BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 17 नवंबर को वोटिंग होनी है। शुक्रवार को चुनाव में उतरे सभी प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद हो जाएगी। वोटिंग से पहले हम आपको बता रहे हैं कि ज्यादा वोटिंग का मतलब क्या होता है। इससे किसे फायदा और किसे नुकसान होता है।
ज्यादा वोटिंग से किसे फायदा और किसे नुकसान
मोटे तौर पर ये माना जाता है कि अगर चुनाव में ज्यादा वोटिंग होती है तो इसका मतलब एंटीइनकंबेंसी फैक्टर हावी है। सत्ता में मौजूद पार्टी से नाराजगी वाले वोटर्स ने ज्यादा वोटिंग की है। जनता सत्ता परिवर्तन के मूड में है। इससे विपक्ष को फायदा होता है।
कम वोटिंग से किसे फायदा और किसे नुकसान
अगर चुनाव में वोटिंग प्रतिशत कम होता है तो ये माना जाता है कि या तो जनता सत्ताधारी दल से संतुष्ट है या फिर उदासीन है। इससे सरकार को फायदा होता है और विपक्ष को नुकसान होता है।
मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव में वोटिंग प्रतिशत और नतीजा
- 2018 -75.63 प्रतिशत (कांग्रेस जीती)
- 2013 - 72.69 प्रतिशत (बीजेपी जीती)
- 2008 - 69.63 (बीजेपी जीती)
- 2003 - 67.25 प्रतिशत (बीजेपी जीती)
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वोटिंग कम क्यों होती है ?
कई बार वोटर राजनीतिक कारणों से तो कई बार सामाजिक कारणों से वोटिंग करने जाता ही नहीं है। वोटर्स उस वक्त भी अनमने हो जाते हैं जब उन्हें लगता है कि किसी पार्टी और नेता का कोई विकल्प ही नहीं है। इसलिए भी वो वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलता है।