गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में 70 सीटों के लिए 17 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान शुक्रवार शाम 6 बजे खत्म हो गया। इनमें से 34 हाई प्रोफाइल सीटों पर वोटिंग परसेंटेज का पैटर्न फिलहाल दिग्गजों के लिए राहत भरा है कि एक सीट नवागढ़ को छोड़ दें तो ऐसी नहीं है जिसमें मतदान में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई हो। कमी के मामले में अभनपुर में सर्वाधिक 24 फीसदी की कमी आई है। वहीं बाकी सीटों पर मतदान में 4 से 16 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। सभी 34 हाई प्रोफाइल सीटों पर आए आंकड़े अंतिम नहीं है, अंतिम आंकड़े शनिवार तक जारी होंगे, लेकिन मतदान खत्म होने के बाद शाम 6 बजे तक के आंकड़े कई सीटों पर बहुत कम आए हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो ये सत्तापक्ष के लिए शुभ संकेत की तरह हो सकता है।
हाई प्रोफाइल सीटों पर ये बड़े नेता शामिल
छत्तीसगढ़ की 34 हाई प्रोफाइल सीटों पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सहित 10 मंत्री मैदान में हैं तो 4 सांसद, एक पूर्व सांसद, सहित केंद्रीय मंत्री पूर्व मंत्री समेत वर्तमान बीजेपी-कांग्रेस के संगठनों के पदाधिकारी शामिल हैं।
त्योहार भी हो सकता है कारण
राजनीति के जानकारों के साथ राजनीतिक दलों ने भी माना है कि इस बार कम वोटिंग प्रतिशत के लिए 5 दिन की दिवाली के त्योहार के साथ छठ पूजा का भी असर है। रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में उरला और सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी आबादी छठ पर्व मनाने वाले यूपी और बिहार के लोगों की है। वहीं भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, सहित सरगुजा संभाग में मजदूरों के साथ काफी संख्या उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों की है। आज से ही छठ पर्व शुरू हुआ है। बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग जो यहां वोटर भी है, छठ मनाने बाहर चला जाता है। वहीं स्थानीय स्तर पर जो लोग नहीं गए हैं, उनकी भी बड़ी आबादी प्रदेशभर के तालाबों और नदियों में इस त्योहार को मनाती है। खासतौर पर महिला वर्ग को ये प्रभावित करता है। ये कह सकते हें त्योहार की खुमारी भी कम वोटिंग के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
दुर्ग संभाग
पाटन में सीएम के लिए फिलहाल राहत
प्रदेश की सबसे ज्यादा हाई प्रोफाइल सीट पाटन है। यहां कांग्रेस के प्रत्याशी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मैदान में है तो उनके मुकाबले बीजेपी से सांसद विजय बघेल हैं। वहीं इसी सीट से जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी भी चुनावी मैदान में हैं। जोगी की एंट्री से माना जा रहा है एससी और एसटी वोटों का ध्रुवीकरण जेसीसीजे के पक्ष में होगा, लेकिन वोटिंग प्रतिशत को देखें तो 2018 में 83.26 प्रतिशत था। आज शाम तक 75.54 प्रतिशत आया है। कल तक इस आंकड़े में 2-3 प्रतिशत भी इजाफा हुआ तो पिछले बार के आंकड़े छूना मुश्किल है। कार्यकर्ताओं के भरोसे सीट छोड़कर पूरे प्रदेश 26 सभाएं लेने वाले भूपेश के लिए फिलहाल ये अच्छा संकेत माना जा सकता है।
साजा में 10 फीसदी कम मतदान
इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री रविंद्र चौबे 7 बार के विधायक रह चुके हैं और इस बार आठवीं बार मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी के प्रत्याशी बिरनपुर कांड में दिवंगत युवक भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू के चुनावी मैदान में होने के कारण मामला बेहद दिलचस्प हो गया है। इस सीट सहित आसपास की सीटों पर साहू समाज के वोटों का ध्रुवीकरण होने की खबर है। लेकिन यहां भी हुए मतदान के आंकड़े रविंद्र चौबे के लिए फिलहाल राहत दे सकते हैं। क्योंकि पिछली बार के मुकाबले यहां करीब 10 फीसदी कम वोटिंग हुई है। 2018 में यहां 82.40 आज शाम तक 72.62 फीसदी दर्ज की गई है।
नवागढ़ का वोटिंग परसेंटेज खतरे की घंटी
