LUCKNOW. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर दिखाए हैं। 2024 के चुनाव में टिकट मिलने-ना मिलने की आशंका के बीच वरुण अब अपनी लकीर खींचने में जुट गए हैं। अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे वरुण गांधी ने कहा है कि जो लोग लोन नहीं जमा कर पाएंगे, उनकी संपत्ति की कुर्की होगी। उनकी संपत्ति नीलाम होगी। उन्होंने कहा कि अब मैं पूछना चाहता हूं कि इसका इलाज क्या है? केवल नारे? वरुण ने आगे कहा, जय श्रीराम, भारत माता की जय... इससे हो जाएगा काम? वे यहीं नहीं रुके, वरुण ने अपनी ही पार्टी बीजेपी के नारों, सरकारी योजनाओं की स्थिति और भ्रष्टाचार-बेरोजगारी को लेकर सवाल उठाकर नई चर्चा को जन्म दिया है।
भारत माता को अपनी मां और भगवान श्रीराम को अपना इष्ट मानता हूं...
वरुण गांधी के ताजा तेवर को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वह अपनी अलग लकीर खींचने के मूड में हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि मैं भारत माता को अपनी मां मानता हूं। मैं हनुमानजी का भक्त हूं और भगवान श्रीराम को अपना इष्ट मानता हूं। बीजेपी सांसद वरुण ने कहा, लेकिन मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूं कि आज जो बुनियादी समस्याएं हैं, उससे हर व्यक्ति ग्रसित है। क्या उसका हल नारों से होगा या नीतिगत सुधार से होगा?
बीजेपी के सांसद वरुण... 6 सवाल विपक्ष वाले...
1- उज्ज्वला : इस योजना के तहत सात करोड़ लोगों को सिलेंडर दिया गया। अब ये सिलेंडर लोग दोबारा नहीं भरवा पाए। वरुण ने कहा कि 1100 रुपये के सिलेंडर का आम आदमी क्या करे।
2- बेरोजगारी : वरुण ने बेरोजगारी को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, आज 90 फीसदी नौकरियां संविदा पर दी जा रही हैं, जिसका मतलब है जब मन तब रख लिया, जब चाहे फेंक दिया। वरुण ने कहा कि इस समय सरकारी विभागों में एक करोड़ पद खाली हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इन खाली पदों को आप क्यों नहीं भरना चाहते? आप पैसा बचाना चाहते हो। वरुण गांधी ने संसद में लाए अपने प्राइवेट मेंबर बिल का जिक्र करते हुए कहा कि पहले एक करोड़ रिक्त पदों को तो भरिए।
3- फ्री राशन : वरुण गांधी ने कहा, अब मैं असलियत बताता हूं. जो पैसे बचेंगे, वह फिर से चुनाव में आटा, दाल और चना बांटने में काम आएंगे। उन्होंने 'तेरी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी मिला आटा-दाल-चना' शेर भी सुनाया और कहा कि ये स्थायी समाधान नहीं, छलावा है। देश चलाना कोई मजाक नहीं, संवेदनशील काम है।
4- महंगाई : वरुण ने कहा, पिछले सात साल में वास्तविक वेतन एक फीसदी सालाना बढ़ता है तो सात फीसदी बढ़ गया। अब इन्हीं सात साल में केरोसिन तेल का दाम ढाई सौ फीसदी बढ़ गया है, दूध के दाम 50 फीसदी, बैगन के दाम 56%, प्याज के दाम 70% बढ़ गए। छोटे व्यापारी, कर्मचारी, किसान, मजदूर और निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लड़के का वेतन सात फीसदी बढ़ा और महंगाई 50 फीसदी बढ़ गई। वरुण ने कहा, जो पैसा जेब में था, वह तो निकल गया।
5- स्वास्थ्य व्यवस्था : वरुण ने कहा, कोई बीमार आदमी सरकारी अस्पताल इस उम्मीद के साथ जाता है कि उसका इलाज होगा., लेकिन 95% आदमी को एक ही बात सुनाई पड़ती है कि राम मूर्ति चले जाओ, रेफर कर दो संजय गांधी, चले जाओ एम्स। उन्होंने कहा कि यह सरकारी अस्पताल है या धर्मशाला। माफ करिएगा, क्या ये निजी अस्पतालों से पैसे लेते हैं?
6- भ्रष्टाचार : वरुण ने भ्रष्टाचार को लेकर कहा, देश में उद्योगपतियों के लिए कई हजार करोड़ रुपये भी आसानी से उपलब्ध हैं और एक आम आदमी को जरा सा लोन लेना हो तो उसे बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं। बैंक कर्मचारी जब तक टेबल के नीचे से लक्ष्मी दर्शन नहीं कर लेते तब तक उसका काम नहीं होता है।
सरकार एंटी होने की क्या यह है वजह?
वरुण गांधी पीलीभीत संसदीय सीट के अभय भगवंतपुर, सोरहा, मझगवां, रड़ेता, रोहनिया भूड़ा गांव में जनसंवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। वरुण ने लोगों की समस्याएं भी सुनीं और सरकार के दावे, योजनाओं की हकीकत का डेटा भी लोगों के सामने रखा। अभी तक असमंज में स्थिति थी कि 2024 चुनाव में वरुण की लाइन क्या होगी? अब हालिया बयान इस बात के संकेत माने जा रहे हैं कि वरुण गांधी भी बीजेपी नहीं, अपनी लाइन खींचकर चुनाव मैदान में उतरने के मूड में हैं।