Jaipur. जयपुर में एक होटल संचालक ने कोरोना काल में होटल ठप हो जाने के बाद ठगी करने का धंधा शुरु कर दिया था। उसने कनाडा और दुबई में मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब दिलाने के नाम पर एसी मैकेनिकों, ड्रायवरों और होटल में काम करने वाले लोगों को अपने जाल में फंसाया और ऐसे करीब 43 लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए। पीड़ितों ने थानों में एफआईआर दर्ज कराई और लंबे समय तक ठग के सुराग इकट्ठा किए। अंततः वह शातिर ठग इंदौर से गिरफ्तार हुआ है।
लॉकडाउन में बंद हो गया था होटल
जानकारी के मुताबिक कृतार्थ मेहुल पारगी नाम के इस व्यवसाई का होटल लॉकडाउन में ठप हो गया था। जिसकी भारपाई करने उसने ठगी की शुरुआत कर दी। वह महंगे होटलों में रुकता था। होटल में इंटरव्यू लेता था। खुदको टोपाज कंपनी का डायरेक्टर बताकर छोटे मोटे काम करने वाले मैकेनिक, ड्राइवर और वेटर्स को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था।
बैंक कर्मी से भी ठगे 20 लाख
इस शातिर ठग ने महिला बैंककर्मी को भी नहीं छोड़ा, दरअसल ठगी की शुरुआत उसने इसी बैंककर्मी के साथ की थी। कृतार्थ ने महिला को बताया कि उसकी कंसल्टेंसी और प्लेसमेंट का काम है। उसे 100 से ज्यादा युवक विदेश भेजने हैं। उसने महिला को भी पार्टनर बन जाने का झांसा दिया। इसके एवज में 25 लाख रुपए की डिमांड कर दी। महिला ने 4 लाख रुपए कैश उसे दे दिए और बाद में 21 लाख रुपए अलग से दिए। कृतार्थ ने कुछ रुपए प्रॉफिट होने का झांसा देकर लौटा दिए थे, ताकि महिला का विश्वास कायम रहे।
महिला बैंककर्मी ने ही अपनी जान पहचान के 15-20 युवकों को कृतार्थ से मिलवाया था। जिनसे कृतार्थ ने वीजा बनवाने और बायोमेट्रिक पहचान के नाम पर 38-38 हजार रुपए ठगे थे।
सैलरी में से कमीशन का भी झांसा
कृतार्थ वीजा और डॉक्युमेंट के नाम पर 38 हजार हड़प लेने के बाद युवकों को बताता था कि जो भी विदेश जाएगा, उसे वहां दो महीने की एडवांस सैलरी मिलेगी। इस सैलरी में से उसे कमीशन देना होगा। कृतार्थ ने साफ कहा था कि वह उन्हीं लोगों को विदेश भेजेगा जो उसका कमीशन एडवांस में देंगे। वह युवकों से कमीशन के पैसों का रेवेन्यू टिकट मंगवाता था।
ईडी तक से की थी शिकायत
कृतार्थ के पीड़ितों ने उसके खिलाफ पुलिस से लेकर ईडी तक में शिकायत की थी। आरोप है कि अधिकारियों से मिलीभगत के कारण वह रुपए लौटाने का झांसा देकर बच जाता था। एक पीड़ित कंचन ने बताया कि वह हर बार भारत सरकार लिखी गाड़ियों में आता था।
इंदौर में हुआ गिरफ्तार
कृतार्थ के लिए खिलाफ काफी लोगों ने एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने नोटिस देकर उसे इंदौर बुलाया था। पीड़ितो को जब इस बात की खबर लगी तो उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाना शुरु कर दिया कि उसे इंदौर में ही अरेस्ट किया जाए। लोगों का आक्रोश देखते हुए पुलिस ने उसे इंदौर में ही गिरफ्तार कर लिया है। अब उससे मामले में पूछताछ चल रही है।