मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में इस बार मतदाताओं ने पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा वोट डाले हैं। वोटिंग और डाक मतपत्र मिलाकर अब तक वोटिंग प्रतिशत 74.96 हैं, जो पिछली बार के मुकाबले 0.90 प्रतिशत ज्यादा है। लेकिन यह अभी अंतिम आंकडा नहीं है, क्योंकि 17 सीटों का अंतिम डाटा शनिवार (25 नवंबर) देर रात तक भी निर्वाचन विभाग को नहीं मिला था। अब सवाल यह है कि पिछली बार का रिकॉर्ड तो टूट गया, अब क्या यह बढ़ा हुआ वोटिंग प्रतिशत बीजेपी के पक्ष में जाएगा? पिछले चार चुनाव का पैटर्न तो यही बता रहा है इस पैटर्न पर एक एक्स फैक्टर है, मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर बम्पर वोटिंग... और यह फैक्टर काम करता है तो राजस्थान की राजनीति का उंट किसी भी करवट बैठ सकता है।
आइए पहले देखते हैं कि अब तक का पैटर्न क्या है
राजस्थान में पिछले 30 साल से हर बार सत्ता परिवर्तन हो रहा है। इसमें पिछले चार चुनाव का पैटर्न देखें तो एक रोचक तस्वीर यह है कि जब भी पिछली बार के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है, सरकार बीजेपी की बनी है।
यह देखिए पैटर्न
1998- 63.39 प्रतिशत मतदान; कांग्रेस- 153 सीट, बीजेपी- 33 सीट
- 2003- 67.18 प्रतिशत मतदान ( 3.79 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी)
- कांग्रेस - 56 सीट, बीजेपी- 120 सीट
- 2008- 66.25 प्रतिशत मतदान (0.93 प्रतिशत की कमी)
- कंग्रेस - 96 सीट, बीजेपी - 78 सीट
- 2013- 75.04 प्रतिशत मतदन ( बढ़ोत्तरी 8.79 प्रतिशत)
- कांग्रेस - 21 सीट, बीजेपी- 163 सीट
- 2018 - 74.06 प्रतिशत मतदान ( कमी 0.98 प्रतिशत )
- कांग्रेस - 100 सीट, बीजेपी - 73 सीट
अब इस पैटर्न और हर बार सरकार बदलने के रिवाज को देखें तो बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है।
लेकिन एम फैक्टर का क्या
वोटिंग प्रतिशत तो बढा है, लेकिन इस वोटिंग प्रतिशत बढ़ने के कई कारण है और इसमें एक बड़ा कारण है मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अच्छी वोटिंग। इस चुनाव में धार्मिक आधार पर वोटों का धु्रवीकरण जमकर हुआ है। इसका प्रमाण है वे सीटें जहां आमने-सामने हिन्दु और मुस्लिम प्रत्याशी। इनमें से किसी भी सीट पर 70 प्रतिशत से कम मतदान नहीं हुआ है। इसके अलावा भी जो मुस्लिम बाहुल्य सीटें मानी जाती हैं, उन पर अच्छी संख्या में वोट पड़ा है और मुस्लिम वोट पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में गया है, इसमें कोई दोराय नहीं है।
देखिए क्या रहा है प्रमुख मुस्लिम बाहुल्य सीटों का वोट प्रतिशत
- पोकरण - 87.79
- तिजारा - 85.15
- शिव - 80.66
- कामां - 77.80
- रामगढ - 77.40
- चूरू - 76.10
- पुष्कर - 76.64
- हवामहल - 76.29
- किशनपोल - 76.87
- आदर्श नगर - 72.98
- सवाई माधोपुर - 70.27
- अजमेर उत्तर - 67.30
अब अगर मुस्लिम वोटर्स का फैक्टर काम कर गया तो बीजेपी की उम्मीदें धराशायी हो सकती हैं। इनके अलावा कांग्रेस को महिला वोटर्स से भी काफी उम्मीदे हैं, जिन्हें सरकार ने मोबाइल से लेकर फ्री राशन और अब दस हजार रूपए प्रतिवर्ष देने का वादा किया है।
बीजेपी की उम्मीद नए वोटर्स
राजस्थान के चुनाव में 22 लाख से ज्यादा वोटर 18 से 30 साल के थे और बीजेपी की सबसे बड़ी उम्मीद यही वोटर हैं। प्रश्न पत्र लीक इस बार बड़ा मुद्दा था और बीजेपी को उम्मीद है कि इसका असर युवा वोटों की वोटिंग पर दिखेगा। कुल मिलाकर बढ़ा हुआ वोटिंग प्रतिशत बीजेपी के पक्ष में जाता हुआ तो दिखता है, लेकिन इसे निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसमें अगर-मगर बहुत हैं।