RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव में 76.47 प्रतिशत वोटिंग हुई। ये आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई दुर्गम और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर भेजे गए पोलिंग पार्टी अब तक बेस कैंप पर वापस नहीं आ पाए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। वहीं सीईओ ने बताया कि 62 ईवीएम तकनीकी खराबी के चलते बदलनी पड़ी थीं।
अंतिम आंकड़े के लिए करना होगा इंतजार
रीना बाबा साहब कंगाले ने बताया कि पहले चरण की वोटिंग के लिए 156 मतदान केंद्र ऐसे थे, जहां चुनाव से 1-2 दिन पहले ही हेलीकॉप्टर से मतदान दलों को पहुंचाया गया था। इनमें से 140 मतदान केद्रों से पोलिंग पार्टी को वापस हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित लाया जा चुका है। बाकी दल भी आज शाम से पहले पहुंच जाएंगे। इनकी रिपोर्ट के बाद ही पहले चरण के वोटिंग का अंतिम आंकड़ा मिल सकेगा।
नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़
रीना बाबा साहब कंगाले ने बताया कि बस्तर संभाग के 12 विधानसभा क्षेत्र में 126 नए मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे, पहले संवेदनशील एरिया होने के चलते इन गांव में मतदान केंद्र स्थापित नहीं किए जाते थे। इन नए मतदान केद्रों पर वोट देने पहुंचने वाले मतदाताओं में अच्छा खासा उत्साह था। इसके चलते इन क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत भी खासा बढ़ा है। ओवरऑल चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुई, हालांकि कुछ जगहों पर नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ भी हुई है।
सड़क हादसे में 3 मतदानकर्मियों की मौत
सुकमा में 2, बीजापुर के एक और कांकेर के एक जगह मुठभेड़ में सुरक्षा बल के जवान घायल हुए हैं, उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए रायपुर लाया गया है। इनमें से 2 को एम्स में भर्ती कराया गया है। इस बीच सड़क हादसे में 3 मतदानकर्मियों की मौत हो गई है। ये सभी मतदान करके अपना सारा सामान जमा करके वापस घर जा रहे थे, इसी दौरान सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई।
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मतदान प्रतिशत बढ़ा
भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 2018 छत्तीसगढ़ चुनाव के पहले चरण में 18 सीटों पर 76.42% वोट पड़े थे, वहीं दूसरे चरण में 76.34 प्रतिशत मतदान हुआ था। छत्तीसगढ़ में 2013 के विधानसभा चुनाव में 75.3 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2008 में 70.6 प्रतिशत और 2003 में 71.3 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।