JAIPUR. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह चिंतन, मनन और चिंता का विषय है कि कुछ लोग राजनीतिक चश्मा पहनकर संवैधानिक संस्थाओं पर अनुचित टिप्पणियां करते हैं। उन्होंने इस तरह के व्यवहार को हमारे सांस्कृतिक लोकाचार के खिलाफ बताते हुए कहा कि 'जो व्यक्ति जितने ऊंचे पद पर होता है, उसका आचरण उतना ही मर्यादित होना चाहिए। राजनीतिक लाभ लेने के लिए कोई भी टिप्पणी करना अच्छी बात नहीं है।'
गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया?
उपराष्ट्रपति ने शुक्रवार को बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों, कर्मचारियों और शिक्षकों की एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उपराष्ट्रपति के इस वक्तव्य को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। गहलोत ने हाल ही में इस बात पर आपत्ति व्यक्त की थी की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ संवैधानिक पद पर होने के बावजूद लगातार राजस्थान के दौरे कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में हालांकि, किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कहा कि जब संवैधानिक संस्थाओं की बात आती है तो सभी को काफी जिम्मेदार होना चाहिए। धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि “हमें केवल राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए संवैधानिक पदाधिकारियों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। यह स्वीकार्य नहीं है।”
यह कहा था गहलोत ने
जयपुर में एक कार्यक्रम में दो दिन पहले गहलोत ने कहा था कि कोई तुक नहीं है। चुनाव चल रहे हैं राजस्थान के अंदर। आप बार-बार आओगे तो लोग क्या समझेंगे आपके बारे में। आप चाहते क्या हो? गहलोत ने कहा कि धनखड़ तो बार-बार राजस्थान आ जाते हैं। उपराष्ट्रपति के आने पर एक प्रोटोकॉल लागू होता है। इसी महीने वो पांच बार राजस्थान आ चुके हैं।
बीजेपी ने भी की गहलोत के बयान पर आपत्ति
इस बीच प्रतिपक्ष में बैठी बीजेपी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर आपत्ति की है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की उपराष्ट्रपति पर इस तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या तो बयान वापस ले अन्यथा हम अपने स्तर पर वैधानिक कार्यवाही करेंगे। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद वैधानिक कार्य कर रहे हैं। उन्हें बताना चाहिए कि वह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को किस हैसियत से कोटा के सरकारी कार्यक्रमों में ले गए और महंगाई राहत कैंपों का उद्घाटन कराया।