मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदताओं ने शनिवार को अपनी नई सरकार चुनने के लिए अपना वोट ईवीएम में डाल दिया है और अब परिणाम का इंतजार है, लेकिन सबकी नजर राजस्थान की उन वीआईपी सीटों पर है जहां से बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें वे सात सांसद भी शामिल हैं, जिन्हें बीजेपी ने नया प्रयोग करते हुए चुनाव मैदान में उतारा था। आइए जानते हैं शाम पांच बजे तक इन वीआईपी सीटों पर मतदान का प्रतिशत का क्या रूझान दिखा रहा है।
पहले बात सांसदों की सीटों की
बीजेपी ने इस बार नया प्रयोग करते हुए पार्टी के एक राज्यसभा सांसद सहित सात सासंदों को विधानभा चुनाव में मैदान में उतारा था। इन सीटों पर मतदान प्रतिशत में पिछली बार के मुकाबले ज्यादा अंतर नहीं है और ऐसे में कहा जा सकता है कि सांसदों के प्रत्याशी बनने के बावजूद मतदाता पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है।
किशनगढ़: इस सीट पर बीजेपी ने सांसद भागीरथ चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा था और उनका मुकाबला बीजेपी से ही बागी हो कर कांग्रेस में गए विकास चौधरी से था। पिछली बार विकास चौधरी बीजेपी के उम्मीदवार थे और इस सीट से जीत हासिल हुई थी एक निर्दलीय सुरेश टांक को। पांच बजे तक मतदान प्रतिशत को देखा जाए तो यह पिछली बार के आसपास ही रहने की सम्भावना है। ऐसे में एक रोचक परिणाम की उम्मीद की जा सकती है।
पिछली बार - 74.52 प्रतिशत
इस बार - 69.03 प्रतिशत
तिजारा: राजस्थान के अलवर जिले की इस सीट से बीजेपी ने हिन्दुत्ववादी चेहरे बाबा बालकनाथ को चुनाव मैदान में उतारा है और उनके सामने मुस्लिम प्रत्याशी इमरान खान चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर मुकाबला हिन्दु बनाम मुस्लिम ही रहता आया है। अहम बात यह है कि पिछली बार यहां से बसपा के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। इस बार यहां पांच बजे तक की वोटिंग बता रही है कि आंकडा पिछली बार से ज्यादा रहेगा और चूंकि मुस्लिम बाहुल्य सीट है, ऐसे में यह वोटों के ध्रुवीकरण वाली सीट है, जिसका परिणाम किसी भी पक्ष में जा सकता है।
पिछली बार - 82.08 प्रतिशत
इस बार- 80.85 प्रतिशत
सवाई माधोपुर: इस सीट पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और चर्चित नेता किरोडीलाल मीणा का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक दानिश अबरार से है। इस सीट पर भी मतदान प्रतिशत पिछली बार से ज्यादा रह सकता है लेकिन सीट चूंकि त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी है, इसलिए वोटिंग प्रतिशत से परिणाम का अंदाजा लगाना मुश्किल है।
पिछली बार - 69.30 प्रतिशत
इस बार - 66.02 प्रतिशत
सांचैर: इस सीट से बीजेपी के सांसद देवजी पटेल का मुकाबला सरकार के मंत्री सुखराम विश्नोई से है। पिछली बार के भाजपा के प्रत्याशी जीवाराम यहां बागी बन कर देवजी पटेल के लिए मुसीबत खडी कर रहे थे। मतदान प्रतिशत यहां पिछली बार से कम ही रहने की सम्भावना है और मुकाबला त्रिकोणीय है, इसलिए उंट किसी भी करवट बैठ सकता है।
पिछली बार - 81.42 प्रतिशत
इस बार - 72.54 प्रतिशत
विद्याधर नगर: जयपुर शहर की इस सीट से पार्टी ने सांसद दिया कुमारी को मैदान में उतारा है और उनके सामने कांग्रेस के पिछली बार हारे प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल हैं। दिया कुमारी को पार्टी बड़े चेहरे के रूप में आगे बढ़ा रही है। यहां मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले ज्यादा रहने की पूरी सम्भावना है और जैसा माहौल देखा गया है, उसे देखते हुए यह परिणाम भाजपा के पक्ष में जा सकता है।
पिछली बार - 70.29 प्रतिशत
इस बार - 68.12 प्रतिशत
मंडावा : इस सीट से बीजेपी ने सांसद नरेन्द्र कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। उनके सामने कांग्रेस की मौजूदा विधायक रीटा कुमारी हैं। पिछले चुनाव में नरेन्द्र कुमार यहां से जीते थे और विधायक बन गए थे, लेकिन उन्हें बाद में सांसद का टिकट दे दिया गया और उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। इस बार यहां वोटिंग प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले बढने की सम्भावना है और यह बीजेपी के पक्ष में जा सकता है।
पिछल बार - 73.57 प्रतिशत
इस बार - 70.71प्रतिशत
