RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पिछले 5 सालों में करीब 25 हजार शिक्षकों की भर्ती निकली जिनमें से अधिकांश पदों पर युवाओं को नियुक्ति भी हो गई है, लेकिन प्रदेश के हजारों लाखों युवा शिक्षक पदों पर भर्ती को लेकर ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ में 102 की महतारी सेवा देने के लिए नई कंपनी को टेंडर मिला है। नाराज 102 सेवा के पुराने कर्मचारी पिछले 16 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं।
4 लाख युवाओं को नौकरी के मौके का इंतजार
दरअसल, इन युवाओं का आरोप है कि जो भी वैकेंसी निकली वो बस्तर और सरगुजा संभाग के लिए निकली, रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर संभाग यानी मैदानी इलाकों के युवाओं को मौका ही नहीं मिला, जबकि इस क्षेत्र में 57 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त हैं। करीब 4 लाख युवा मौके का इंतजार कर रहे हैं। आज प्रदेशभर से जुटे युवाओं ने नवा रायपुर धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा मौका नहीं तो वोट नहीं। साथ ही चेतावनी भी दी कि आचार संहिता लागू होने से पहले शिक्षक पदों पर भर्ती जारी नहीं हुई तो युवाओं की नाराजगी सरकार को भारी पड़ेगी।
102 की महतारी सेवा देने नई कंपनी मांग रही पैसा
छत्तीसगढ़ में 102 की महतारी सेवा देने के लिए नई कंपनी को टेंडर मिला है, लेकिन कंपनी लोगों को काम पर रखने के लिए 30 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक मांग रही है। पैसे देने पर ही लोगों को काम पर रखा जा रहा है। पैसों का कोई रसीद नहीं दी जा रही है, इससे नाराज 102 सेवा के पुराने कर्मचारी पिछले 16 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं। उनकी मांग और लगातार प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा है, उसने बाकायदा आदेश जारी कर कंपनी को पैसे लौटाने को कहा है, लेकिन आरोप है कि कंपनी इसमें भी खेल कर रही है।
ये खबर भी पढ़ें
नई कंपनी ने युवाओं से लाखों रुपए की रिश्वत ली
पीड़ित बेरोजगार युवकों का कहना है कि नौकरी देने के लिए कंपनी ने 80 हजार रुपे लिए, लेकिन आदेश के बार सिर्फ 30 हजार रुपए लौटाई है। हड़ताल कर रहे कर्मचारी सवाल कर रहे हैं कि स्वास्थ विभाग का काम पैसा लौटाना नहीं होना चाहिए, बल्कि जब साबित हो गया है कि नई कंपनी ने युवाओं से लाखों रुपए की रिश्वत ली, तो उसका सीधे टेंडर रद्द किया जाना चाहिए। नाराज कर्मचारियों ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा का पुतला दहन किया।