्या के अनुसार पर्याप्त प्रतिनिधित्व भी मांग रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में 30 से 35 टिकट दिए जाने की मांग
सम्मेलन के अध्यक्ष प्रदीप मित्तल ने कहा कि हमारी राजस्थान में जितनी संख्या है। उसके आधार पर कभी भी प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है। इस महापंचायत के जरिए हम सभी पार्टियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि समाज को संख्या के आधार पर विधानसभा चुनाव में 30 से 35 टिकट दिए जाएं। इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में भी समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिले। समाज के व्यापारी वर्ग के लिए सरकार व्यापारी कल्याण आयोग का गठन करें। समाज के जो पिछड़े लोग हैं उनकी सहायता के लिए ईडब्ल्यूएस की सीमा को 10% से बढ़ाकर 14% किया जाए।
अर्थव्यवस्था में हमारा बड़ा योगदान
राजस्थान एम्पलायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एनके जैन का कहना था कि इस सम्मेलन के जरिए समाज ने राजनीतिक दलों को समाज की एकता का अहसास कराया है। हम अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते है और संख्या बल भी है इसलिए इसी हिसाब से प्रतिनिधित्व भी मिलना चाहिए। सम्मेलन में बीजेपी और कांग्रेस के वैश्य समाज से जुड़े नेता जैसे विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, मंत्री सुभाष गर्ग, जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, कांग्रेस के पार्टी कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल आदि भी मौजूद थे।
पिछले 3 चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने दिए कितने टिकट
बता दे कि राजस्थान में वैश्य समाज लगभग पूरे प्रदेश में फैला हुआ है और यह समाज बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है। राजस्थान में पिछले 3 चुनाव की बात करें तो बीजेपी में इस समुदाय के लोगों को 44 टिकट दिए हैं जबकि कांग्रेस ने 38 टिकट दिए हैं। यानी पिछले तीन चुनाव में इस समुदाय को औसतन 15 से 20 टिकट दिए गए हैं। जयपुर में इस बार चुनाव से पहले राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के लिए जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, माली और अन्य कई जाति समुदायों के सम्मेलन हो चुके हैं।