संजय गुप्ता, INDORE. यशवंत क्लब के चेयरमैन, सचिव और मैनेजिंग कमेटी ने फर्म्स एंड सोसायटी के आदेश होने के बाद भी रिकॉर्ड में खेल शुरू कर दिया है। द सूत्र ने पहले ही खुलासा किया था कि आदेश होने के बाद आनन-फानन में 38 सदस्यों की सदस्यता प्रक्रिया को क्लब सचिव संजय गोरानी ने आगे बढ़ा दिया। इस मामले में क्लब के सदस्य और याचिकाकर्ता बलमीत सिंह ने फर्म्स एंड सोसायटी को आवेदन लाकर इस धांधली की सूचना दी है और मांग की है कि क्लब की सदस्यता संबंधी मूल रिकॉर्ड बुलाकर अपने पास रखा जाए, ताकि इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सके।
याचिकाकर्ता ने आवेदन में लिखा- रिकॉर्ड में छेडछाड़ और कूटरचना हो रही है
फर्म्स एंड सोसायटी ने हमारी याचिका पर सुनवाई कर 26 अक्टूबर को इसमें नई सदस्यता पर रोक लगाते हुए पुराने विधान के अनुसार ही आगे कार्रवाई करने का आदेश दिया था। अगली सुनवाई 6 नवंबर को लगाई गई है। इस आदेश की जानकारी देन के लिए हमने क्लब में कॉपी 26 अक्टूबर को ही दी, लेकिन उन्होंने स्वीकर नहीं की और फिर आगले दिन 27 अक्टूबर को इसे स्वीकार किया गया। हमें ये सूचना मिली है कि क्लब सचिव और पदाधिकारी को इस आदेश की जानकारी होने के बाद भी 39 लोगों के पैसे जमा करवाकर कार्ड जारी कर दिए हैं। इन व्यक्तियों को सदस्यता ईओजीएम में पारित निर्णय के विरुद्ध जाकर दी गई है। संस्था के पदाधिकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और कूटरचित कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि सुनवाई लंबित रहने के दौरान सभी मूल रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जाए।
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6 जून के प्रस्ताव में ही लिखा संविधान संशोधन बिना सदस्यता नहीं
याचिकाकर्ता के वकील अजय मिश्रा ने बताया कि क्लब द्वारा जो संविधान में संशोधन प्रस्तावित किया गया है, उसके खिलाफ आवेदन दिया गया है। साथ ही प्रार्थी की ओर से आपत्ति लगी है कि स्पेशल कैटेगरी के तहत जो सदस्य बननाने के लिए ईओजीए में एजेंडा पास हुआ है, इसमें साफ लिखा है कि पहले संविधान को संशोधन किया जाएगा,फिर पारदर्शिता अपनाते हुए फॉर्म जारी होंगे। उनकी मानदंडों पर स्क्रूटनी होगी और 50 सदस्यों की बैलेटिंग कमेटी बनाकर प्रक्रिया की जाएगी। इस पर खुद क्लब सचिव संजय गोरानी के हस्ताक्षर हैं, लेकिन बिना संविधान संशोधन के ही पूरी प्रक्रिया की जा रही है। इसी को लेकर सोसायटी ने 26 अक्टूबर को पहले ही यथास्थिति संबंधी आदेश दे दिया है। इसके बाद भी क्लब मैनेजिंग कमेटी पदाधिकारी मान नहीं रहे हैं।