झोटावाड: इस सीट पर बीजेपी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद राज्यवर्धन राठौड़ को चुनाव मैदान में उतारा है और उनके सामने कांग्रेस के अभिषेक चौधरी है। इस सीट पर दोनों प्रत्याशी नए हैं। पिछली बार मुकाबला यहां से वसुंधरा सरकार के मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का मुकाबला कांग्रेस के लालचंद कटारिया से हुआ था। कटारिया जीते और गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री बने। इस बार उन्होंने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। चूंकि दोनों प्रत्याशी नए है और बीजेपी के एक बागी आशु सिंह सुरपुरा भी मैदान मे हैं। वही वोटिंग प्रतिशत भी पिछली बार के मुकाबले बढने की बहुत ज्यादा सम्भावना नहीं है, ऐसे में रोचक परिणाम आ सकते है।
पिछली बार - 72.31प्रतिशत
इस बार - 66.22 प्रतिशत
बड़े नेताओं की सीटों पर मतदाता दिखा उदासीन
जहां तक प्रदेश के बड़े नेताओं की सीटों पर मतदान की स्थिति की बात है तो इन सीटों पर मतदाता वोटिंग को लेकर पिछली बार के मुकाबले उदासीन नजर आ रहा है। एक-दो सीटों को छोड़ दें तो ज्यादातर सीटों पर पिछली बार के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत कम ही रहने की सम्भावना है।
सरदारपुरा: इस सीट पर सीएम अशोक गहलोत एक बार फिर कांग्रेस के प्रत्याशी थे और उनका मुकाबला हालांकि जोधपुर के ही भाजपा के एक बडे चेहरे महेंद्र सिंह राठौड़ से था, लेकिन वोटिंग प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले कम ही रहने की सम्भावना है
पिछली बार - 67.09
इस बार - 61.03
झालरापाटन: इस सीट से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बीजेपी की उम्मीवार थीं और उनका मुकाबला कांग्रेस के एक नए चेहरे रामगोपाल चैहान से था। राजे यहां जीत को लेकर इतनी निश्चिंत दिखीं कि नामांकन के बाद वे मतदान से एक दिन पहले ही यहां पहुंची। मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले कम रहता दिख रहा है।
पिछली बार - 78.43 प्रतिशत
इस बार - 69.01प्रतिशत
टोंक: इस सीट से कांग्रेस के सचिन पायलट ने लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ा है और उनके सामने बीजेपी के यहां पहले भी उम्मीदवार रह चुके अजीत मेहता थे। पिछली बार यहां मुकाबाल ज्यादा बडा था, जब बीजेपी ने सरकार के मंत्री युनूस खान को मैदान में उतारा था, लेकिन तब सचिन सीएम पद के उम्मीदवार थे। इस बार पिछली बार जैसी स्थिति नहीं है और शायद इसीलिए मतदान प्रतिशत पिछली बार से कम ही रहेगा, हालांकि परिणाम में किसी बड़े उलटफेर की सम्भावना बहुत कम है।
पिछली बार - 76.61प्रतिशत
इस बार - 68.55 प्रतिशत
तारानगर: बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सीट बदल कर यहां आए हैं और उनका मुकाबला कांगेस के मौजूदा विधायक नरेन्द्र बुढानिया से है। यहां मतदान प्रतिशत पिछली बार से ज्यादा है और यह बता रहा है कि परिणाम रोचक हो सकता है।
पिछली बार - 75.25 प्रतिशत
इस बार - 76.58 प्रतिशत
कोटा उत्तर: इस सीट से गहलोत सरकार के सबसे दमदार मंत्री शांति धारीवाल फिर मैदान में हैं और उनका मुकाबाला पिछली बार के बीजेपी प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल से है। चुनाव प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले कम ही रहेगा और यह बीजेपी के लिए अप्रत्याशित परिणाम दे सकता है।
पिछली बार - 74.39 प्रतिशत
इस बार - 67.27 प्रतिशत
लक्ष्मणगढ़: इस सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा फिर मैदान में थे और उनका मुकाबला कांग्रेस से बीजेपी में लौटे सुभाष महरिया से था। मुकाबला कड़ा रहा बताया जा रहा है और यह बात मतदान प्रतिशत से भी दिख रही है जो इस सीट पर बढ़ने की सम्भावना है।
पिछली बार - 74.39 प्रतिशत
इस बार -72.59 प्रतिशत
आमेर : आमेर से बीजेपी के उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया फिर से मैदान में थे। वे यहां से मौजूदा विधायक भी हैं। उनका मुकाबला पिछली बार के ही कांग्रेस के प्रत्याशी प्रशांत शर्मा से था। वोटिंग प्रतिशत पिछली बार से कम ही रहने की सम्भावना है और यह बीजेपी के लिए चिंता का कारण हो सकता है।
पिछली बार - 79.06 प्रतिशत
इस बार - 70.52 प्रतिशत
नाथद्वारा: इस सीट से विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी एक बार फिर मैदान में थे और उनका मुकाबला उदयपुर राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह से था जो पहली बार राजनीति में आए हैं। यहां भी मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले ज्यादा होता नजर नहीं आ रहा है और यह सीट रोचक परिणाम दे सकती है।
पिछली बार - 76.44 प्रतिशत
इस बार - 70.34 प्रतिशत।