संजय गुप्ता, INDORE. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय में सचिव व सीनियर आईएएस अनुराग जैन (जिनका नाम प्रदेश के मुख्य सचिव के लिए भी चला था) की कुलपति बहन प्रोफेसर रेणु जैन मुश्किल में घिर गई है। मंगलवार को कांग्रेस ने उनकी कार्यशैली से नाराज होकर ज्ञापन दिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने हमारी सरकार आने पर देख लेने की धमकी दी, जिस पर कुलपति जैन ने भी कहा कि आपकी सरकार आई तो सात दिन में इस्तीफा दे दूंगी। कांग्रेस से विवाद चल ही रहा था कि अब बुधवार को बीजेपी की छात्र परिषद एबीवीपी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर जैन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और यूनिवर्सिटी के बाहर सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने जमा होकर कुलपति के इस्तीफे की मांग की है।
क्यों है एबीवीपी नाराज
एबीवीपी और कुलपति के बीच हाल ही के समय में दो सीधे-सीधे विवाद हुए हैं, एक विवाद स्कूल ऑफ लॉ की विभागाध्क्ष अर्चना रांका को लेकर हुआ और फिर होली मनाने को लेकर भी विवाद हुआ था, जब कुलपति ने आयोजन की मंजूरी नहीं दी। इसी तरह केरल फाइल्स के लेखक के कार्यक्रम की भी मंजूरी कुलपति ने ऐन वक्त पर रदद् कर दी। इन सभी के चलते एबीवीपी नाराज है। हालांकि ज्ञापन के मुद्दे यूनवर्सिटी में अनियमितताएं होना, परीक्षा तय समय पर नहीं होना जैसे बिंदु है।
कांग्रेस के साथ यह हो गया था विवाद
इसके पहले मंगलवार को यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं को लेकर यूनिवर्सिटी के लिए कांग्रेस समन्वयक तेजप्रकाश राणे के साथ पूर्व शहराध्यक्ष विनय बाकलीवाल व अन्य नेता पहुंचे थे। इसी दौरान विवाद हो गया और नेताओं ने कह दिया कि तीन माह में हमारी सरकार आ रही है तब देख लेंगे। इस पर कुलपति ने भी कह दिया कि ठीक है, आपकी सरकार आई तो सात दिन में इस्तीफा दे दूंगी। इस पर कांग्रेस नेताओं ने फिर पलटवार कर दिया कि यानी आप मानती है कि बीजेपी के लिए काम कर रही है। वहीं इस मामले में कुलपति जैन ने बाद में सफाई दी थी कि नेताओं ने धमकी भरे अंदाज में कहा था तो मैंने इस्तीफे की बात कही। हम संवैधानिक पद पर है और बिना किसी पक्षपात के कम करते हैं।
धारा 52 के बाद जैन ही बनी थी कुलपति
तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय कुलपति पद से डॉ. नरेंद्र धाकड़ को धारा 52 का उपयोग कर राज्य सरकार ने हटा दिया था। बाद में डॉ. रेणु जैन कुलपति बनी। इस धारा में अधिकतम एक साल का प्रावधान है। इसके बाद फिर कुलपति चयन की प्रक्रिया चली और जैन चार साल के कार्यकाल के लिए कुलपति नियुक्त हुई। लेकिन हाल में लगातार उनकी कार्यशैली को लेकर सभी पक्ष उंगली उठा रहे हैं।