संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में जैन समाज और गुर्जर समाज के बीच गोम्मटिगरी में जमीन का विवाद सुलझाने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय महसाचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रेसीडेंसी कोठी पर गुरूवार आधी रात को बैठक की। इसमें जैन समाज और गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों के साथ विधायक रमेश मेंदोला और कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी भी मौजूद थे। सुबह जैन समाज ने बताया कि हम गोम्मटिरी पर गुर्जर समाज को 50 फीट का रास्ता देंगे और इसकी मंजूरी हो गई है। लेकिन इस सुलह और बैठक को गुर्जर समाज के अधिकृत प्रतिनिधि डालचंग गुर्जर ने अवैध घोषित कर दिया और प्रशासन को भी सूचित कर दिया कि यह समझौता अनाधिकृत लोगों ने किया है इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
गुर्जर समाज ने जाहिर सूचना भी जारी कर दी
डालचंद गुर्जर ने द सूत्र से चर्चा में बताया कि गुरुवार को हमें बैठक के लिए फोन आया था लेकिन हम सभी एक आयोजन के लिए राजस्थान में हैं और जो बैठक में पहुंचे गोपाल गुर्जर व अन्य वह अधिकृत प्रतिनिधि नहीं है। यह लोग तो छह साल पहले भी एक हजार के स्टाम्प पर भरत मोदी से समझौता कर चुके हैं। हमने इनके खिलाफ पंढरीनाथ थाने में शिकायत भी की हुई है और बैठक के एक दिन पहले गुरूवार दोपहर में ही जाहिर सूचना भी जारी की है कि सभी लोग इन अनाधिकृत लोगों से सावधान रहें। इनका हमारे मामले से कोई लेना-देना नहीं है। वैसे भी कलेक्टोरेट एसडीएम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक सभी जगह हमने याचिका लगाई हैं और समाज ने मुझे अधिकृत प्रतिनिधि नियुक्त किया है तो फिर वह समझौता कर ही नहीं सकते हैं। हमे यह मान्य नहीं है।
इधर समझौते वाले लोगों को ही बुलाया, भरत मोदी भी दरकिनार
वहीं इस बैठक में केवल इन लोगों को ही बुलाया गया जो समझौते के लिए लगभग तैयार थे, ताकि कोई विवाद नहीं हो। इसमें जैन समाज की ओर से भरत मोदी और आंदोलनकारी नकुल पाटौदी की जगह विजयवर्गीय के खास पुराने समर्थक डीके जैन के साथ सौरभ पाटौदी और निर्मल सेठी को बुलाया गया था। वहीं गुर्जर समाज से भी आंदोलनकारी डालचंद व उनकी टीम नहीं पहुंची थी। गुर्जर समाज की ओर से रघुवीर, लच्छीराम, शकुंतला गुर्जर के साथ गोपाल गुर्जर, प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे। ऐसे में पूरा तथाकथित समझौता ही खटाई में पड़ गया है। इसे अब मात्र चुनाव के पहले मामले को ठंडा करने की पहल माना जा रहा है।
मोदी बोले 50 फीट का रास्ता देंगे
जैन समाज की ओर से लड़ाई लड़ रहे भरत मोदी पहले इस लड़ाई को लेकर काफी आक्रामक थे लेकिन अब उनकी भाषा बदल गई है और उनका कहना है कि अब कब तक लड़ाई करेंगे। उन्होंने बैठक बुलाई है तो सभी के हित में जो फैसला होगा उसे मान्य किया है, हम 50 फीट का रास्ता देंगे और अपनी बाउंड्रीवाल पूरी कर लेंगे। गुर्जर समाज तो काफी कुछ मांग रहा था लेकिन हम सभी के हित में 50 फीट देने को तैयार हुए हैं।