मध्यप्रदेश चुनाव में नारी पड़ी भारी, विधानसभा में 33% बढ़ी महिला विधायकों की संख्या, बीजेपी में 75% तो कांग्रेस में 25% की जीत

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BP Shrivastava
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 मध्यप्रदेश चुनाव में नारी पड़ी भारी, विधानसभा में 33% बढ़ी महिला विधायकों की संख्या, बीजेपी में 75% तो कांग्रेस में 25% की जीत

शिवानी दुबे, BHOPAL. इस बार के विधानसभा चुनाव में नारी सब पर भारी पड़ी है। इसे महिला आरक्षण बिल का असर माना जा सकता है कि बीजेपी और कांग्रेस ने हर बार की अपेक्षा ज्यादा महिलाओं को टिकट दिया था। यही कारण है कि इस बार प्रदेश की विधानसभा में पिछली बार के मुकाबले 33 फीसदी ज्यादा महिला विधायक पहुंची हैं। बीजेपी ने 28 महिलाओं को तो कांग्रेस ने 29 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था। इनमें बीजेपी की 21 तो कांग्रेस की 6 महिला विधायक विधानसभा पहुंचीं। पिछली बार महिला विधायकों की संख्या 20 थी जो इस बार बढ़कर 27 हो गई है। 2018 में बीजेपी की 11 महिला विधायक थीं जबकि कांग्रेस की 9 महिलाएं विधानसभा पहुंची थीं। बीजेपी की महिला विधायकों की जीत का प्रतिशत 75 फीसदी रहा तो कांग्रेस की 25 फीसदी महिला विधायक ही जीत हासिल कर सकीं। कुल मिलाकर विधानसभा में महिला विधायकों की हिस्सेदारी 11.73% हो गई है।

महिला आरक्षण विधेयक को दोनों सदनों में मंजूरी

अगर बात करें महिला आरक्षण बिल की तो 1998,1999 और 2003 में बार-बार संसद में इस बिल को पारित कराने के प्रयास हुए। साल 2010 में महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पास भी हो गया, लेकिन लोकसभा में इस पर सहमति नहीं बनी, लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे 18 सितम्बर 2023 को मंजूरी दी। "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है।

छत्तीसगढ़ में 14.44 प्रतिशत महिला विधायक

दुनियाभर के देशों के सांसद से आंकड़े जुटाने वाली संस्था "IPU PARLINE" के मुताबिक महिला सांसदों के मामले में भारत विश्व के 141वें स्थान पर है वहीं देश में किसी भी राज्य में 15% से ज्यादा महिला विधायक नहीं है, सबसे ज्यादातर छत्तीसगढ़ में 14.44% महिला विधायक हैं, वहीं नागालैंड और मिजोरम में कोई भी महिला विधायक नहीं है। करीब तीन दशक से संसद में महिला आरक्षण प्रस्ताव लंबित है। 2014 के घोषणा पत्र में बीजेपी ने इसे शामिल किया।

महिला आरक्षण बिल का असर

देश में वैसे तो महिलाओं की आबादी कुल आबादी की 48 फीसदी है, लेकिन अगर बात करें लोकसभा और विधानसभा की तो यहां महिलाओं की भागीदारी नाम मात्र के लिए है। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए "नारी शक्ति वंदन" अभियान लाया गया। 2023 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही महिलाओं के ऊपर विशेष ध्यान दिया। जहां एक और बीजेपी ने महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना बनाई तो वहीं दूसरी और कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना शुरू करने का वादा किया। 2023 के विधानसभा चुनाव में देश की आधी आबादी यानी महिला शक्ति ने अपनी पूरी ताकत दिखाई। जो बीजेपी के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हुई। खुद बीजेपी भी इस बात को खुले दिल से स्वीकारती है कि लाड़ली बहनें गेम चेंजर साबित हुई हैं।

ये हैं बीजेपी की महिला विधायक


1. प्रतिमा बागरी - रैगांव

2.राधा सिंह - चितरंगी

3.सम्पतिया उइके -मंडला

4.छाया मोरे - पंधाना

5.मंजू राजेंद्र दादू - नेपानगर

6.अर्चना चिटनीस - बुरहानपुर

7. ऊषा ठाकुर - महू

8.मनीषा सिंह - जयसिंहनगर

9. मीना सिंह - मानपुर

10.कृष्णा गौर - गोविंदपुरा

11.गायत्रीराजे पवार - देवास

12.मालिनी गौंड - इंदौर 4

13.रीति पाठक - सीधी

14.सरला बृजेन्द्र रावत -सबलगढ़

15.प्रियंका मीणा - चाचौड़ा

16.ललिता यादव - छतरपुर

17.निर्मला भूरिया - पेटलावद

18.उमादेवी खटीक - हटा

19.कंचन मुकेश तनवे -खंडवा

20.नीना विक्रम वर्मा - धार

21. गंगा सज्जन सिंह उइके

ये हैं कांग्रेस की महिला विधायक

1. निर्मला सप्रे - बीना

2. चंदा सिंह गौर - खरगापुर

3. झूमा सोलंकी - भींकनगांव

4.अनुभा मंजारे - बालाघाट

5.सोना पटेल -जोबट

6. साध्वी रामसिया भारती -बड़ामलहरा

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