वेंकटेश कोरी, JABALPUR. मिशनरी की जमीनों के फर्जीवाड़ों से लेकर धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले में जेल की हवा खाने वाले पूर्व बिशप पीसी सिंह परिवार सहित फरार हो गया है। द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन और जबलपुर डायोसिस के बिशप के पद पर रहते हुए पीसी सिंह ने जमकर घोटालेबाजी की थी जिसके बाद लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो यानी ईओडब्ल्यू ने पीसी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की कार्यवाही की थी, इस कार्यवाही में पीसी सिंह के घर से एक करोड़ 65 लाख रुपए की नगदी, 18000 की विदेशी करेंसी के अलावा 174 बैंक खातों और 9 लग्जरी कारें और 32 विदेशी घड़ियां बरामद हुई थी, इस पूरे मामले में जेल से छूटने के बाद पीसी सिंह पर जांच एजेंसियां नजर रखी हुई थी लेकिन अचानक पीसी सिंह अपने परिवार सहित फरार हो गया है जिसकी तलाश के लिए ईओडब्ल्यू की टीमों ने देश के कई हिस्सों में दबिश भी दी लेकिन पीसी सिंह का कोई सुराग हासिल नहीं हो पा रहा है।
4000 वर्गफुट जमीन के मामले में पूर्व बिशप की फिर से तलाश
द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया और जबलपुर डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के ठिकानों पर 8 सितंबर 2022 को छापेमारी की कार्रवाई की गई थी इस कार्यवाही के दौरान बिशप अपने घर में नहीं था और वह जर्मनी की यात्रा पर था, जर्मनी से जैसे ही भारत आया तो जांच एजेंसियों ने उसे नागपुर एयरपोर्ट में दबोच लिया था। ईओडब्ल्यू ने बिशप के अलावा उसके दो राजदार सुरेश जैकब और प्रेम मसीह को भी अपने रडार पर लिया जिसमें सरकार के द्वारा मिशनरियों को आवंटित जमीनों की हेरा फेरी का खुलासा हुआ। इसी मामले से जुड़े नेपियर टाउन में 4000 वर्ग फीट की एक जमीन के दस्तावेजों में हेरा फेरी कर अपने नाम करने के प्रकरण में ईओडब्ल्यू को पूर्व बिशप की तलाश है लेकिन उसका कोई सुराग हासिल नहीं हो पा रहा है।
नोट गिनने के लिए बुलवानी पड़ी थी मशीनें
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने जब 8 सितंबर 2022 को पूर्व बिशप पीसी सिंह के घर पर छापेमारी की कार्रवाई की थी तब नोटों के इतने बंडल निकले कि अधिकारियों की आंखें भी फटी की फटी रह गई थी हालात ऐसे बने की नोट गिरने के लिए बैंक से मशीनें तक बुलवानी पड़ी थी, कई दिनों तक चली कार्रवाई के बाद इस पूरे मामले में ईडी की भी एंट्री हुई और प्रवर्तन निदेशालय ने भी बिशप के ठिकानों पर छापेमारी कर कई सुराग हासिल किए थे।