नवागढ़ का वोटिंग परसेंटेज सत्ता पक्ष के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है। नवागढ़ में 2018 में 73.10 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं आज शाम तक 72.73 दर्ज किया गया है। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री दयाल दास बघेल के सामने कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री गुरु रुद्र कुमार के बीच मुकाबला है। 2018 में कांग्रेस के गुरुदयाल सिंह बंजारे ने बीजेपी उम्मीदवार दयालदास बघेल को 19.4% वोटों के मार्जिन (33200 वोटों से) से हराया था। उनकी टिकट काटकर गुरु रुद्र कुमार को यहां से मैदान पर उतारा गया है। कल तक 2 से 3 फीसदी वोटिंग परसेंटेज बढ़ा तो यहां पिछले बार का आंकड़ा पार कर जाएगा।
डोंडीलोहारा में 5 फीसदी कम मतदान
इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री अनिला भेड़िया का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी देवलाल हलवा ठाकुर से है। देवलाल ठाकुर कांग्रेस में थे। 2018 चुनाव के बाद उन्होंने बीजेपी में प्रवेश कर लिया। मंत्री अनिला के सामने बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। वोटिंग परसेंट का कम होना फिलहाल अनिला भेड़िया के लिए राहत भरी खबर है। 2018 में यहां 80.99 प्रतिशत वोट पड़े थे, इस बार केवल 75.01 फीसदी दर्ज हैं।
दुर्ग शहर में 7 प्रतिशत कम मतदान
दुर्ग शहर से कांग्रेस प्रत्याशी और 2 बार विधायक अरुण वोरा के लिए 7 फीसदी कम मतदान होना अच्छा संकेत माना जा सकता है। 2018 में यहां 69.10 मतदान हुआ था। इस बार 62.8 दर्ज किया गया है। दुर्ग ग्रामीण साढ़े 4 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुकाबले यहां बीजेपी प्रत्याशी ललित चंद्राकर मैदान में हैं। 2018 में यहां 74.60 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं आज शाम तक 69 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई है।
सरगुजा संभाग
अंबिकापुर में 14 प्रतिशत कम मतदान
कांग्रेस नेता और वर्तमान में उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के विधानसभा क्षेत्र में करीब 14 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। 2018 में यहां 79.13 आज शाम तक 65.05 प्रतिशत मतदान हुआ है। सिंहदेव के सामने बीजेपी के प्रत्याशी राजेश अग्रवाल चुनावी मैदान में हैं। सामरी के पूर्व विधायक चिंतामणि महराज की सक्रियता से जरूर सिंहदेव के माथे पर बल पड़ रहे थे, लेकिन अब वो खतरा टलता नजर आ रहा है।
सीतापुर में 13 फीसदी कम मतदान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री अमरजीत भगत चुनावी मैदान में हैं। भगत को पांचवीं बार विधायक बनने की चुनौती है। उनके मुकाबले बीजेपी प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो हैं जो पूर्व सैनिक हें, लेकिन 13 फीसदी कम हुए मतदान से लग रहा कि खतरा टल गया है। 2018 मे यहां 81.36 फीसदी मतदान हुआ था, लेकिन इस बार 68.4 दर्ज किया गया है।
कुनकुरी में साढ़े 5 फीसदी कम मतदान
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय के सामने कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को दूसरी बार विधायक बनने की चुनौती है। यहां 2018 के 78.05 प्रतिशत के मुकाबले 72.66 मतदान दर्ज किया जाना मिंज के लिए राहतभरी खबर हो सकता है।
पत्थलगांव में 9 फीसदी कम वोट
बीजेपी प्रत्याशी और सांसद गोमती साय के सामने कांग्रेस प्रत्याशी रामपुकार सिंह 10वीं बार विधायक बनने के लिए मैदान में हैं। दोनों के बीच कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है। 9 फीसदी कम वोटिंग रामपुकार सिंह के लिए अच्छी खबर हो सकती है। 2018 में 80.77 के मुकाबले आज यहां 71.25 प्रतिशत वोट पड़े हैं।
रामानुजगंज में 16 फीसदी कम मतदान
इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री रामविचार नेताम सातवीं बार विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। इनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी और अंबिकापुर के महापौर अजय तिर्की मैदान में हैं। अजय तिर्की टीएस सिंहदेव की पसंद बताए जाते हैं। वे रामविचार नेताम को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। यहां 16 फीसदी कम वोट होना सत्ता पक्ष के अजय तिर्की के लिए राहत वाली बात हो सकती है। 2018 के 82.14 मुकाबले यहां आज शाम तक 65.5 फीसदी वोट ही पड़े हैं।
भरतपुर-सोनहत में भी 16 फीसदी कम वोटिंग
इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह के सामने कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह कमरो दूसरी बार विधायक बनने के लिए मैदान में हैं। दोनों के बीच चुनाव प्रचार के दौरान जमकर नोक-झोंक होती रही। दोनों के इस टकराव के बीच देखना होगा जनता किसे अपना बहुमत देती है। 2018 के 83.93 के मुकाबले आज यहां 67.94 मतदान दर्ज किया गया है।
बैकुंठपुर में 8 फीसदी कम मतदान
इस सीट से बीजेपी से पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े चुनावी मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस से अंबिका सिंहदेव दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं। कोरिया को संभाग बनाने की घोषणा करके मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में मास्टर स्ट्रोक लगाया है। 81.22 के मुकाबले 8 फीसदी कम 73.56 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
रायपुर संभाग में सर्वाधिक कम अभनपुर में 24 फीसदी कम मतदान
रायपुर संभाग की 7 हाई प्रोफाइल सीटों में सबसे ज्यादा 24 फीसदी कम मतदान अभनपुर सीट पर दर्ज किया गया है। यहां 2018 में 84.04 मतदान हुआ था, जबकि इस बार 60.13 फीसदी मतदान हो पाया। यहां से वरिष्ठ कांग्रेस नेता धनेंद्र साहू चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी प्रत्याशी इंद्र कुमार साहू चुनाव लड़ रहे हें। यहां भी कांग्रेस पहले ही मजबूत बताई जा रही है। इसके बाद दूसरे सबसे ज्यादा 11 फीसदी की कमी राजिम में देखी गई। यहां से पूर्व मंत्री और विधायक अमितेष शुक्ल मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी के रोहित साहू मैदान में हैं। राजिम में 2018 के 82.86 के मुकाबले आज 71.23 प्रतिशत मतदान हुआ है।
रायपुर दक्षिण में 9 फीसदी कम वोटिंग
रायपुर दक्षिण में 7 बार के विधायक बृजमोहन के सीट पर 2018 के 61.73 के मुकाबले इस बार 52.11 प्रतिशत वोटिंग यानी 9 फीसदी कम मत पड़े। उनके मुकाबले कांग्रेस से सीट बदलकर यहां आए महंत रामसुंदरदास मैदान में हैं। रायपुर पश्चिम ग्रामीण और धरसीवां तीनों सीटों पर 6 फीसदी कम वोट पड़े। रायपुर पश्चिम में बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री राजेश मूणत के सामने कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। रायपुर ग्रामीण में साहू बहुल विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी मोतीलाल साहू के सामने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा के बेटे पंकज शर्मा मैदान में हैं। धरसीवां में बीजेपी प्रत्याशी और छॉलीवुड अभिनेता अनुज शर्मा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा तो आरंग में कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास के बेटे बीजेपी प्रत्याशी गुरु खुशवंत सिंह के आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। यहां 8 फीसदी कम वोटिंग हुई है।
कुरुद में 6 प्रतिशत कम वोटिंग
सर्वाधिक मतदान वाले कुरुद क्षेत्र में 2018 के 88.89 फीसदी के मुकाबले 82.6 प्रतिशत यानी 6 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। यहां से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के सामने कांग्रेस प्रत्याशी तारिणी नीलम चंद्राकर मैदान में हैं। पिछली बार तारिणी के पति ने निर्दलीय उतरकर कांग्रेस को लहर के बीच तीसरे नंबर पर धकेल दिया था। इस बार अजय चंद्राकर के लिए बड़ी चुनौती है।
बिलासपुर संभाग में रामपुर और चंद्रपुर में सर्वाधिक 13 फीसदी कमी
बिलासपुर संभाग की 13 हाइप्रोफाइल सीटों का आकलन करें तो सर्वाधिक 13 फीसदी वोटों की कमी चंद्रपुर और रामपुर सीट पर दिखती है। रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री ननकी रामकंवर के सामने कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह राठिया मैदान में हैं। चंद्रपुर कांग्रेस के सबसे गरीब विधायक रामकुमार यादव के मुकाबले जुदेव परिवार की संयोगिता जूदेव मैदान में हैं। वहीं तखतपुर में 12, कोटा में 10, लोरमी में 8, बिल्हा और सक्ती में 7, कोरबा, खरसिया और रायगढ़ में 6 और बिलासपुर, मुंगेली और जांजगीर चांपा में मतदान में 4 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।