BETUL. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया। जब एक मानसिक बीमार महिला खुद को जिला शिक्षा अधिकारी बताकर अधिकारी की कुर्सी पर बैठ गई। विभाग के अफसरों को जानकारी देने के बाद भी जब वह कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं तो पुलिस बुलानी पड़ी।
महिला बोली- दमोह से बैतूल ट्रांसफर हुआ है
दरअसल, नीले कपड़े पहने एक महिला अचानक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंच गई। इसके बाद वो कुर्सी पर बैठ गई। महिला से पूछा गया कि कुर्सी पर क्यों बैठी हैं तो जवाब मिला कि डीईओ है और उसका ट्रांसफर दमोह से बैतूल हुआ है। इसके बाद जब आदेश का लेटर मांगा गया तो महिला बोली कि भोपाल से आईडी भेज दी गई है जो आप लोगों के पास आ गई होगी। इसके बाद महिला ने कहा कि उसका पति दस्तावेज लेकर आ रहा है।
डीईओ ने भोपाल फोन लगाया, तब सच्चाई सामने आई
इस दौरान अधिकारी के चेंबर में कर्मचारियों की भीड़ लग गई। वो वीडियो बनाने लगे। महिला के पहनावे को देख नहीं लग रहा था कि वो मानसिक बीमार है। इसलिए डीईओ डॉ. अनिल कुशवाह ने भोपाल फोन लगाया। तब पता चला कि ऐसा कोई तबादला नहीं हुआ। न ही इस नाम की कोई महिला डीईओ है। इसके अलावा यह भी जानकारी मिली कि महिला का नाम देवकी चौकीकर है और उसका पति टीचर है। दमोह से उसका तबादला बैतूल हुआ है।
...तब पुलिस को समझ आया महिला मानसिक बीमार
सच्चाई सामने आने के बाद डीईओ ने पुलिस को सूचना दी और महिला को पुलिस के हवाले किया। कोतवाली पहुंचकर महिला रोने लगी। तब पुलिस को समझ में आ गया कि महिला मानसिक बीमार है। महिला के फोन से उसके भाई को सूचना दी गई। पूछताछ के बाद जब स्पष्ट हो गया कि वो मानसिक बीमार है तो उसे उसके भाई को सौंप दिया गया।
महिला थी मानसिक बीमार
महिला डेस्क प्रभारी अश्विनी का कहना है कि डीईओ कार्यालय से सूचना आई थी कि एक महिला अपने आप को डीईओ बता रही है। थाने लाने पर पता चला कि वो मानसिक बीमार है। उसके भाई को बुलाकर उसे सौंप दिया गया है। डीईओ बैतूल अनिल कुशवाह का कहना है कि ऑफिस से फोन आया कि एक महिला अपने आप को डीईओ बता कर उनकी कुर्सी पर बैठी है। बोल रही है कि उसका ट्रांसफर दमोह से बैतूल हुआ है। पता किया तो ऐसा कुछ नहीं था। महिला की बातों से लगा कि वो मानसिक बीमार है।